
१८ जून २०१९ को फेसबुक के ‘सिंह नवीन’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा की गई है | पोस्ट में एक तस्वीर दी गई है, जो उत्तर प्रदेश के जानेमाने दलित नेता, भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की है | पोस्ट के दावे में लिखा है कि,
भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर रावण का असली नाम नसीमुद्दीन खान है
कितने लोगों को पता था ये❓
हिन्दुओं को तोडने की कुटिल मुस्लिम चाल |
क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
मूल पोस्ट यहाँ देखें – सिंह नवीन | ARCHIVE POST
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले पोस्ट में साझा दावे को गूगल पर ‘what is real name of chandrashekhar azad of bhim army’ इन की वर्ड्स के साथ ढूंढा तो हमें ‘dreshare.com’ का एक लिंक मिला, जहाँ उनके बारे में व्यक्तिगत जानकारी दी गई है | इस जानकारी के अनुसार, उनका जन्म नाम चंद्रशेखर आजाद है और उनका टोपन नाम भी चंद्रशेखर है | उनकी जाती चमार है और धर्म से वह हिन्दू है |
हमें और एक ‘starsunfolded.com’ नामक वेबसाइट मिली | इस वेबसाइट पर भी चंद्रशेखर आजाद की व्यक्तिगत जानकारी दी गई है | इस जानकारी के मुताबिक, उनका जन्म नाम चंद्रशेखर आजाद है और उनका टोपन नाम रावण है |
इसके अलावा हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा १४ सितम्बर २०१८ को प्रसारित एक आर्टिकल भी मिला, जिसमे ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं है कि, चंद्रशेखर आजाद का असली नाम कुछ और है |
हमने फिर चंद्रशेखर आजाद के ट्वीटर अकाउंट पर ढूंढा तो इस मुद्दे पर उन्हीं के द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण हमें मिला | उन्होंने ऐसे ही दुसरे ट्वीट का जवाब देते हुए इस बात को अपने अंदाज में ख़ारिज किया है, कि उनका असली नाम नसीमुद्दीन है | आप यह ट्वीट नीचे देख सकते है |
इससे यह बात साफ़ हो जाती है कि, पब्लिक डोमेन में चंद्रशेखर आजाद इनका असली नाम चंद्रशेखर आजाद ही है, नसीमुद्दीन नहीं है | हाँ, उन्हें ‘रावण’ इस टोपन नाम से भी पुकारा जाता है, लेकिन नसीमुद्दीन खान यह उनका असली नाम नहीं है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में फोटो के साथ किया गया दावा कि, “भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर रावण का असली नाम नसीमुद्दीन खान है |” सरासर गलत है | चंद्रशेखर आजाद इनका असली नाम चंद्रशेखर आजाद ही है |

Title:क्या चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ का असली नाम नसीमुद्दीन खान है ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False

Now birth & name certificates being issued by newspapers & websites…oh the world has progressed so much..no need for municipal records, hospital delivery report or Aadhar..so simple ask any newspaper or put a article in website and it will become gospel truth…eureka