क्या उत्तर प्रदेश पुलिस पत्थरबाजी करने वालों को पकड़ पीट रही है ?

False National Political

सोशल मीडिया पर एक बहुचर्चित विडियो ये बोल के साझा किया जा रहा है कि विडियो में उत्तर प्रदेश पुलिस उन पत्थरबाज़ों को पकड़ बेरहमी से पीट रहीं है जिन्होंने पथराव कर सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया है, पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “UP Police प्रस्तुत शॉर्ट फिल्म “अंजाम ऐ पत्थरबाजी |”

https://twitter.com/BharatKhariya/status/1218099410258710528

आर्काइव लिंक 

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने वाईरल विडियो को बारीकी से देखने से की, विडियो में हमें दीवार पर एक नाम का बोर्ड देखा, जिसमे “श्री माहेश्वरी हायर सेकेंडरी स्कूल” लिखा गया है | हमने इन कीवर्ड का उपयोगकर गूगल पर सर्च किया जिसके परिणाम से हमें इस विद्यालय को इंदौर में होने का पता चला |

हमने यूट्यूब पर “इंदौर पुलिस बेरहमी से पिटाई” कीवर्ड के साथ अग्रिम खोज़ की जिसके परिणामस्वरूप हमें ABP न्यूज़ के आधिकारिक YouTube चैनल पर 29 मई, 2015 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला | जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “इंदौर पुलिस अपराधियों को सार्वजनिक रूप से सड़कों पर पीटती है” | इस वीडियो रिपोर्ट में ठीक वैसा ही दृश्य था जैसा कि वाईरल वीडियो में देखा गया है जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस का  बता व्यापक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है | रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने “तालिबानी” रुख अपनाया | इंदौर के लगभग १५ पुलिस स्टेशनों के अंकित अपराधियों का सार्वजनिक जुलूस इंदौर पुलिस द्वारा निकाला गया, जिनमे अभियुक्त और संदिग्ध लोग शामिल थे | जिन्हें पुलिस ने सार्वजनिक रूप से पीटा था | रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुलिस इन गुंडों को उनके घरों से निकाल रही है और उनके ही इलाकों में पिटाई कर रही थी ताकि यह दृश्य देखकर लोगों के मन से इन गुंडों के भय कम हो सके |

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने आधिकारिक फैक्ट चेकिंग अकाउंट से एक ट्वीट जारी करते हुए स्पष्टीकरण दिया है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश से नही है, साथ ही घटना का इंदौर घटित होने का रिफरेन्स लिंक भी साझा किया है | 

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निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह स्पष्ट है कि वीडियो का पथराव या पुलिस द्वारा पथराव करने वालों पर अत्याचार से कोई लेना-देना नहीं है | यह वीडियो २०१५ से है और मध्य प्रदेश का है |

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Title:क्या उत्तर प्रदेश पुलिस पत्थरबाजी करने वालों को पकड़ पीट रही है ?

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False