इंटरनेट पर अकसर राज्य सरकारों के नाम से कई पोस्ट साझा किये जाते है जिनमें दावा किया जाता है कि वायरल पोस्ट में दी गयी सूचना राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी है, हालांकि वे पोस्ट फर्ज़ी होते है। ऐसा ही एक पोस्ट सोशल मंचों पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है व उसके साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना कर स्पष्ट किया है कि मदरसे/मस्जिद के स्टाफ से दुर्व्यवहार करने, मदरसे/मस्जिद की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, मदरसे/मस्जिद के किसी भी कार्य में बाधा डालने व मदरसे/मस्जिद के किसी भी सदस्य को धमकाने के लिए ऐसा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर उन्हें तीन वर्षों तक की कैद हो सकती है। इस पोस्ट के साथ राजस्थान की कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर इस प्रकार के प्रावधान के लिए तंज कसा जा रहा है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

कांग्रेस मुस्लिम पार्टी। राजस्थान सरकार के द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण IPC की धारा में मदरसा मस्जिद के संदर्भ में निर्णय लेकर तमाम आलम ए इस्लाम के लोगों को राहत पहुंचाने का एक शानदार गिफ्ट हिंदुओ को जन्माष्टमी पर दिया है अब अगर जिहादी आपके घर के आगे मजार या मस्जिद बनाते है और आप उनको रोकते है तो 3 साल के लिए आपको सीधे जेल होगी।कोई जमानत नही। आप आगे भी कांग्रेस को वोट देकर अपने घर में ही मजार बनवा सकते हो वो भी फ्री में। इस भाईचारे का सारा श्रेय सेकुलर हिंदुओ को जाता है गहलोत सरकार का सभी सेकुलर हिंदुओ की तरफ से आभार प्रकट करते हैं और सारे सेकुलर हिन्दू गहलोत सरकार से उम्मीद करते है की वो ऐसे ही हिंदुओ की जड़े आगे भी खोदते रहे। और इस सुंदर कार्य के लिए सेकुलर हिंदुओ का वोट आपके लिए पक्का समझे।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान वायरल हो रहे पोस्ट को फर्ज़ी पाया है। राजस्थान सरकार ने इस तरह की कोई सूचना जारी नहीं की है।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल रहे पोस्ट में दी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुये गूगल पर कीवर्ड सर्च किया, परिणाम में हमें इंटरनेट पर इस सम्बन्ध में कोई भी विश्वसनीय समाचार लेख नहीं मिला जो इस पोस्ट में दी गया जानकारी की पुष्टि करता हो।

इसके बाद फैक्ट क्रेसेंडो ने राजस्थान सरकार के सोशल मीडिया के पी.आर.ओ, आशिष जैनइलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहायक निदेशक, विजय खंडेलवाल से संपर्क किया। उनसे हमने वायरल हो रहे पोस्ट की सच्चाई के बारे में जानने की कोशिश की, उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रहा पोस्ट फर्ज़ी है, बिलकुल फेक है। राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई कानून नहीं बनाया है व ऐसी कोई सूचना जारी नहीं की है। हमने वायरल हो रहे पोस्ट का हमारे आधिकारिक सोशल मंचों पर खंडन भी किया है।“

इसके बाद हमने उपरोक्त जानकारी के आधार पर गूगल पर कीवर्ड सर्च किया व हमें डी.आई.पी.आर फैक्ट चेक का आधिकारिक फेसबुक पेज मिला जिस पर वायरल हो रही तस्वीर इस वर्ष 1 सितंबर को प्रकाशित की गयी थी व तस्वीर में दी गयी जानकारी का खंडन करने हुये पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, सोशल मीडिया पर चल रहा यह समाचार मिथ्या और भ्रामक है। राजस्थान सरकार इसका खंडन करती है।

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तदनंतर हमें डी.आई.पी.आर फैक्ट चेक का आधिकारिक ट्वीटर हैंडल भी मिला व राजस्थान सरकार ने ट्वीटर पर भी वायरल हो रहे पोस्ट का खंडन किया है। डी.आई.पी.आर फैक्ट चेक ने इस वर्ष 1 सितंबर को ट्वीट किया है। ट्वीट के शीर्षक में लिखा है, “सोशल मीडिया पर चल रहा यह समाचार मिथ्या और भ्रामक है। राजस्थान सरकार इसका खंडन करती है।“

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तत्पश्चात ट्वीटर पर हमें इसी पोस्ट का स्पष्टीकरण राजस्थान पुलिस द्वारा उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर दिया हुआ मिला। उन्होंने इस वर्ष 1 सितंबर को ट्वीट करते हुये लिखा है, “कुछ समय से शरारती तत्वों द्वारा आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो की मिथ्या एवं भ्रामक है। हमारा आपसे निवेदन है ऐसे किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड न करे। इस तरह के दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।“

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तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। हमने इस पोस्ट को फर्ज़ी पाया है। राजस्थान सरकार ने इस तरह की कोई सूचना जारी नहीं की है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के नाम से वायरल हो रहा विवादित फेसबुक पोस्ट फर्ज़ी है।

२. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नाम से फर्जी विवादित ट्वीट हुआ वायरल।

३. महाराष्ट्र के अहमदनगर में किये गये मॉक ड्रिल के वीडियो को वास्तविक बैंक डकैती का बता फैलाया जा रहा है |

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Title:राजस्थान सरकार द्वारा मस्जिद/मदरसों को लेकर सोशल मंचों पर वायरल अधिसूचना की तस्वीर फर्जी है

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False