क्या सऊदी अरब का तापमान ६२ डिग्री होने के कारण गाड़ियां पिघल गयी है ?

False International

१२ जून २०१९ कुमार संतोष नामक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट किया | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि सऊदी अरब में तापमान 62 डिग्री होने और कहीं कहीं धूप में रखीं गाड़ियों का फाइबर पिघलने की खबरें आ रहीं हैं | तापमान बढ़ना न रुका तो कुछ भी नहीं बचेगा | पूरे ब्रह्माण्ड में अभी तक की ज्ञात इकलौती सभ्यता अपने ही ग्रह से जीवन मिटने का कारण बनने जा रही है |”

तस्वीर में हम दो गाड़ी के पिछले हिस्से को पिघला हुआ देख सकते हैं | तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब में ६२ डिग्री तापमान होने के कारण तस्वीर में दिखाई गयी गाड़ी पिघल गयी है | यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी तेजी से साझा किया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह तस्वीर १०० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

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क्या वास्तव में सऊदी अरब का तापमान ६२ डिग्री हो गया, जिसके कारण दो गाड़ियां पिघल गयी? हमने तस्वीर की सच्चाई जानने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि…

जांच की शुरुआत हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करके की | परिणाम से हमें स्नूप्स द्वारा प्रकाशित खबर मिली जहां यह लिखा गया है कि यह तस्वीर एरिज़ोना से है | यह खबर एक फैक्ट चेक है, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि यह तस्वीर अरोजोना की है परंतु यह गाड़ियां गर्मी से नहीं बल्कि एक निर्माण स्थल पर आग लगने की वजह से है | लिखा गया है कि गाड़ियां जहां पार्क की गयी थी उसके पास ही एक निर्माण स्थल पर आग लग गयी थी | आग के गर्मी व लपटों के कारण गाड़ियां पिघल गयी | इस खबर में कही भी यह नहीं कहा गया है कि यह पृथ्वी की बढती तापमान के कारण हुआ |

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इसके पश्चात हमने गूगल इमेज पर की वर्ड्स के माध्यम से इस खबर को ढूंढा | परिणाम से हमे एक तस्वीर मिली जो हमें टक्सन टाइम्स नाउ द्वारा प्रकाशित एक ख़बर तक ले जाति है, खबर २० जून २०१८ को प्रकाशित हुई थी, खबर के अनुसार एक निर्माण स्थल पर आग लगने के कारण कई दर्जन गाड़ियों को नुकसान पंहुचा | आग से गर्मी और आग की लपटों ने घटना स्थल पर मौजूद दो क्रेन, बिजली की लाइनों और पास के घरों की खिड़कियों को काफ़ी नुक्सान पहुचाया |

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उपरोक्त की वर्ड्स को गूगल सर्च करने पर हमें टक्सन की वेबसाइट पर, उनके द्वारा प्रकाशित खबर मिली – इस खबर में घटना के जुड़ी तस्वीरों को संग्लित किया गया है | खबर में आग के कारण जितनी भी नुक्सान हुआ है, वह सब तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है | हमें वायरल तस्वीर की एक फोटो जो की दूसरी एंगल से ली गयी थी, वो भी इस वेबसाईट पर मिली, जिसे आप नीचे देख सकते है |

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इसके पश्चात हमने गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड के वेबसाइट पर दुनिया में अब तक की उच्चतम तापमान को ढूंढा | रेकॉर्ड के अनुसार आधिकारिक रूप से उच्चतम दर्ज तापमान ५६.७° C (१३४° F)  है, जिसे १० जुलाई १९१३ को ग्रीनलैंड रैंच, डेथ वैली, कैलिफोर्निया, अमेरिका में मापा गया था | इससे हमें पता चलता है कि सऊदी अरब में ६२ डिग्री का तापमान हो ही नहीं सकता है |

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निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | वायरल तस्वीर को मूल रूप से जून २०१९ में अमेरिका के एरिजोना में हुई घटना का है | इसे भ्रामक दावे के साथ साझा किया गया है कि यह सऊदी अरब में अत्यधिक गर्मी के प्रभाव को दर्शाता है |

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Title:क्या सऊदी अरब का तापमान ६२ डिग्री होने के कारण गाड़ियां पिघल गयी है ?

Fact Check By: Drabanti Ghosh 

Result: False