
२ जून २०१९ को फेसबुक के ‘अंधभक्त धुलाई सेंटर’ पेज पर एक पोस्ट साझा किया गया है | पोस्ट में महिला पुलिस अफसर का एक फोटो दिया गया है | पोस्ट के विवरण में लिखा है –
आईपीएस #रुपा_यादव जी ने मोदी सरकार से #अवार्ड लेने से मना कर दिया है, बोली मेरा जमीर इजाज़त नही देता कि हमारे देश के शहीद #हेमंत_करकरे जिन्हें वीरता का सर्वोच्च सम्मान मिला है को भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद जो आतंकवाद की आरोपी है वो करकरे जी को देशद्रोही और गद्दार और गालियां देती और और उसकी पार्टी यहां मुझे अवार्ड देकर ढोंग कर रही।
#सैल्यूट तो बनता है भाईयो
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि आईपीएस रूपा यादव ने मोदी सरकार द्वारा दिया जाने वाला कोई पुरस्कार इसलिए नकारा है क्योंकि भोपाल से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा था | मीडिया में इस तरह की बात पढने में नहीं आने की वजह से हमने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की | तो आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |
इस सर्च से हमें यह पता चलता है कि, पोस्ट में फोटो तो आईपीएस रूपा दिवाकर मुदगिल का दिया है, लेकिन विवरण में उनका जो नाम लिखा है रूपा यादव, वह गलत है | आप को बता दें कि, आईपीएस अफसर डी. रूपा का नाम तब सुर्ख़ियों में आया था जब २०१७ में उन्होंने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री तथा दिवंगत अन्नाद्रमुक नेता जयललिता की सखी शशिकला को बंगलुरु सेंट्रल जेल में मिल रही सुविधाओं का पर्दाफाश किया था तथा एक वरिष्ठ पुलिस अफसर पर दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था | बाद में हुई जांच में उनके आरोप में तथ्य पाया गया |
इसके बाद हमने ‘IPS D Roopa declines award from modi govt’ इन की वर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
इस सर्च परिणाम से हमें २५ मार्च २०१८ को ‘बिज़नेस स्टैण्डर्ड’ द्वारा प्रसारित एक खबर मिली, जिसमे यह कहा गया है कि, डी. रूपा ने बंगलुरु की जानीमानी समाजसेवी संस्था नम्मा फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार इसलिए नकारा है, क्योंकि उनका जमीर यह पुरस्कार स्वीकारने की इजाजत नहीं दे रहा | इस पुरस्कार स्वरुप २ लाख रूपये की मोटी रकम दी जा रही थी | साथ ही इस संस्था से सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद राजीव चंद्रशेखर जुड़े हुए थे |
इसके अलावा हमें ‘फाइनेंसियल एक्सप्रेस’ द्वारा २७ मार्च २०१८ को प्रसारित एक और खबर मिली, जिसमे कहा गया है कि, डी. रूपा ने नम्मा बंगलुरु पुरस्कार स्वीकारने से इंकार किया है, जबकि नम्मा फाउंडेशन का कहना है कि, उन्हें इस अवार्ड के लिए चुना ही नहीं गया |
‘इंडिया टुडे’ द्वारा इसी विषय पर दी गई खबर में हमें नम्मा फाउंडेशन द्वारा जारी वह स्टेटमेंट भी मिला, जिसमे कहा गया है कि, डी. रूपा को इस पुरस्कार के लिए चुना ही नहीं गया था | वह स्टेटमेंट आप इस लिंक को क्लीक कर देख सकते है |
खबर में यह भी कहा गया है कि, नम्मा फाउंडेशन बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर द्वारा चलाया जाता है |
हमें ‘द ट्रिब्यून’ द्वारा १६ सितम्बर २०१७ को किया गया एक ट्वीट भी मिला, जिसमे डी. रूपा को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किये जाने की तस्वीर साझा की गई है |
इस संशोधन से यह बात साफ़ तौर पर पता चलती है कि, आईपीएस अफसर डी. रूपा ने मोदी सरकार द्वारा दिया गया अवार्ड नकारा यह दावा गलत है | उनको २०१७ में राष्ट्रपति पदक से नवाज़ा गया था | उपरोक्त पोस्ट में जिस अवार्ड की बात हो रही है, वह वास्तव में बंगलुरु के नम्मा फाउंडेशन के पुरस्कार के बारे में है | यह पुरस्कार लेने से डी. रूपा ने इसलिए इंकार किया था, क्योंकि इस संस्था से बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर का नाम जुड़ा हुआ है तथा इस पुरस्कार स्वरुप दो लाख रूपये की बड़ी राशी दी जाने वाली थी | इसलिए यह कहना गलत है कि, भोपाल से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा था इसलिए डी. रूपा ने अवार्ड नकारा | २०१८ की इस घटना की कड़ी वर्तमान सन्दर्भ के साथ जोड़कर इस पोस्ट को भ्रामक रूप से साझा किया जा रहा है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में फोटो के साथ किया गया दावा कि, “आईपीएस #रुपा_यादव जी ने मोदी सरकार से #अवार्ड लेने से मना कर दिया है, बोली मेरा जमीर इजाज़त नही देता कि हमारे देश के शहीद #हेमंत_करकरे जिन्हें वीरता का सर्वोच्च सम्मान मिला है को भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद जो आतंकवाद की आरोपी है वो करकरे जी को देशद्रोही और गद्दार और गालियां देती और और उसकी पार्टी यहां मुझे अवार्ड देकर ढोंग कर रही।” सरासर गलत है | डी. रूपा द्वारा नम्मा फाउंडेशन के अवार्ड को नकारना साध्वी प्रज्ञा के बयान के साथ भ्रामक रूप से जोड़ा गया है |

Title:क्या आईपीएस डी. रूपा मुदगिल ने साध्वी प्रज्ञा के करकरे पर बयान की वजह से मोदी सरकार द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार नकारा ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False

Some miscresnts attempt to misguide innocent people for their benefits, which is very vulgar mentility. I will try to find facts in future on such remarks.