
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को हालही में कथित तौर पर दिल्ली दंगों की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाने के लिये दस दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जिसके बाद सोशल मंचों पर उमर खालिद से संबन्धित खबरों की जैसे बाढ़ आ गयी है, जिनमें से अधिकतर दावे या तो फर्जी सिद्ध हुये हैं या फिर भ्रामक, इन दिनों एक ऐसा ही वीडियो सोशल मंचों पर चर्चा का विषय बना हुआ है, वीडियो में एक व्यक्ति को किसी गुम्बदनुमा इमारत के शीर्ष पर चढ़ एक झंडा फहराते हुये देखा जा सकता है, इस वीडियो के साथ जो दावा वाईरल हो रहा है उसके मुताबिक वीडियो में उमर खालिद एक मंदिर को क्षतिग्रस्त करते हुये उस के ऊपर हरा झंडा फहरा रहे है। वाईरल हो रहे वीडियो के शीर्षक में लिखा है,
“उमर खालिद की दुर्लभ फुटेज, मंदिर पर बर्बरता करना और उस पर एक हरे रंग का झंडा फहराना। आई स्टैंडविथ उमर खालिद।“
आपको बता दें कि यह वीडियो इंटरनेट पर कुछ महीनों पहले भी साझा किया गया था, और उमर खालिद का इस झंडा फहराने की घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है, विस्तार में जानने के लिए कृपया अनुसंधान पढ़ें।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
सबसे पहले अगर आप इस वीडियो को देखेंगे तब ही आपको समझ आ जाएगा कि इस वीडियो में मंदिर नहीं अपितु मस्जिद का दृश्य दिखाया गया है। इस वीडियो को गौर से देखने पर पहले कुछ सेकंड में दिख रहे गुम्बद पर आपको एक चाँद नज़र आएगा जिससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वीडियो में मस्जिद नज़र आ रहा है।
इसके बाद आपको वीडियो में एक व्यक्ति गुम्बद पर लगे चाँद को तोड़ने की कोशिश करते हुए नज़र आएगा और उसपर लाल रंग का झंडा वहाँ लगाते हुए नज़र आएगा।
इसके बाद आपको कुछ लोग उस मस्जिद पर पानी डालते हुए नज़र आएंगे।
इसते पश्चात वाईरल हो रहे वीडियो में दिखाई गयी घटना के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए हमने कीवर्ड सर्च का इस्तेमाल किया। कीवर्ड सर्च के दौरान हमने इस बात की भी जाँच करने की कोशिश की कि क्या वीडियो में कही भी उमर खालिद नज़र आ रहे हैं।
जाँच के दौरान हमें इस वाईरल हो रहे वीडियो के बारे में कई समाचार लेख मिले। उन समाचार लेखों में कही भी उमर खालिद का ज़िक्र नहीं किया हुआ था। समाचार लेखों में यह लिखा था कि
“यह घटना दिल्ली के अशोक नगर की है। घटना इस वर्ष फरवरी में हुए दिल्ली दंगों के समय की है।“
समाचार लेख में लिखा है कि दिल्ली के अशोक नगर की एक मस्जिद में आग लग गई थी। कुछ लोगों का झुंड जय श्रीराम और हिंदुओं का हिंदुस्तान ऐसे नारे लगाकर मस्जिद के पास घूम रहे थे। जलती हुई मस्जिद के मिनार पर कुछ लोगों ने हनुमान जी का झंडा लगाया गया।
समाचार पत्र में यह भी लिखा है कि द वायर के एक पत्रकार इस घटना के समय वहाँ मौजूद थी।
इस रिपोर्टर की मौजूदगी में मस्जिद के परिसर के भीतर और आसपास की दुकानों, जिनमें एक फुटवियर की दुकान भी शामिल थी, लूटी गई थी। स्थानीय लोगों ने द वायर को बताया कि लूटेरे उस इलाके के निवासी नहीं थे।
जाँच के दौरान हमें द वायर द्वारा इस घटना का वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया हुआ मिला।
इसके पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने द वायर की पत्रकार नाओमी बार्टन, जो घटना स्थल पर मौजूद थी उनसे संपर्क किया, उनके द्वारा हमें बताया गया कि,
“मैंने वीडियो में दिख रहे घटना स्थल पर कोई मंदिर नहीं देखा था, मैंने वहाँ एक मस्जिद को जलते हुए देखा। मैं इस बात से चकित हूँ कि कोई कैसे मंदिर या मस्जिद को लेकर भ्रमित हो सकता है क्योंकि वीडियो में साफ तौर पर मस्जिद नज़र आ रहा है।“
नाओमी ने भी घटना की जानकारी देते हुए उमर खालिद का घटना स्थल पर होने का ज़िक्र नहीं किया।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत व भ्रामक पाया है। वाईरल हो रहे वीडियो में मंदिर नहीं बल्की मस्जिद है और उसपर भगवा रंग का झंडा फहराया गया था व उमर खालिद की उस घटना स्थल पर मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है।

Title:क्या दिल्ली में हुए दंगों के दौरान उमर खालिद ने मंदिर को क्षति पहुँचाकर उसपर हरा झंडा फहराया था? जानिए क्या है सच…
Fact Check By: Rashi JainResult: False

Dear Rashi,
Thanks for the fact check done. Huge respect for all fact checking community. My name is Guddu the same person who’s tweet is been shared in the article. My tweet was a sarcastic satire in favor & support of Umar Khalid. If you had gone a mile extra to check my twitter timeline, you must have had an Idea of political ideologue. Further more if you could see my profile picture, it says “Free Umar Khalid”. I wasn’t trying to propagate any fake news. Your colleague Mr Abdul has checked my timeline & please check his comment below the above quoted tweet. Hope to see a positive action from your end.
Thanks in advance for your cooperation 🙏