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मुर्शिदाबाद में तिहरे हत्याकांड के बाद, पत्रकार रवीश कुमार द्वारा कथित तौर पर दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है | कई लोग इस बयान को सच मानते हुए इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं व इन पोस्टों को आगे साझा कर करे हैं |
१५ अक्टूबर २०१९ को “कट्टर सनातनी नितिन कुमार” नामक फेसबुक यूजर ने एक पोस्ट अपलोड किया, जिसमे लिखा गया है कि “बंगाल में हिन्दू मरे हैं, इसलिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता–#रवीश कुमार #Ndtv” | इस वायरल पोस्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि उपरोक्त बयान रवीश कुमार द्वारा दिया गया है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट २९१ प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
हमने पाया कि कई फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने इसे फेसबुक पर रवीश कुमार द्वारा दिए गए बयान के नाम से साझा किया है |
हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार, ८ अक्टूबर २०१९ को, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में, तीन लोगों के एक परिवार की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गयी | हत्याकांड में मारे गये लोगों का नाम बंधुप्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी, ब्यूटी पाल और ८ वर्षीय बीटा, अंगन पाल है | इस घटना को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास भी सोशल मीडिया पर देखा गया था, | हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि इस मामले का आरोपी उत्पल बेहरा है, और ये हत्याएं मौद्रिक विवाद को लेकर हुयीं थी |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने कथित तौर पर रवीश कुमार द्वारा दिये गये इस कथित बयान को गूगल पर ढूँढकर की, परंतु हमें इस वायरल दावे से मेल खाता हुआ रवीश का कोई बयां नहीं मिला| अगर वास्तव में रवीश कुमार ने इस तरह का विवादित बयान दिया होता तो ऐसे बयान को मीडिया द्वारा ज़रूर कवर किया जाता, हमें बयान से संबंधित कोई समाचार रिपोर्ट नहीं मिली |
इसके पश्चात हमने रवीश कुमार से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि
“इस प्रकार का कोई भी बयान या टिप्पणी मेरे द्वारा कभी नहीं दी गयी है, मुर्शिदाबाद में शिक्षक और उनके परिवार की निर्मम हत्या के तुरंत बाद ही मेरे नाम से मीम व पोस्टों को सोशल मंचों पर मुझको व मेरी प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचाने की मंशा से फैलाया जा रहा है।मैं आपके माध्यम से ये स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मैं कभी भी हिंसा का समर्थक नहीं रहा हूँ, मेरे नाम से सोशल मंचों पर इस हत्याकांड को लेके किए जा रहे दावे सरासर ग़लत हैं |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह बात स्पष्ट की जा सकती है कि रवीश कुमार के नाम से सोशल मीडिया पर साझा किया गया बयान फर्जी है, इस बात को उन्होंने खुद पुष्टि की है |
इसके पहले भी सोशल मीडिया पर रवीश कुमार को लेकर कई अफवाएं फैलाई गयी है | इन फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |
- रवीश कुमार के २०१३ के प्राइम टाइम शो की एक क्लिप गलत दावे के साथ साझा की जा रही है |
- क्या रवीश कुमार ने मुस्लिमों से भाजपा और आरएसएस की आलोचना बंद करने की भावुक अपील की ? जानिये सच |
