यह वीडियो पुराना है। इसका फिरोज़पुर में आयोजित पीएम मोदी की रैली से कोई संबन्ध नहीं। गलत दावे के साथ यह वीडियो फैलाया जा रहा है।

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद पूरी राजनीति गरमा उठी है। फिरोजपुर में सभा के लिए जा रहे पीएम मोदी का प्रदर्शनकारियों ने बुधवार (5 जनवरी) को रास्ता ब्लॉक किया था। इसलिए पीएम का काफिला रास्ते में एक फ्लाईओवर पर करीब 15-20 मिनट तक फंसा रहा था। इसके चलते प्रधानमंत्री वही से वापस लौट गए।

इसके बाद “खालिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगा रहे कुछ लोगों का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि खालिस्तान समर्थकों ने ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाकर पीएम मोदी का विरोध किया।

वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है, “कल की खालिस्तान ज़िंदाबाद के नारों के साथ मोदी जी का विरोध करने पहुचे खालिस्तान समर्थक।”

फेसबुक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

हमने इस वीडियो की जाँच की शुरूआत फेसबुक पर कीवर्ड सर्च कर की। परिणाम में हमें Sikh Virsa Council नामक पेज पर 26 दिसंबर 2021 को प्रसारित किया हुआ एक वीडियो मिला।

2015 में पुलिस फायरिंग में हुए मृतकों न्याव और तब पकड़े हुए प्रदर्शनकारिओं को रिहा करने की मांग करने के लिए पिछले महिने यह लोग पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

आपको बता दें कि फिरोज़पुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली 5 जनवरी को आयोजित की गयी थी। लेकिन वायरल वीडियो तो 26 दिसंबर को अपलोड किया गया था। इससे हम अनुमान लगा सकते है कि वायरल हो रहा वीडियो पीएम मोदी के पंजाब दौरे के पहले से है।

आर्काइव लिंक

इस वीडियो में हमें कुछ लोग नज़र आए जो वायरल हो रहे वीडियो में भी है। उन्होंने वायरल वीडियो में जो कपडे पहने है, वहीं इस वीडियो में भी नज़र आते है।

इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए फैक्ट क्रेसेंडो ने सिख सियासत न्यूज़ के संपादक परमजीत सिंह से संपर्क किया। हमने उनको ये वीडियो भेजा। उन्होंने हमें बताया कि “यह बहबल इंसाफ मोर्चा का वीडियो है। इस मोर्चे को आयोजित करने वाले सुखराज सिंह से मैंने इस बात करके पुष्टि की है। दरअसल, वर्ष 2015 में बहबल कलां में पुलिस फायरिंग हुई थी और सुखराज सिंह के पिता कृष्ण भगवान सिंह इसमें मारे गए थे। यह वीडियो 26 दिसंबर का है। ये मार्च पंजाब के फरीदकोट जिला के जनवाला गांव से बहबल कलां तक आयोजित की गयी थी।“

फैक्ट क्रेसेंडो ने फिर सुखराज सिंह से संपर्क किया। विरोध प्रदर्शन को उन्होंने ही आयोजित किया था। उन्होंने हमें बताया कि “ये वीडियो 26 दिसंबर का है। इसमें दिख रहे लोग सब मेरे दोस्त है, जो इस आंदोलन में मेरा साथ देने आए थे। इनका प्रधानमंत्री मोदी के फिरोज़पुर रैली से कोई संबन्ध नहीं ।“

उन्होंने हमें यह भी बताया कि उनके दोस्त ने बाइक रैली का वीडियो और प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें अपने फेसबुक पेज पर साझा की है। वो आप नीचे देख सकते है।

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सुखराज सिंह ने हमें यह भी बताया कि वे पंजाब सरकार के खिलाफ 16 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार ने उन्हें वादा किया था कि बहबल गोलीकांड में मारे गए उनके पिता को कांग्रेस सत्ता में आने के बाद इंसाफ दिलाएगी। परंतु अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए वे सरकार का विरोध कर रहे है।

क्या है यह प्रकरण?

फरीदकोट के बरगारी में 2015 में पवित्र “गुरू ग्रंथ साहिब” के 110 फटे हुए पन्ने मिले थे। इससे गुस्साए लोगों ने पंजाब में विरोध प्रदर्शन शुरू किए। 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट के बहबल कलां में ऐसे ही एक प्रदर्शन में पुलिस की फायरिंग में दो सिखों की मौत हो गई। उनमें से एक शख्स सुखराज सिंह के पिता थे।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत है। ये वीडियो पुराना है। इसका प्रधानमंत्री फिरोज़पुर रैली से कोई संबन्ध नहीं है।

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फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गए अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. आतंकियों द्वारा हिंसा के दो अलग-अलग पुराने वीडियो को वर्तमान में अफगानिस्तान में हो रहे अत्याचारों का बता वायरल किया जा रहा है।

२. एटा में किसी दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास नहीं हुआ है, वायरल पोस्ट फर्जी व मनगढ़ंत हैं|

३. फैक्ट चेक- उर्फी जावेद लेखक जावेद अख्तर की पोती नहीं है|

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Title:क्या ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारों के साथ पीएम मोदी का पंजाब में विरोध हुआ; जानिए सच

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False