इन दिनों शिवसेना को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है, इस तस्वीर में आपको शिवसेना का नाम, चिन्ह, बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अन्य शिवसेना के नेताओँ की तस्वीर व टीपू सुलतान की तस्वीर भी देखने को मिलेगी। इस पोस्टर का रंग हरा है। इस तस्वीर को साझा करते हुए ये संकेत किया जा रहा है कि भगवा रंग को मानने वाली व छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से राजनीति करने वाली पार्टी ने उनके पोस्टर को हरे रंग में साझा करना शुरु कर दिय है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

मराठा मानुष, कट्टर भगवा वाद, छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से राजनीति करने वाले एक क्षेत्रीय राजनैतिक दल का वर्तमान कायाकल्प।”

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही तस्वीर को एडिट किया गया है। मूल पोस्टर पोस्टर पर केसरी और जामुनी रंग है, मूल पोस्टर को एडिट कर हरा रंग किया गया है।

सबसे पहले हमने इस तस्वीर की जाँच गूगल रीवर्स इमेज सर्च के माध्यम से की तो हमें सलमान हाशमी ऑफिशियल – एस.एचे नामक एक ट्वीटर अकाउंट मिला जिसमें वायरल हो रहे पोस्टर के जैसे कई पोस्टरों की तस्वीरें हमें देखने को मिली। इन तस्वीरों को देखने पर आपको समझ आएगा कि इन पोस्टरों के बोर्डर का रंग केसरी है, और बीच का रंग हर पोस्टर में अलग- अलग है।

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इसके पश्चात हमने उपरोक्त पोस्टर में दिख रहे मिरा- भायंदर के युवा शहर संघटक सलमान हाशमी से हमने संपर्क किया तो इस पोस्टर को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि,

"वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है, इस पोस्टर को एडिट कर हरा रंग दिया गया है। मेरे सारे पस्टरों का बोर्डर केसरी रंग होता है व आदरणीय बालासाहेब ठाकरे जी के गले में जो दुपट्टा है उसका रंग भी केसरी होता है। ये सब विपक्षी आई.टी सेल वालों का काम है, वे लोग शिवसेना को सांप्रदायिकता से जोड़ नफरत की राजनीति कर रहे है। जिन्होंने भी ये किया है मैं उनके ऊपर सख्त क़ानूनी कार्रवाई करने वाला हूँ। "

हमें सलमान हाशमी ने वायरल हो रहे पोस्टर की तस्वीर की मूल तस्वीर भी उपलब्ध करायी।

नीचे आप वायरल हो रही तस्वीर व मूल तस्वीर का तुलनात्मक विश्लेषण देख सकते है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है। मूल पोस्टर का वास्तविक रंग जामुनी और केसरी है, परंतु इसको एडिट कर इसको हरा रंग किया गया है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. भारतीय पासपोर्ट से राष्ट्रीयता का कॉलम नहीं हटाया गया है|

२. ट्रैक्टर बेचने वाली कंपनी ने विज्ञापन के लिए प्रसारित किये हुए वीडियो को किसानों के ट्रैक्टर मार्च से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

३. 2019 में कुछ सिख दलों द्वारा मानव अधिकार दिवस पर किये गए विरोध की तस्वीरों को वर्तमान किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।

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Title:शिवसेना के पोस्टर का रंग बदलकर उसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False