सोशल मीडिया पर एक लड़का और एक महिला का फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ज्योति पाठक नाम की हिन्दू महिला ने अपने पति की मौत के बाद अपने बेटे विकास पाठक से शादी कर ली है। वीडियो को सनातन धर्म पर निशाना साधते हुए शेयर किया जा रहा है।

वायरल वीडिय़ो के साथ यूजर ने लिखा है- सनातन धर्म का हिन्दू विकास पाठक अपनी मां ज्योति पाठक से की शादी कर ली, अंधभक्तों पहले सनातन धर्म को देखो सनातन धर्म में, बाप बेटी से शादी कर रहा है, बहन भाई से शादी कर रही है मां बेटे से शादी कर रही है,, और बदनाम मुसलमान को कर रहे है, इससे पता चलता है कि तुम एक बाप नहीं हो

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के साथ शेयर की जा रही तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल पोस्ट की खबर हमें ढाका ट्रिब्यून न्यूज में मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। ये खबर 27 मई 2013 को प्रकाशित की गई थी। इससे ये स्पष्ट है कि ये खबर काफी पुरानी है।

खबर के अनुसार एक भारतीय महिला विजय कुमारी को उसके बेटे कन्हैया ने जेल से बाहर निकाला, जिसे महिला ने 19 साल पहले जेल में ही जन्म दिया था।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की जांच करने पर ये खबर न्यूज़18 और अमर उजाला सहित कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स में छपी हुई है। किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि मां बेटे ने शादी की थी।

प्रकाशित खबर के अनुसार, तस्वीर में दिख रही महिला का नाम विजय कुमारी है जो उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और उनके साथ खड़ा लड़का उनका बेटा कन्हैया है।

साल 1993 में विजय कुमारी को अपने पड़ोसी के बच्चे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के समय उनके दो बच्चे थे और वह गर्भवती थीं। ये खबरें तब छपी थीं जब विजय को अपने बेटे कन्हैया की मदद से कई सालों बाद रिहाई मिली थी। विजय कुमारी जब लखनऊ जेल में थीं तब उनका एक बेटा पैदा हुआ था जिसका नाम कन्हैया रखा गया। साल 1996 में विजय को कोर्ट ने जमानत तो दे दी थी लेकिन लेकिन उसका पति बॉन्ड की राशि और गारंटर का इंतजाम नहीं कर पाया था, इसलिए मामला दब गया।

12 जुलाई 2013 को गल्फ़ न्यूज़ में प्रकाशित खबर में विजय कुमारी और कन्हैया की टिप्पणी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक कन्हैया को ख़बर मिली कि जेल में उसकी दोस्त बनी एक महिला को जमानत मिल गई है, और उसने सुझाव दिया कि विजय को भी जमानत मिल सकती है। उसने उसे इलाहाबाद के एक वकील अरविंद कुमार सिंह से संपर्क करने का सुझाव दिया।

इस बारे में पता चलने पर वकील ने तुरंत इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विजय की रिहाई की मांग की। इसके बाद, अप्रैल 2013 में अदालत ने कन्हैया को तलब किया। अदालत में उसने अपनी मां की रिहाई की गुहार लगाई। अदालत ने आदेश दिया कि विजय को तुरंत रिहा किया जाए और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह महिला को पर्याप्त मुआवजा दे। आखिरकार 4 मई 2013 को विजय कुमारी जेल से रिहा हो गई। तब ये खबर प्रकाशित की गई थी।

साफ है, विजय कुमारी और कन्हैया नाम के मां-बेटे की तस्वीर को विकास पाठक और ज्योति पाठक का बताकर फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, विकास पाठक और ज्योति पाठक नाम के कथित हिंदू मा-बेटे की आपस में शादी वाली पोस्ट फर्जी है। तस्वीर में दिख रहे महिला और लड़के का नाम विजय कुमारी और कन्हैया है। दोनों माँ-बेटे तो हैं लेकिन इनके बीच शादी का दावा सही नहीं है।

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Title:विकास पाठक और ज्योति पाठक नाम के कथित हिंदू मा-बेटे की आपस में शादी वाली पोस्ट फर्जी है……

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False