क्या नितिन गडकरी ने पीएम मोदी को लोकतांत्रिक विरोधी करार देते हुए उनकी आलोचना की ? 

False Political

गडकरी का वायरल हुआ यह बयान 2011 का है अभी का नहीं, तब वो तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के लिए अन्ना हजारे के आंदोलन पर बोल रहे थें। 

किसानों के आंदोलन को लेकर सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर है। इसी को जोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें उनके द्वारा कहे गए बयान के अनुसार वो पीएम मोदी को लोकतांत्रिक विरोधी बोल रहे हैं। इस वीडियो को यूज़र ने किसानों के आंदोलन से जोड़ कर इस दावे से साझा किया है कि देश के पीएम किसानों के आवाज़ को दबाने का काम रहे हैं। वीडियो को इस कैप्शन से साझा किया जा रहा है…

प्रधानमंत्री जी ने आत्म परिक्षण करना चाहिये, आर्टीकल 19 के तहत सबको आदोंलन करने का अधिकार संविधान ने दीया है नाकी आदोंलन को कुचलने का अधिकार दिया है। #BanEVM_SaveDemocracy  

#किसान_विरोधी_नरेंद्र_मोदी  @PMOIndia @nitin_gadkari  @PawarSpeaks @WamanCMeshram  @RakeshTikaitBKU 

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यहीं वीडियो हमें फेसबुक पर भी साझा किया हुआ मिला।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में इस बात पर ध्यान दिया कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और रविशंकर प्रसाद दोनों ही आज की तुलना में काफी युवा नजर आ रहे हैं। वहीं वीडियो में नितिन गडकरी यह भी कह रहे हैं कि,  जो लोग कहते हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम में शून्य भ्रष्टाचार है, वे आज ऐसी बातें कह रहे हैं। यह बयान इस बात कि पुष्टि करता है कि वो मौजूदा सरकार के लिए ऐसी कोई भी बात नहीं कह रहे हैं। इसके अतिरिक्त, गडकरी आपातकाल का भी संदर्भ देते हैं। जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उन्होंने यह बयान मौजूदा मोदी सरकार के संदर्भ में नहीं दिया है। और न ही इसका संबंध अभी चल रहे किसानों के आंदोलन से है। 

फिर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिली। 16 अगस्त 2011 में द द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट्स यह बताती है कि तब नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष थें और उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन पर ये बातें कही थी। रिपोर्ट में यह लिखा है कि सरकार द्वारा अन्ना हजारे के अनशन पर शर्तें लगाए जाने पर भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपने रुख पर आत्ममंथन करने को कहा, जिसे उसने लोकतंत्र के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर आत्ममंथन करना चाहिए… जिन लोगों ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम में कोई भ्रष्टाचार नहीं है, वे लोग जिन्होंने पहले बाबा रामदेव को संत कहा और उनसे तीन-चार बार बात की, जिन लोगों ने अन्ना हजारे से 10 बार बात की, फिर बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, ”ये लोग अच्छे थे.” उन्होंने कहा, हालांकि, जब रामदेव और हजारे सहमत नहीं हुए और भ्रष्टाचार पर अपनी बात नहीं रखी तो सरकार उनके खिलाफ हो गई। “एक नीति है कि यदि आप विरोध प्रदर्शन करते हैं, तो हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। जिस तरह से यह सरकार काम कर रही है और प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है।”

इस खबर को यहां , यहां और यहां देख सकते हैं। 

इसके बाद हमें बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यही वायरल वीडियो मिला। जिसके शीर्षक में लिखा है, बीजेपी बाइट-अन्ना हजारे और प्रधान मंत्री 15.08.2011। इस वीडियो में नितिन गडकरी देश में विरोध प्रदर्शन की आजादी को दबाने के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना करते दिखे। साथ ही नितिन गडकरी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन को दबाने के लिए कांग्रेस सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री की कार्रवाई पर बयान दिया। उस वक्त केंद्र सरकार का नेतृत्व यूपीए कर रही थी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थें। ऐसे में वीडियो स्पष्ट करता है कि नितिन गडकरी द्वारा दिए गए बयान वर्तमान मोदी सरकार पर निर्देशित नहीं है।

हम पूर्णतः स्पष्ट होते हैं कि ये वीडियो 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया गया था। और इसमें गडकरी द्वारा की जाने वाली आलोचना पीएम मोदी के लिए नहीं है।

निष्कर्ष- 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि नितिन गडकरी ने ये बयान साल 2011 में दिया था। जब उस वक्त केंद्र में (यूपीए) की सरकार थी और मनमोहन सिंह पीएम थे। ऐसे में इसका हाल के घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को भ्रामक दावे से फैलाया गया है।

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Title:क्या नितिन गडकरी ने पीएम मोदी को लोकतांत्रिक विरोधी करार देते हुए उनकी आलोचना की ?

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False