क्या उत्तर प्रदेश के बलरामपुर रेलवे स्टेशन की खाली जगह पर रोहिंग्या मुस्लिमों ने डेरा डाला ?

False National Political

२९ मई २०१९ को फेसबुक पर Kiran Sharma नामक एक यूजर द्वारा एक पोस्ट साझा किया गया है | पोस्ट में एक फोटो दिया गया है | फोटो में कुछ झोपडिया तथा लोगों का जमावड़ा दिख रहा है | फोटो के ऊपर व नीचे लिखा है –

UP के बलरामपुर रेलवे स्टेशन की खाली पड़ी भूमि पर रोहिंग्या घुसपैठियों ने डेरा डालना शुरू किया |

उत्तर प्रदेश प्रशासन से अविलंब कार्यवाही की अपेक्षा है, वर्ना भविष्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने की पूरी गुंजाईश |

इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि UP के बलरामपुर रेलवे स्टेशन की खाली पड़ी भूमि पर रोहिंग्या घुसपैठियों ने डेरा डालना शुरू किया | तो आइये जानते है इस फोटो व दावे की सच्चाई |

ARCHIVE POST

संशोधन से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया | ‘यांडेक्स’ सर्च से हमे ‘The Washington Post’ का १२ जनवरी २०१७ को प्रसारित खबर का एक लिंक मिला, जिसमे पोस्ट में साझा तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है | तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि, यह २ दिसम्बर २०१६ को खिंची गई तस्वीर है | बांग्लादेश के ढाका शहर से १८३ मैलों की दुरी पर टेक्नाफ़ नामक तटीय जिले में स्थित एक शरणार्थी शिविर में रोहिंग्या दिखाई दे रहे है | फोटो का क्रेडिट Associated Press (AP) का दिया है |   

ARCHIVE POST

‘यांडेक्स’ सर्च से ही हमे ‘Fox News’ द्वारा प्रसारित खबर का लिंक मिला | इस खबर में Associated Press (AP) द्वारा जारी फोटो स्टोरी साझा की गई है | दो फोटो की इस स्टोरी में एक फोटो उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो ही है | ५ दिसम्बर २०१६ को AP की बाइलाइन से यह स्टोरी प्रसारित की गई है |

ARCHIVE FOX

‘गूगल’ सर्च से हमे ‘US News’ द्वारा ६ फरवरी २०१७ को प्रसारित खबर का एक लिंक मिला | इस खबर में भी इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और कैप्शन में लिखा है कि, बांग्लादेश के ढाका शहर से १८३ मैलों की दुरी पर टेक्नाफ़ नामक तटीय जिले में स्थित एक शरणार्थी शिविर में दिखाई दे रहे रोहिंग्या | फोटो का क्रेडिट A. M. Ahad/Associated Press (AP File) का दिया है |

ARCHIVE NEWS

इस संशोधन से इस बात की पुष्टि होती है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की नहीं है, बल्कि बांग्लादेश के टेक्नाफ़ नामक तटीय जिले में स्थित एक शरणार्थी शिविर में २०१६ में खिंची गई है |

अब हमने गूगल पर ‘rohingya muslims in balrampur in uttar pradesh’ इन कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |

परिणाम से हमें ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ द्वारा ७ सितम्बर २०१८ को प्रसारित एक खबर मिली, जो उत्तर प्रदेश और रोहिंग्या से सम्बंधित सबसे ताजा खबर है | खबर की हैडलाइन में लिखा है कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में निवास कर रहे सभी रोहिंग्या शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डाटा जमा करने का आदेश सभी जिलों को दिया है | खबर में प्रदेश के प्रधान मुख्य सचिव अरविन्द कुमार के हवाले से कहा गया है कि, पूरे उत्तर प्रदेश में २६९ रोहिंग्या शरणार्थी निवास कर रहे है, जिसमे से २४५ अकेले अलीगढ में रह रहे है | मीरत में १६, मथुरा में ४, गाजिआबाद में २ तथा सहारनपुर व वाराणसी में १-१ शरणार्थी है | इस लिस्ट में कहीं भी बलरामपुर का उल्लेख नहीं है, जैसा की उपरोक्त पोस्ट में दावा किया गया है |

ARCHIVE TOI

इस संशोधन से यह बात साफ़ तौर पर पता चलती है कि, पोस्ट में साझा फोटो उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि बांग्लादेश का है | साथ ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार बलरामपुर में रोहिंग्या की उपस्थिति का कोई प्रमाण पब्लिक डोमेन में नहीं है | अगर बलरामपुर में या उत्तर प्रदेश की किसी जगह पर रोहिंग्या शरणार्थियों की ताजा उपस्थिति की कोई खबर होती, तो वह मीडिया में जरुर प्रकाशित हो गई होती |

जांच का परिणाम :  इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में फोटो के साथ किया गया दावा कि, “UP के बलरामपुर रेलवे स्टेशन की खाली पड़ी भूमि पर रोहिंग्या घुसपैठियों ने डेरा डालना शुरू किया |” सरासर गलत है | तस्वीर बांग्लादेश की २०१६ की है तथा बलरामपुर में रोहिंग्या की उपस्थिति की कोई खबर नहीं है |

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Title:क्या उत्तर प्रदेश के बलरामपुर रेलवे स्टेशन की खाली जगह पर रोहिंग्या मुस्लिमों ने डेरा डाला ?

Fact Check By: Rajesh Pillewar 

Result: False