
३१ अगस्त २०१९ को फेसबुक के ‘Arshad Siddique’ नामक एक यूजर द्वारा एक पोस्ट साझा किया गया है जिसमें दो तस्वीरें है | तस्वीरें दो बच्चों की है जो खून से लथपथ दिखाई दे रहे है |
पोस्ट के विवरण में लिखा गया है कि,
कश्मीरियों के लिए आवाज़ उठाने के लिए मुसलमान होना ज़रूरी नही,
आपका इंसान होना ही काफी है
26 वाँ दिन भूख प्यास और मौत
इस पोस्ट व्दारा किया यह दावा किया जा रहा है कि, यह तस्वीरें पिछले महीने राष्ट्रपति द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाये जाने के बाद वहां की जनता पर हो रही ज्यादतियों को बयान करती है | तो आइये जानते है इन तस्वीरों व दावे की सच्चाई |
मूल पोस्ट यहाँ देखें – ‘Arshad Siddique’ | ARCHIVE POST
अनुसन्धान से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने पोस्ट में साझा तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च किया | लड़के की तस्वीर के गूगल सर्च से हमें जो परिणाम मिला, वह आप नीचे देख सकते है |
इस सर्च से हमें ट्वीटर का एक लिंक मिला | Shehab News नामक यूजर के अकाउंट से यह ट्वीट २२ फरवरी २०१८ को किया गया था | इस ट्वीट में चार बच्चों की अलग अलग तस्वीरें दी है, जिनमे से एक तस्वीर वही है, जो उपरोक्त पोस्ट में साझा की गई है | यह ट्वीट आप नीचे देख सकते है |
इसके अलावा हमें farhana farooq नामक यूजर द्वारा २५ फरवरी २०१८ को किया गया एक और ट्वीट मिला, जिसमे खून से लथपथ बच्चे की यही तस्वीर इस्तेमाल की गई है | ट्वीट में लिखा गया है कि, बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी की मृत्यु पर सभी शोक व्यक्त कर रहे है, लेकिन हर रोज मरनेवाले हजारो लोगों की किसीको चिंता नहीं है | साथ ही हैशटैग दिया है – syriableeding | यह ट्वीट आप नीचे देख सकते है |
‘skynewsarabia.com’ नामक समाचार वेबसाइट पर २२ फरवरी २०१८ को अरबी भाषा में प्रसारित एक खबर में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है | इस खबर में सीरिया की सरकारी बमबारी में मारे गए और जख्मी हुए बच्चों का जिक्र किया गया है | और भी तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए क्रेडिट गेट्टी इमेजेस को दिया है | जब हमने गेट्टी इमेजेस पर जाकर देखा तो हमने इस तस्वीर के कैप्शन में ‘जख्मी सीरियन बच्चा’ लिखा हुआ पाया |
पूरी खबर यहाँ देखें – ‘skynewsarabia.com’ | ARCHIVE NEWS | ARCHIVE GETTY
इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि, खून से लथपथ इस बच्चे की तस्वीर कश्मीर की नहीं, बल्कि सीरिया की है और २०१८ से पब्लिक डोमेन में मौजूद है | इसका मतलब साफ़ है कि, यह तस्वीर कश्मीर से सम्बंधित नहीं है |
अब हमने लड़की की तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | इस तस्वीर के गूगल सर्च से हमें जो परिणाम मिला, वह आप नीचे देख सकते है |
विकिपीडिया के अनुसार ‘हाजरा’ यह मध्य अफ़ग़ानिस्तान के हाजराजाट के पर्बतों में निवास करनेवाली एक आदिवासी जमात है |
इसी सर्च परिणाम से हमें ‘hazarapeople.com’ नामक वेबसाइट पर हाजरा समुदाय के बारे में प्रसारित एक लेख मिला | १३ दिसम्बर २०११ को प्रसारित इस लेख में खून से लथपथ लड़की की तस्वीर इस्तेमाल की गई है |
पूरी खबर यहाँ पढ़ें – ‘hazarapeople.com’ | ARCHIVE NEWS
इसके अलावा हमें यह तस्वीर ‘azaranica.blogpost.com’ नामक एक ब्लॉग वेबसाइट पर भी मिली | हाजरा समुदाय के बारे में इस ब्लॉग पर लेख लिखे जाते है | Jaffar Attai नामक एक ब्लॉगर ने यह तस्वीर साझा की है, जिसके हाजरा समुदाय की लड़की होने का जिक्र है |
वेबसाइट का लिंक – ‘azaranica.blogpost.com’ | ARCHIVE LINK
इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि, खून से लथपथ इस लड़की की यह तस्वीर पब्लिक डोमेन में २०११ में साझा की गई थी तथा यह एक अफ़ग़ानिस्तान के हाजरा आदिवासी समुदाय की लड़की है |
अतः इस अनुसन्धान से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट के साथ साझा की गई दोनों तस्वीरें जम्मू-कश्मीर की नहीं है तथा घाटी से अनुच्छेद ३७० हटाने के काफी पहले से पब्लिक डोमेन में मौजूद है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों के साथ किया गया दावा कि, “खून से लथपथ इन बच्चों की यह तस्वीरें जम्मू-कश्मीर की है |” सरासर गलत है | पोस्ट में साझा तस्वीरें पुरानी है और पोस्ट में किये गए दावे के साथ सम्बंधित नहीं है |

Title:खून से लथपथ इन बच्चों की यह तस्वीरें जम्मू-कश्मीर की नहीं है |
Fact Check By: R PillaiResult: False
