बांग्लादेश में राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी की एक रैली का पुराना वीडियो, कोलकाता में हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम भीड़ जुटाने के दावे से वायरल…

Communal False

कोलकाता में बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार का जश्न मनाने के लिए मुसलमानों द्वारा जुलूस निकालने के दावे से वायरल वीडियो भ्रामक है।

सोशल मीडिया पर एक जुलूस का वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को सर पर सफ़ेद टोपी पहने सड़क पर जुलूस निकालते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो साझा करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि ये कोलकाता के पार्क सर्कस का नज़ारा है। जहां पर बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार का जश्न मनाने के लिए कइयों की तदाद में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के खिलाफ जुलूस निकाला गया है। वीडियो इस कैप्शन के साथ है…

यह जुलूस कल पार्क सर्कस कलकत्ता के सबसे पोश इलाके में मुस्लिमो ने निकाला है!वे बांग्लादेश में इस्लामिक शासन और जमात के पुनरुत्थान और हिंदुओं के कत्लेआम का जश्न मना रहे हैं। ये वही आपके आसपास रहने वाले मुस्लिम है  जिन लोगो के साथ आप रोज उठते बैठते है काम धंधा करते है और वो लोग बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्ल का जश्न मना रहें है कल्पना कीजिए कि भविष्य में वो मौका मिलते ही आपके साथ क्या करेंगे कितना भाईचारा निभायेंगे सोचना जरूर 

ट्विटर लिंकआर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम को लेकर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से की। परिणाम में हमने यह देखा कि इस वीडियो को असद फखरुद्दीन नाम के एक यूज़र ने अपने एक्स हैंडल (आर्काइव) पर 11 जून 2023 में पोस्ट किया है। वीडियो के साथ उर्दू में कैप्शन लिखा है जिसको अनुवाद करने से हम यह समझ पाए कि वायरल यह वीडियो बांग्लादेश में जमातइस्लामी की भीड़ का है। कैप्शन के अनुसार राजनीतिक दल जमातइस्लामी को 10 साल बाद रैली करने की अनुमति दी गई और उनके नेता डॉ. शफीकुर रहमान 2022 से बिना मुकदमे के जेल में होने की बात लिखी थी।

एक बांग्लादेशी फेसबुक यूज़र (आर्काइव) ने भी इस वीडियो को 11 जून 2023 में ही पोस्ट किया था। इसके साथ कैप्शन को बांग्ला में लिखा गया था। जिसका हिंदी में अनुवाद करने पर अल्हम्दुलिल्लाह, कई वर्षों के बाद बांग्लादेश जमात इस्लाम की रैली को अनुमति दी गई है। नारा-ए-तकबीर… अल्लाहु-अकबर ऐसा हम समझ पाए।

इनसे मदद लेते हुए अब हमने संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को चेक करना शुरू किया। हमने यह देखा कुछ बांग्लादेशी मीडिया ने इससे जुड़ी रिपोर्ट्स प्रकाशित की  थीं। इनमें 10 और 11 जून 2023 में ढाका ट्रिब्यून, डेली स्टार और प्रोथो मोलो की छपी रिपोर्ट के अनुसार,जमात-ए-इस्लामी ने ढाका मेट्रोपॉलिटन उत्तर और दक्षिण में रैली का आयोजन किया था। जिसका मकसद कमोडिटी की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने, अमीर शफीकुर रहमान सहित राजनीतिक नेताओं की रिहाई और एक गैर-पक्षपातपूर्ण सरकार की स्थापना की मांग को लेकर था। खबर के मुताबिक करीब एक दशक के बाद जमात-ए-इस्लामी पार्टी द्वारा ढाका में इस रैली का आयोजन हुआ था। 

इसके आलावा हम 10 जून, 2023 को बीबीसी और समकाल द्वारा यूट्यूब पर प्रसारित वीडियो रिपोर्ट को देख सकते हैं। जिसमें बताया गया है कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने ढाका में रैली आयोजित की थी।

इससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल वीडियो को गलत सांप्रदायिकता की आड़ में फैलाया गया है जो असल में बांग्लादेश का वीडियो है। 

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच पश्चात यह पता चलता है कि वायरल वीडियो कोलकाता का नहीं है। इसका बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार पर मुसलमानों के जश्न मनाने के लिए भीड़ जुटाने का गलत दावा किया गया है। यह एक साल पहले बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित हुई जमात-ए-इस्लामी की एक रैली का वीडियो है।

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Title:बांग्लादेश में राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी की एक रैली का पुराना वीडियो, कोलकाता में हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम भीड़ जुटाने के दावे से वायरल…

Written By: Priyanka Sinha  

Result: False