
६ मई २०१९ को फेसबुक पर ‘Dhaneshwar Yadav’ नामक एक यूजर द्वारा एक पोस्ट साझा किया गया है | पोस्ट में एक विडियो दिया गया है | विडियो मे RSS पर प्रतिबंध के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है | पोस्ट का विवरण इस प्रकार है – #नोटाविरों तौफा कबूल हो!!
लो सुन लो #RssBAN की मांग कर रहे #तथाकथित SANTIDOOT मुसलमान जोधपुर में!! कांग्रेस के सरकार आने से | सत्ता में कांग्रेस आयी तो याद रख #कांग्रेस, और उनके #समर्थनपार्टी को वोट देने वाले #हिजड़े हिन्दू #कश्मीरीहिन्दू को जिस तरह मार काट के गया, उसी तरह #मुस्लिमबहुलइलाके से हिन्दू को भगाया जाएगा, ये जिहादी मुस्लिम आतंक |
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि जोधपुर में कांग्रेस की सत्ता आने पर RSS पर प्रतिबंध के लिए प्रदर्शन हो रहें है | क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले इस विडियो को गौर से सुना तो हमें पता चला कि यह विडियो राजस्थान के जोधपुर शहर का नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में डोडा जिल्हा के जोधपुर गांव का है | फिर हमने उपरोक्त दावे को ‘youtube’ मे ढूंढा, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
इसके बाद हमने इस विडियो से स्क्रीनशॉट लेकर तस्वीर को यांडेक्स मे ढूंढा, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
पहले लिंक को क्लिक करने पर हम Accessyoutube नामक एक वेबसाइट पर गए और हमें उपरोक्त पोस्ट से हुबहू मिलता-जुलता विडियो मिला |
यह विडियो हमें ‘youtube’ के विडियो लिंक पर ले गया, जिसे १९ सितम्बर २०१८ को अपलोड किया गया था |
इस विडियो में ‘बाबर-उल-इस्लाम’ नाम का उल्लेख होने के कारण हमने गूगल मे ‘Babar-Ul-Islam protest against RSS’ की वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें जो परिणाम मिले वह आप नीचे देख सकते है |
इस संशोधन में हमें ‘The Wire’ द्वारा १२ मार्च २०१८ को दी गयी ख़बर मिली जिसमे उपरोक्त विडियो मे दर्शाए गए प्रमुख व्यक्ति ‘हसन बाबर’ के गिरफ़्तार होने के बारे मे लिखा था |
इस ख़बर के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता हसन बाबर RSS पर प्रतिबंध करने के लिए प्रदर्शन कर रहें थे क्योंकि उनके मुताबिक RSS के कार्यकर्ता डोडा जिले के हिन्दुओं को भड़काने का काम कर रहें हैं और डोडा जिले में जो हिंदू-मुस्लिम शांति और भाईचारे से रहते हैं, वह भाईचारा भंग हो रहा है | इस ख़बर के मुताबिक बाबर को २३ जुलाई २०१७ को गलत इलजाम मे फांस कर गिरफ़्तार भी किया गया था | फिर ७ महीने के बाद उन्हें बेक़सूर साबित करार दिए जाने के बाद रिहा कर दिया गया था |
इस संशोधन से हमें पता चलता है कि, उपरोक्त पोस्ट में जो विडियो साझा किया गया है वह भ्रम पैदा करने के लिए गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है | यह विडियो मे दर्शाया गया विरोध तो सही है मगर यह घटना २ साल पुरानी है और इसका कांग्रेस के साथ कोई लेना-देना नहीं है | उसके अलावा यह राजस्थान के जोधपुर की नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जोधपुर गांव की २०१७ की घटना है जिसे २०१९ का दर्शाया जा रहा है |
विडियो को यह भ्रम पैदा करने के लिए साझा किया जा रहा है कि, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने के बाद आरएसएस के खिलाफ वहां आवाज उठाई जा रही है | लेकिन इस संशोधन से हमें यह पता चलता है कि, यह जोधपुर वास्तव में राजस्थान का नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की, “जोधपुर में कांग्रेस के सत्ता आने पर RSS पर प्रतिबंध के लिए प्रदर्शन हो रहें है |” भ्रामक व मिश्रित है | उपरोक्त विडियो राजस्थान के जोधपुर की घटना का नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जोधपुर गांव की २०१७ की घटना है जिसे २०१९ का दर्शाया जा रहा है और इसका कांग्रेस से कोई भी लेना-देना नहीं है |

Title:क्या जोधपुर में RSS पर प्रतिबंध के लिए प्रदर्शन किया गया ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: Mixture
