असदुद्दीन ओवैसी का ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे फोटो फ्रेम को लेने से इनकार करने वाले इस वीडियो की सच्चाई कुछ और है…

Misleading Political

ओवैसी ‘गुंबद-ए-खजरा’ के बगल में अपनी फोटो लगे होने से नाराज थे। उन्होंने अपनी तस्वीर को हाथ से ढककर फोटो तो खिंचवाई, लेकिन उस फोटो फ्रेम को सम्मान के साथ लेने से मना कर दिया।

इस दिनों ‘आई लव मोहम्मद’ का विवाद काफी गरमाया हुआ है। जिससे जोड़ते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है। इसमें दिखाई दे रहा है कि वह युवाओं के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं और पास में खड़े लोगों से कुछ कह रहे हैं। वहीं पोस्टर में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा है और गुंबद-ए-खजरा जो (मदीना में धार्मिक स्थल) है वह बना हुआ है। साथ में ओवैसी की तस्वीर भी नजर आ रही है, जिसे एक शख्स ने हाथ से ढका हुआ है।यह वीडियो साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर को लेकर चल रहे विवादों से बचने के लिए ओवैसी ने यह पोस्टर लेने से इनकार कर दिया।यूज़र ने यह वीडियो इस कैप्शन के साथ साझा किया है…

ओवैसी ने आई लव मोहम्मद की तस्वीर लेने से किया मना बोले, मुझे इस झमेले में मत फसाओ

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो की जांच में की-फ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिए ढूंढना शुरू किया। परिणाम में हमें एतेमाद डेली के इंस्टाग्राम हैंडल पर पूरा वीडियो मिला जिसे 3 अक्टूबर 2025 को अपलोड किया गया था। यहां दिखाई देता है कि कुछ लोगों की भीड़ ओवैसी को ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर पकड़ाती है, वह पोस्टर पकड़कर फोटो भी खिंचाते हैं। तभी ओवैसी की नजर पोस्टर में उनकी खुद की तस्वीर पर पड़ती है। जिस पर वह अपनी तस्वीर को हाथ से छुपाने के लिए कहते हैं। और फिर यह पोस्टर यह कहते हुए वापस कर देते हैं कि, “कहां गुंबद-ए-खजरा कहां मैं , हाथ रखो इस पर… ये नहीं करना चाहिए, कहा आप लोग मुझे गुनहगार बना रहे हो।“

हमें इस दावे से जुड़ी एक पोस्ट एनडीटीवी के एक्स पर भी साझा किया हुआ मिला, जिसे 3 अक्टूबर 2025 में देखा जा सकता है। इसके साथ लिखे कैप्शन में यही बताया गया है कि, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को आई लव मोहम्मद वाली तस्वीर तोहफे में दी। ओवैसी ने पहले तो उसे ले लिया। लेकिन जैसे ही उन्होंने देखा कि गुंबद-ए-खजरा के बगल में उनकी तस्वीर भी है, तो वो थोड़े नाराज हो गए। उन्होंने उन्होंने फोटो फ्रेम पर अपनी तस्वीर ढकने के लिए कहा। इसमें वे कह रहे हैं कि ‘कहां गुंबदे खिजरा..और कहां मै’। 

पड़ताल में हमें हिंदुस्तान, टीवी 9 भारतवर्ष, और एबीपी न्यूज़ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें बताया गया है कि ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखी हुई तस्वीर इसलिए नहीं ली, क्योंकि उसमें गुंबद-ए-खजरा के साथ उनकी भी फोटो लगी हुई थी।

पड़ताल के दौरान हमने असदुद्दीन ओवैसी के आधिकारिक एक्स हैंडल को भी चेक किया। हमें पता चला कि ‘फ़ुजैल फ़ारूक़’ नाम के एक एक्स यूजर ने एक वायरल पोस्ट के जवाब में दावे का खंडन किया था, जिसे ओवैसी द्वारा भी रिपोस्ट किया गया है।बताया गया है कि ओवैसी की नाराजगी की मुख्य वजह यह थी कि उनके समर्थकों ने पवित्र गुंबद-ए-खजरा के बगल में उनकी तस्वीर को लगा दिया था। इसलिए उन्होंने अपनी तस्वीर को हाथ से ढककर फोटो तो खिंचवाई, लेकिन उस फोटो फ्रेम को सम्मान के साथ लेने से मना कर दिया था।

हमने गुंबद-ए-खजरा के बारे में भी मालूमात की। गूगल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक गुंबद-ए-खजरा सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित एक हरा गुंबद है। इसे इस्लाम के अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यह पैगंबर मुहम्मद और उनके दो साथियों, खलीफा अबू बक्र और खलीफा उमर के मकबरों के ऊपर बना है। “खजरा” अरबी भाषा में हरे रंग को कहा जाता हैं, और इसी हरे रंग के कारण इसका नाम गुंबद-ए-खजरा पड़ा।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। असल में असदुद्दीन ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे फोटो फ्रेम को लेने से इसलिए इनकार किया था क्यूंकि, उसमें गुंबद-ए-खजरा के साथ उनकी भी फोटो लगी हुई थी। और ओवैसी ने इसे ‘गुंबद-ए-खजरा’ की तौहीन के तौर पर देखा। इसलिए उन्होंने फोटो फ्रेम पर अपनी तस्वीर को हाथ से ढकने के लिए कहा। साथ ही उस फोटो फ्रेम को सम्मान के साथ लेने से भी मना कर दिया। लेकिन उनके उसी पल के वीडियो को ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर को लेकर चल रहे विवादों से बचने के रूप में जोड़ कर भ्रामक दावे से साझा कर दिया गया।

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Title:असदुद्दीन ओवैसी का ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे फोटो फ्रेम को लेने से इनकार करने वाले इस वीडियो की सच्चाई कुछ और है…

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: Misleading

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