२ सितम्बर २०१९ कोSyed Dilshad Ali” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “#29 दिन से घर मे क़ैद,कश्मीरी# राशन पानी से महरूम, बीमारों को दवा-इलाज नहीं, संचार के सारे माध्यम बंद, बोलने वाले नेता गिरफ्तार, इलाज की बात करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, विपक्ष वहाँ नही जा सकता, कोई डर से उनके लिए बोल नही सकता, क्योंकि वहां सब ठीक है! #28daysofkashmirshutdown# कश्मीरियों के हाथ में पत्थर तो सब कुत्तों को दिखता है लेकिन भूख से मर रहे कश्मीरी किसी को नज़र नहीं आ रहे हैं #Savekhshmir# ? जो कौम जुल्म के खिलाफ अवाज़े नहीं उठाती वो लाशें उठाती है (हजरत अली रजी०) #saveKashmir# |”

इस पोस्ट में चार तस्वीरें देखी जा सकती है जिसके माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें कश्मीर की वर्तमान स्थिति को दर्शाती हैं, जिसमे हम घायल कश्मीरियों को देख सकते है | तस्वीरों को देखने से लगता है कि वहां के लोगों पर अत्याचार हो रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ६०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थीं |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुआत हमने इन तस्वीरों को अलग अलग करते हुए चार तस्वीरों का स्क्रीनशॉट ले गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम से हमने इन तस्वीरों को पुराना और असंबंधित पाया है |

पहली तस्वीर का परिणाम-

परिणाम से हमें कई ट्वीट मिले जो ६ महीने पुराने थे जिनमें इसी वायरल तस्वीर को पोस्ट किया गया था | १८ फरवरी २०१९ को किया गया इस ट्वीट के शीर्षक में लिखा गया है कि “यार पोपोगंडा तो ठीक है पर मेकअप तो अच्छे से कर लेते |

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दूसरी तस्वीर का परिणाम-

हमने पाया कि यह तस्वीर ५ अक्टूबर २०१० को कश्मीर फ्रीडम स्ट्रगल नामक एक ब्लॉग द्वारा प्रकाशित की गयी थी | इस ब्लॉग के अनुसार यह लेख व तस्वीरें कश्मीर में भारतीय क्रूरता का अध्ययन है | इस ब्लॉग में कश्मीर को लेकर कई और तस्वीरें भी संग्लित की गयी हैं | हम इस तस्वीर से संबंधित सटीक घटना का पता नहीं लगा सके परंतु ये स्पष्ट हो जाता है कि यह तस्वीर २०१० से इन्टरनेट पर उपलब्ध है |

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तीसरी तस्वीर का परिणाम-

हमने पाया कि यह तस्वीर ४ नवम्बर २०१५ को द मुस्लिम न्यूज़ द्वारा प्रकाशित खबर मिली, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “कश्मीर की लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल पर दो भारतीय सैनिक मारे गए” | इससे ये साफ़ हो जाता है कि यह तस्वीर २०१५ से इन्टरनेट पर उपलब्ध है |

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चौथी तस्वीर का परिणाम-

हमने पाया कि यह तस्वीर ९ अगस्त २०१३ को AFP द्वारा गेट्टी इमेज पर अपलोड की गयीं थी | इस तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “९ अगस्त २०१३ को श्रीनगर में प्रदर्शनकारियों और भारतीय पुलिस अधिकारियों के बीच झड़प के दौरान एक कश्मीरी व्यक्ति एक घायल महिला को ले जाते हुए देखा जा सकता है | एक पुलिस अधिकारी और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि श्रीनगर में ईद की नमाज के बाद हुई झड़पों के दौरान २० पुलिसवालों सहित कम से कम ३० लोग घायल हो गए |”

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पोस्ट में साझा की गयी तस्वीरें अलग अलग घटनाओं की है, व काफी पुरानी है व असम्बंधित हैं, वर्तमान में इन तस्वीरों का कश्मीर की मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है |

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Title:पुरानी, असंबंधित तस्वीरों को कश्मीरियों की वर्तमान स्थिति का बताते हुये फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False