
२ मार्च २०१९ को फेसबुक पर ‘dailyhunt’ नामक एक यूजर द्वारा साझा किया गया यह न्यूज़ आर्टिकल बहुत चर्चा में है | न्यूज़ आर्टिकल के हैडलाइन में लिखा गया है की – ‘नमो फूड पैकेट्स पर बवाल- नोएडा के सेक्टर 15ए बूथ पर पुलिसवालों बांटे जा रहे थे, मीडिया को देखकर भागी गाडी’| खबर में लिखा है कि, उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 15ए बूथ पर वोटिंग के दौरान भाजपा उमीदवार डॉ महेश शर्मा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले फूड पैकेट्स बंटवाने का आरोप लगा है। बूथ पर जो फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं उन पर भी पर बड़े-बड़े अक्षरों में नमो लिखा है। यह नाश्ता नोएडा के सेक्टर 15ए के बाहर तैनात पुलिस के लिए लाया गया था लेकिन मीडिया को देखकर खाना लेकर गाड़ी आगे निकल गई।
इस खबर द्वारा यह बताने की कोशिश की जा रही है की नमो लिखे फ़ूड पैकेट्स बांटना बीजेपी का प्रचार करने के समान है एवं चुनाव आचारसंहिता के भंग का मामला हो सकता है | आइये जानते है इसकी सच्चाई |
दुसरे सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर ढूंढने से हमें ट्वीटर पर इस सन्दर्भ में कुछ ट्वीट भी मिले |
संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ढूंढा तो हमें पता चला की सबसे पहले इस घटना पर ट्वीटर पर प्रशांत कुमार ने १० अप्रैल २०१९ को रात १० बजकर १० मिनट पर ट्वीट किया था, तथा उसी दिन १० बजकर ५३ मिनट पर एक अपडेट भी ट्वीट किया था, जो आप नीचे देख सकते है |
ARCHIVE TWEET 1 | ARCHIVE TWEET 2
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यह खबर फ़ैलाने की बाढ़ सी आ गई | हमने distribution of Namo food packets इन की वर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें पता चला की कई समाचार प्रकाशनों ने इस घटना की खबर दी है | सर्च रिजल्ट्स आप नीचे देख सकते है |
इस संशोधन से हमें यह भी पता चला कि नॉएडा पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल तथा सुरक्षा कर्मियों के लिए नमो फूड्स रेस्टोरेंट से खाने के पैकेट्स मंगाए गए थे | लेकिन इस बात से इंकार किया की किसी विशिष्ट रेस्टोरेंट से खाना मांगने के आदेश है | गौतम बुद्ध नगर जिले के एसएसपी वैभव कृष्णा ने इस सन्दर्भ में दो ट्वीट किये है, जो आप नीचे देख सकते है |
मामला बढ़ जाने पर चुनाव आयोग द्वारा भी इसका संज्ञान लिया गया | अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी. आर. तिवारी ने इसपर जो कहा आप वह ANI द्वारा किये गए ट्वीट में पढ़ सकते है |
इसके बाद हमने खाने के नमो पैकेट्स के बारे में जानकारी ली | नमो फूड्स इन की वर्ड्स के साथ गूगल पर ढूंढने से हमें पता चला की यह रेस्टोरेंट नॉएडा में स्थित है | गूगल मैप पर हमें यह जगह दिखती है जो कि आप नीचे की स्क्रीन शॉट पर देख सकते है |
इसके बाद हमने namo foods in sector 18 noida इन की वर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें पता चला की ज़ोमैटो, स्विगी इन ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी ऐप्स पर भी नमो फूड्स रजिस्टर्ड है, जैसा की आप नीचे की स्क्रीन शॉट पर देख सकते है |
हमने जब ज़ोमैटो व स्विगी इनके वेबसाइट पर जाकर देखा तो हमें इस रेस्टोरेंट की कुछ तस्वीरें मिली | इन तस्वीरों में खाने के पैकेट की ठीक वही तस्वीर भी है, जो की इस खबर के साथ साझा की गई है | नीचे आप वह तस्वीरें देख सकते है |
ठीक उसी तरह की लिखावट एवं टाइपो स्टाइल व नमस्कार के लिए जोड़े हुए हाथ यह सब बातें खबर के साथ साझा किये गए फोटो व उपरोक्त प्राप्त तस्वीरों में एकसमान ही है | इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है की इसी रेस्टोरेंट से खाना मंगाया गया था | दूसरी बात यह की इन पैकेट्स पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर नहीं है जैसा की खबर के आरोप में कहा गया है |
जस्ट डायल पर सर्च करने के बाद हमें नमो फूड्स के फोन नम्बर्स मिले | हमने नमो फूड्स के मेनेजर तथा प्रवक्ता सुनील आनंद से बात की | उन्होंने हमें जो जानकारी दी, वह इस प्रकार है-
- नॉएडा में हमारे पांच आउटलेट है, जो की सेक्टर १, २, १६, १८ व ६३ में स्थित है
- स्थानीय पुलिस ने १० अप्रैल को कुल ७५० थाली का आर्डर दिया था | यह आर्डर हमें किसी भी पोलिटिकल पार्टी द्वारा नहीं दी गई थी |
- इसका भुगतान खुद पुलिस ने कॅश अदा कर किया था |
- हम केवल व्यवसायी है, हमारा किसी भी पोलिटिकल पार्टी के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है |
- रेस्टोरेंट का नाम हमने संस्कृत शब्द नमो मतलब नमस्कार, स्वागत है इस लिहाज से लिया है, ना की नरेन्द्र मोदी से प्रेरित होकर |
यहाँ तक के संशोधन से यह बात स्पष्ट होती है कि खाने के पैकेट्स सुरक्षा कर्मियों के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा ख़रीदे गए थे | पुलिस की गाडी से यह पैकेट्स पोलिंग बूथ पर ले जाए गए | वहां पैकेट्स सुरक्षा कर्मियों को बांटे गये | किसी भी खबर में यह नहीं कहा गया है कि खाने के पैकेट्स मतदाताओं को बांटे गए | इस व्यवहार में कोई पोलिटिकल पार्टी सम्मिलित नहीं थी | तो यह आचारसंहिता के उल्लंघन का मामला भी नहीं बनता | पैकेट्स पे नरेन्द्र मोदी का फोटो भी नहीं है, जैसा की उपरोक्त खबर के आरोप में कहा गया है | इसी सन्दर्भ में जो विडियो शेयर किया गया है और कहा गया है कि मीडिया को देखने के बाद पुलिस की गाड़ी भाग गई, उसपर भी विश्वास नहीं किया जा सकता क्यूंकि विडियो में गाड़ी आराम से अपने रास्ते चलते हुए दिखाई देती है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, इस घटना से चुनावी आचारसंहिता का उल्लंघन होने का दावा करना तथा नमो फूड्स से खाना मंगवाने पर सवाल खड़ा करना सरासर गलत है | इस घटना से किसी पोलिटिकल पार्टी का सम्बन्ध नहीं है |

Title:क्या उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा कर्मियों को ‘नमो’ फ़ूड पैकेट्स बाँटकर बीजेपी का प्रचार किया?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
