फ़र्ज़ी सिक्कों की तस्वीरों को १८१८ के भारत में चलने वाले २ आने के सिक्के बताकर फैलाया जा रहा है |

False National Social

२२ नवम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘चीत्कार। मेरी आवाज सुनो। आवाज भारत की द्वारा किये गये एक पोस्ट में एक तस्वीर साझा की गयी है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, एक संयोग ही कहा जाएगा 1818 में जो 2 आना सिक्का होता था उसमें राम लक्ष्मण जानकी भरत शत्रुघ्न हनुमान सब की प्रतिमा होती थी और उस समय हमारे देश में अंग्रेजों का शासन था और उसे सिक्के के दूसरे तरफ कमल का फूल बना हुआ था दीप प्रज्वलित किया गया था आदि ऐसे प्रमाण मिल रहे हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि जब कमल का राज आएगा अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जाएगा तभी भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनेगा और वह समय अब आ गया जब विगत 3 वर्षों से अयोध्या में दीपोत्सव पर्व मनाया जाता है कमल का राज आ चुका है और कोर्ट ने भी भव्य राम मंदिर का समय निर्धारित कर दिया है प्रमाण के तौर पर मैं आप सबको 1801 सटका 2 आना प्रेषित कर रहा हूं | इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘तस्वीर में दिखाये गये हिन्दू देव-देवियों की प्रतिमा वाले २ आने के सिक्के १८१८ में भारत में इस्तेमाल किये जाते थे |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट-क्रिसेंडो मलयालम टीम ने ४ नवम्बर २०१९ को ऐसे ही एक दावे पर फैक्ट-चेक किया था |

Factcrescendo Malayalam FactCheck on Fake Coins

इस फैक्ट-चेक के अनुसार यह दावा २०१७ से ही कई लोगों द्वारा अलग अलग भाषा में वाइरल किया गया है | 

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फैक्ट-क्रिसेंडो मलयालम टीम ने जब इस बारे में जांच की, तो Smallestcoincollector नामक एक वेबसाइट पर अप्रैल २०१५ को प्रकाशित भारत के नाम से चलने वाले फ़र्ज़ी सिक्कों के बारे में जानकारी मिली | इस वेबसाइट में उपरोक्त दावा में साझा २ आने की तस्वीरें व कई अन्य सिक्कों की तस्वीरें भी प्रकाशित की गयी है और इन सिक्कों को फ़र्ज़ी  बताया गया है |

Smallest Coin Collector Blog | Archived Link

इसके बाद जब हमने RBI के वेबसाइट पर सिक्कों के बारे में ढूंढा, तो हमें अलग-अलग युग में इस्तेमाल किये गए सिक्कों के बारे में तस्वीर सहित जानकारी प्राप्त हुई |

सबसे पहले इस्तेमाल होने वाले सिक्के : RBI/mc_british_earlyissues 

Early Coins | Archived Link

विलियम ४ के दौर में इस्तेमाल किये गए सिक्के : RBI/mc_british_WilliamIV

Coins during WilliamIV | ArchivedLink

विक्टोरिया के दौर में इस्तेमाल किये गए सिक्के : RBI/mc_british_QueenVictoria

C:\Users\Fact5\Desktop\Coins during East India Company\QV1.jpg

Coins during Queen Victoria | ArchivedLink

एडवर्ड ७ के दौर में इस्तेमाल किये गए सिक्के :  RBI/mc_british_EdwardVII

Coins during EdwardVII | ArchivedLink

इंडिया टुडे ने पिछले साल इस मामले की जांच की थी | इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जब नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रवक्ता से इस सन्दर्भ में संपर्क किया गया था, तो उन्होंने कहा, “..दक्षिण भारत में सिर्फ पगोडा और भगवान वेंकटेश्वर के सिक्के हुआ करते थे |”

IndiatodayPost | ArchivedLink

२५ अप्रैल २०१७ में सबसे पहले इस प्रकार की अन्य फ़र्ज़ी सिक्के के दावे पर Boomlive ने फैक्ट-चेक किया था और उन सिक्कों को भी फ़र्ज़ी  पाया था |

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा २ आने के सिक्कों की तस्वीरों का १८१८ में चलने वाले सिक्कों के साथ कोई संबंध नहीं है | यह तस्वीरें फ़र्ज़ी हैं |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “तस्वीर में दिखाये गये हिन्दू देव-देवियों की प्रतिमा वाले २ आने के सिक्कों को १८१८ में भारत में इस्तेमाल किया जाता था |” ग़लत है |

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Title:फ़र्ज़ी सिक्कों की तस्वीरों को १८१८ के भारत में चलने वाले २ आने के सिक्के बताकर फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False