
सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस से संबंधित अफ़वाहों के बीच हमें एक पोस्ट मिला जिसके माध्यम से दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से सम्बंधित कोई भी पोस्ट को सोशल मंचो पर डालना व साझा करना एक दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है और इसका कारण बताया जा रहा है कि WhatsApp और फेसबुक पर कोरोनावायरस से संबंधित गलत खबरें फैलाई जा रही है इसी वजह से गलत पोस्ट या मैसेज आगे फॉरवर्ड करने पर ग्रुप एडमिन सहित पूरे ग्रुप के सदस्यों पर IT Act के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जाएगी | इस पोस्ट के अनुसार यह सुचना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव रवि नायक द्वारा की गई है |
मैसेज में लिखा गया है कि “ग्रुप के सभी सम्माननीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अभी केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से सम्बंधित कोई भी पोस्ट को दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है कोरोना पर सिर्फ सरकारी एजेंसी ही पोस्ट कर सकती है । गलत पोस्ट या मैसेज करने पर ग्रुप एडमिन सहित पूरे ग्रुप के सदस्यों पर IT Act के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जाएगी, इसलिए ध्यान रखें सतर्क रहें सुरक्षित रहे !*
*रवि नायक*
*प्रमुख सचिव*
*गृह मंत्रालय भारत सरकार”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपरोक्त सुचना से संबंधित प्रेस रिलीज़ या रिपोर्ट को ढूँढने की कोशिश की, जिसके परिणाम से हमें कोई भी संबंधित रिपोर्ट नही मिली |
इसके पश्चात हमें PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा प्रकाशित स्पष्टीकरण मिला, जिसमे लिखा गया है कि “गृह मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई भी निर्देश सोशल मीडिया को लेकर नहीं जारी किया गया है | ध्यान दें : कोरोनावायरस पर आधिकारिक और सटीक जानकारी को ही साझा करके आप अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा कर सकते हैं | आइये कोरोनावायरस की इस जंग मे हम सब साथ मिलकर लड़ें|”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | गृह मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई भी निर्देश सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस से संबंधित जानकारी फ़ैलाने को लेकर नहीं जारी की है |

Title:केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस से सम्बंधित किसी भी पोस्ट को साझा करने वालों के लिए कोई निर्देश जारी नही किया है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
