
१६ अगस्त २०१९ को “Amritansh Pandit FC” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “खुदाई में मंदिर निकला मैंने कहा जमीन हिन्दुओ को दे दो, पर कांग्रेस ने मुझे सस्पेंड करवा दिया – के के मोहम्मद ASI पूर्व डायरेक्टर वीडियो भी देखिए :- जय श्री राम” इस विडियो में हम शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वासिम रिज़वी को बात करते हुए देख सकते है, उन्होंने विडियो में कहा है कि ए.एस.आई के पूर्व निदेशक के.के मोहम्मद द्वारा लिखित किताब “मैं भारतीय हूँ” में इस बात का उल्लेख किया गया है कि बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष मिले थे, जिसके हम यह कह सकते है की उस मस्जिद के नीचे एक मंदिर दबा हुआ है अर्थात बाबरी मस्जिद इन मदिरों को तोड़कर उकसे मलबे से बने गयी थी | साथ ही इस विडियो में कहा गया है कि अयोध्या में खुदाई करते वक़्त के.के मोहम्मद स्वयं वहां मौजूद थे और खुदाई करने के बाद मंदिर ही निकला था |
इस विडियो के विवरण में लिखे टेक्स्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि-के.के मोहम्मद ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार से गुज़ारिश करते हुए इस ज़मीन को हिन्दुओं को देने के लिए कहा था जिस वजह से कांग्रेस सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था | इस विडियो को सोशल मीडिया पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह विडियो ४५० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस विडियो को “शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष वासिम रिज़वी बाबरी मस्जिद” इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें यूट्यूब पर ४ अक्टूबर २०१८ को भारत समाचार द्वारा प्रसारित खबर मिली जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “Shia Waqf Board अध्यक्ष Wasim Rizvi का बयान, Hindustan की जमीन पर कलंक है बाबरी ढांचा |” फेसबुक पर वायरल विडियो को हम १ मिनट के समय से देख सकते है |
इस विडियो को ५ अक्टूबर २०१८ को अमर उजाला ने भी प्रसारित किया था |
इसके अलावा हमें न्यूज़18 हिंदी द्वारा किया हुआ एक इंटरव्यू का लिंक मिला | इस इंटरव्यू में के.के मोहम्मद बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर बात करते हुए देखे जा सकते है | उन्होंने यह बात स्पष्ट रूप से कही है कि खुदाई के पश्चात उन्हें मंदिर के अवशेष मिले थे | उन्होंने इंटरव्यू में इस बात का उल्लेख किया है कि वे इस खुदाई के वक़्त इस टीम का हिस्सा ज़रूर थे परंतु वे सिर्फ निरिक्षण करने का काम करते थे | इस इंटरव्यू में उन्होंने ये कहीं पर भी नहीं कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार से गुज़ारिश करते हुए यह ज़मीन हिन्दुओं को देने के लिए कहा था |
१५ सितम्बर २०१८ को डीडी न्यूज़ द्वारा प्रसारित के.के मोहम्मद के इंटरव्यू में भी इस बात इस उल्लेख नही है कि उन्होंने कांग्रेस सरकार से इस बात की गुज़ारिश की थी की यह ज़मीन हिन्दुओं को दी जानी चाहिए |
इसके पश्चात अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर के.के मोहम्मद का प्रोफाइल मिला जिसमे लिखा गया है कि २०१२ में, के.के मुहम्मद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) के पद से सेवानिवृत्त हुए | इसमें उनके कांग्रेस सरकार द्वारा निलंबित होने की बात का कोई भी उल्लेख नही किया गया है |
इसके पश्चात हमने के.के मुहम्मद से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि “मैं खुदाई के चलते सिर्फ एक निरिक्षक था | मैंने कांग्रेस सरकार से ऐसी कोई गुज़ारिश नहीं की, साथ ही मुझे कभी निलंबित नही किया गया था, मैं २०१२ को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) के पद से सेवानिवृत्त हुआ था” |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है, के.के मुहम्मद ने बाबरी मस्जिद की ज़मीन हिन्दुओं को करने की गुज़ारिश कांग्रेस सरकार से नहीं की थी और ना ही उन्हें कभी कांग्रेस सरकार द्वारा निलंबित किया गया था |

Title:कांग्रेस ने ASI के पूर्व निदेशक के.के मोहम्मद को निलंबित नही किया |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
