फैक्ट क्रेसेंडो को यह स्पष्टीकरण मिला है कि, दिल्ली कार धमाके को लेकर विशेष पुलिस आयुक्त ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है। उनके नाम पर फैलाया जा रहा बयान पूरी तरह भ्रामक है।

अभी हाल ही में दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। ब्लास्ट एक कार के अंदर हुआ था, जिसकी चपेट में कई वाहन आ गए थे और मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। वहीं इसकी जांच में हर रोज नए – नए खुलासे हो रहे हैं। इसी संदर्भ से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। जिसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रवीन्द्र यादव ने यह कहा कि ब्लास्ट की घटना कोई आतंकी हमला नहीं, बल्कि एक सीएनजी सिलेंडर ब्लास्ट था। वायरल पोस्ट में कथित तौर पर लिखा गया है…
लालक़िला मेट्रो के गेट 1 पर हुआ विस्फोट एक दुर्भाग्यपूर्ण CNG सिलेंडर विस्फोट था आतंकी हमला नहीं! स्पेशल सीपी रवींद्र यादव (कानून एवं व्यवस्था) ने इसकी पुष्टि की है!

अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में सबसे पहले स्पेशल सीपी (कानून एवं व्यवस्था) रवींद्र यादव के बयान को ढूंढना शुरू किया, जैसा दावा वायरल पोस्ट में किया गया है। लेकिन हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि कर सके। क्यूंकि अगर उनकी तरफ से ऐसा कोई बयान दिया गया होता, तो वह मीडिया में जरूर होती।
जांच में हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें दिल्ली में हुए ब्लास्ट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से आत्मघाती हमला मानने की जानकारी दी गई है।
एएनआई के एक्स हैंडल पर 11 नवंबर 2025 को किए गए एक पोस्ट के अनुसार, उत्तरी दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस राजा बांठिया मीडिया को जानकारी देते हुए यह बता रहे थें कि पुलिस की तरफ से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और बीएनएस की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जांच के शुरुआती चरण में पुलिस द्वारा जिन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है वो आतंकवादी हमले के लिए सजा और साजिश से संबंधित हैं।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, लाल किले के पास हुआ धमाका राष्ट्रीय राजधानी का पहला फिदायीन हमला था। डॉ. उमर आत्मघाती हमलावर था। और उसके सहयोगी साजिशकर्ता को भी गिरफ्तार किया गया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में लाल किले के पास चांदनी चौक में 10 नवंबर को हुंडई i20 कार में ब्लास्ट सुसाइड अटैक ही था। NIA की तरफ से यह बताया गया कि कार चला रहा डा. उमर उल नबी एक आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) था। ऐसा पहली बार था, जब किसी सुरक्षा एजेंसी की तरफ से ऑफिशियल तौर पर इसकी पुष्टि की गई।
और पड़ताल किए जाने पर हमें पीआईबी फैक्ट चेक के X अकाउंट से 11 नवंबर 2025 को किया गया एक पोस्ट भी मिला, जिसमें वायरल दावे का खंडन किया गया था।
पीआईबी के फेसबुक पेज पर भी यहीं पोस्ट साझा किया हुआ देख सकते हैं, जिसमें वायरल पोस्ट के दावे का खंडन किया गया है।
अंत में हमने अपनी जांच को और स्पष्ट करने के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर रवीन्द्र यादव के कार्यालय से भी संपर्क किया। जहां इस दावे का खंडन करते हुए यह अवगत कराया गया कि ऐसा कोई बयान उनकी तरफ से नहीं दिया गया है। वायरल पोस्ट फर्जी है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रवींद्र यादव की तरफ से दिल्ली में हुए धमाके को सीएनजी विस्फोट नहीं बताया गया है। फैक्ट क्रेसेंडो को मिले स्पष्टीकरण के अनुसार, दिल्ली कार धमाके को लेकर विशेष पुलिस आयुक्त ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है।
Title:दिल्ली पुलिस की तरफ से लाल किला के पास हुए धमाके को नहीं बताया गया है सीएनजी ब्लास्ट, फर्जी बयान हो रहा है वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False


