सोशल मीडिया पर बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर कई पुराने वीडियो और तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है | इसी बीच एक तस्वीर को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में साझा किया जा रहा है, जहां मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के साथ सत्ता में चुनावी मैदान में है | सोशल मंचों पर सड़क पर विशाल अक्षरों में “गो बैक मोदी” लिखी तस्वीर को इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि बिहार में मतदाता मोदी सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं | हैशटैग "#GoBackModi" का उपयोग करते हुए ट्वीटर और फेसबुक पोस्ट में इस तस्वीर को साझा किया जा रहा है | तस्वीर में सड़क में सफ़ेद रंग के साथ “गो बैक मोदी” लिखा हुआ है | इस पोस्ट के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर बिहार से है जहाँ आम जनता मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है |

आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

यह तस्वीर पश्चिम बंगाल में सी.ए.ए के विरोध प्रदर्शन के दौरान इस साल की शुरुवात में ली गई है |

जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से किया जिसके परिणाम से हमें यह तस्वीर ११ जनवरी २०२० को एक ट्वीटर उपयोगकर्ता द्वारा अपलोड की हुई मिली | इस तस्वीर के साथ और तीन तस्वीरों को अपलोड करते हुए शीर्षक में लिखा गया है कि

अभी एस्पलेनैड। सड़क पर पेंटिंग करते छात्र | कोलकाता से जोर से और स्पष्ट संदेश। #GoBackModiFromBengal कायर मोदी छात्रों और युवाओं से डरते हैं। अवॉइड रोड | पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन जारी है |”

इससे हमें यह पता चलता है की यह तस्वीर वर्तमान समय से सम्बंधित नहीं है और शायद पश्चिम बंगाल से है |

आर्काइव लिंक

ट्वीटर पर उपलब्ध तस्वीर को ध्यान से देखने पर हमें पीछे (बैकग्राउंड में) एक बिल्डिंग पर “मेट्रो चैनल कण्ट्रोल पोस्ट- हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन” लिखा हुआ नज़र आया |

तत्पश्चात हमने गूगल पर हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के बारे में ढूँढा तो पाया कि यह इमारत मेट्रो चैनल कंट्रोल पोस्ट के रूप में पहचानी जा सकती है जो हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आती है, और ये पश्चिम बंगाल के राजधानी कोलकाता में स्थित है |

अधिक जाँच करने पर हमने पाया की गेट्टी इमेज आर्काइव पर इसी बिल्डिंग की तस्वीरें उपलब्ध हैं, ये तस्वीरें तब की हैं जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसी बिल्डिंग के सामने संविधान बचाओ धरने पर बैठी थीं |

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नीचे आप मेट्रो चैनल कण्ट्रोल पोस्ट पुलिस स्टेशन के गूगल जिओलोकेशन देख सकते है जिससे यह स्पष्ट होता है कि वायरल तस्वीर कोलकाता से है ना की बिहार से है |

इस तस्वीर को पत्रकार मयुख रंजन घोष के अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से साझा करते हुए ११ जनवरी २०२० को लिखा था कि

“यह कोलकाता की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है #Esplanade। लाखों और लाखों लोग आवागमन करते हैं, जाम पैक ट्रैफिक और देखो आज रात ही इस जगह को देखिए सड़कें ग्राफिटी दिवार में बदल गईं, कोई यातायात नहीं, सभी सड़कें अवरुद्ध, छात्रों ने रात भर विरोध प्रदर्शन किया | यह # कोलकाता है #modiinkolkata |”

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हमें १२ जनवरी २०२० को टाइम्स समूह के बंगाली दैनिक “एई शोमय” द्वारा प्रकाशित समाचार रिपोर्ट में भी यह तस्वीर उपलब्ध मिली |

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१३ जनवरी २०२० को "द टाइम्स ऑफ इंडिया" ने भी इसी घटना की अन्य तस्वीरें प्रकाशित की थी , रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद, सीएए विरोध प्रदर्शनों के उपरि केंद्र कोलकाता में १२ जनवरी को एस्पलेनैड से पार्क सर्कस में स्थानांतरित किया गया था | हालांकि, उन्हें स्थानांतरित किए जाने से पहले, सैकड़ों विश्वविद्यालय के छात्रों ने एस्प्लेनेड के मेट्रो चैनल पर नागरिकता बिल के खिलाफ रात भर विरोध किया और सरकार के खिलाफ कई ग्राफिटी को चित्रित किया |

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पीएम मोदी कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की १५० वीं वर्षगांठ पर समारोहों में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा के लिए ११ जनवरी २०२० को कोलकाता पहुंचे थे | खबरों के अनुसार, हजारों सी.ए.ए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता की सड़कों पर प्रधानमंत्री की इस यात्रा का विरोध किया था |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | वायरल छवि बिहार से नहीं है, अपितु कोलकाता में इस साल की शुरुवात में हुये सी.ए.ए विरोधी प्रदर्शनों से है | इस तस्वीर का बिहार विधान सभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है |

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Title:“गो बैक मोदी” स्ट्रीट ग्राफिटी की तस्वीर बिहार से नहीं है, तस्वीर कोलकाता से एंटी-सी.ए.ए प्रदर्शन के दौरान की है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False