
सोशल मंचो पर एक बहुचर्चित पोस्ट में दो तस्वीरें को संग्लित कर ये दावा किया जा रहा है कि पुलिस अधिकारी एस.पी सारा थॉमस द्वारा मंदिर में यीशु की तस्वीर को पुजारी पर दबाब बना रखा गया है।
पहली तस्वीर में आपको एक महिला पुलिस अधिकारी व दो पुरुष पुलिस अधिकारी मंदिर में खड़े नज़र आएंगे। उस तस्वीर में आपको एक पुजारी भी नज़र आएगा जो मंदिर में भगवान की तस्वीर रखते हुए नज़र आ रहें है।
दूसरी तस्वीर में आपको मंदिर में भगवान की मूर्ति के नीचे एक तस्वीर रखी नज़र आएगी।
वायरल पोस्ट के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक कर्नाटक के चामराजनार जिले की एस.पी दिव्या सारा थॉमस ने कोलेजला में अंजनेय मंदिर के पुजारी पर मंदिर में यीशु की तस्वीर रखकर उसकी पूजा करने के लिए दबाव डाला है। पोस्ट के साथ जो शीर्षक है उसमें लिखा है,
“चामराजनार जिले की एसपी दिव्या सारा थॉमस ने कोलेजला में अंजनेय मंदिर का दौरा किया है। एसपी ने कथित तौर पर पुजारी पर मंदिर के गर्भगृह के अंदर यीशु की तस्वीर रखने का दबाव डाला और पूजा करने के लिए कहा।“
आर्काइव लिंक
इस पोस्ट को विभिन्न सोशल मंचों पर काफी तेज़ी से वायरल किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
उपरोक्त पोस्ट की जाँच सबसे पहले हमने कीवर्ड सर्च के माध्यम से की तो हमें कर्नाटक के राज्य पुलिस के फैक्ट चेक का एक लेख मिला जिसमें उन्होंने विस्तार से ये स्पष्ट किया है कि एस.पी दिव्या सारा थॉमस ने मंदिर के पुजारी को यीशु की तस्वीर मंदिर में रखने के लिए मजबूर नहीं किया था बल्कि पुजारी ने खुद ही अपने मन से वह तस्वीर मंदिर में रखी थी। लेख में लिखा है,
“स्थानीय पुलिस अधिकारियों और स्वतंत्र स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सही तथ्य यह है कि 05/08/2020 को, चामराजनगर जिले के एस.पी ने जिले की कमान संभाली थी, जिसके उपरांत उन्होंने हाल ही में बाढ़ संबन्धी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए के लिए कोल्लेगल तालुके में दौरा किया था, वीरनंजय मंदिर कोल्लेगल शहर के भक्तों ने एस.पी से मंदिर का दौरा करने का अनुरोध किया। मंदिर में अकसर विभिन्न आस्था के भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। यह महसूस करने पर कि नयी एस.पी एक अलग धर्म से है तो पूजा पूरी करने के बाद पुजारी ने उसे यीशु मसीह की एक फोटो के -साथ हिंदू देवताओं के फोटो भेंट की। एस.पी ने पुजारी या भक्तों को यीशु मसीह के लिए अर्चना की पेशकश करने के लिए मजबूर नहीं किया है और न ही वह अपने साथ कोई फोटो मंदिर में ले गयी थीं। घटना की तस्वीरों को गलत तरीके से समझा गया है और गलत जानकारी के साथ सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।”
कर्नाटक के राज्य पुलिस के फैक्ट चेक के लेख में अंजनेय स्वामी मंदिर के पुजारी ने वीडियो के रूप में यीशु की तस्वीर मंदिर में रखने और उनकी पूजा करने पर माफी मांगी है। वीडियो में उन्होंने ने कन्नडा भाषा में कहा कि,
“मैं भगवंत नगर में स्थित अंजनेय स्वामी मंदिर की ओर से सभी हिंदू भक्तों और हिंदू संगठनों को संबोधित कर रहा हूँ। हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित पूजा के संबंध में अर्थात्, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और आर.एस.एस 5 तारीख (2020) को राम जन्म भूमि पर शिलान्यास के अवसर पर हमने मंदिर में पूजा के दौरान अन्य मान्यताओं के समुदाय के भगवान की एक तस्वीर मंदिर में रखी थी। उस तस्वीर को मंदिर में रखकर हमारा हिंदुओं या हिंदू संस्कृति या मान्यताओं को चोट पहुंचाने का कौई इरादा नहीं था। हमने हिंदू के रूप में जन्म लिया है, हम हिंदू धर्म से प्यार करते हैं और हम उसी तरह का पालन करते हैं जैसा हमारे पूर्वज करते थे। आगे से हम हिन्दू आस्था को ध्यान में रखते हुये ऐसी चीजों का ध्यान रखेंगे।“
इसके पश्चात हमने चामराजनार जिल्हे की एस.पी दिव्या सारा थॉमस से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि,
वायरल हो रही तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ फैलाया जा रहा है। यह बात सरासर गलत है कि मैंने अंजनेय स्वामी मंदिर के पुजारी को यीशु की तस्वीर रखकर उनकी पुजा करने पर मजबूर किया है। हमने पुलिस की ओर से हमारे फैक्ट चेक के लेख में इस घटना स्पष्टिकरण भी दिया है। यह घटना मेरे चामरीजनार की एस.पी बनने के बाद की है। मैं शहर में दौरे पर गयी थी लोगों के कहने पर मैं मंदिर गयी थी और क्योंकि मैं ईसाई धर्म से हूँ तो मंदिर के पुजारी ने मेरे सम्मान में यीशु की तस्वीर मंदिर में रखी थी। हमने हमारे लेख में मंदिर के पुजारी का वीडियो भी संग्लित किया है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को भ्रामक पाया है। एस.पी सारा थॉमस ने पुजारी को यीशु की तस्वीर रखने के लिए मजबूर नहीं किया था, पुजारी ने खुद ही वह तस्वीर एस.पी के सम्मान में मंदिर में रखी थी।

Title:एस.पी दिव्या सारा थॉमस द्वारा अंजनेय मंदिर के पुजारी पर यीशु की तस्वीर रखने के दबाब को लेकर हो रहे दावे गलत हैं ।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
