दरगाह पर एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच हुई झड़प को सांप्रदायिकता का रंग दे फैलाया जा रहा है।

Communal False

सोशल मंचों पर आये दिन कई वीडियो व तस्वीरों को सांप्रदायिकता से जोड़कर गलत दावों के साथ साझा किया जाता रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो लगातार ऐसे गलत दावों का अनुसंधान करता आ रहा है। इन दिनों इंटरनेट पर एक बहुचर्चित वीडियो जिसमे एक दरगाह पर कुछ लोगों को आपस में झगड़ते हुए देखा जा सकता है को इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि जसपुर(उत्तराखंड) की एक दरगाह में चादर चढ़ाने गये हिंदुओं को वहाँ के मौलानाओं ने पीटकर भगा दिया। 

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

जसपुर उत्तराखण्ड में मज़ार पे चादर चढ़ाने गए हिंदुओं को मौलानाओं ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा। मैं मुस्लिम समाज का आभारी हूँ इस कुटाई के लिए।“

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इस वीडियो को सोशल मंचों पर काफी तेज़ी से वायरल किया जा रहा है।

https://twitter.com/gyankagyan/status/1377272533888589824

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अनुसंधान से पता चलता है कि… 

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में स्थित जसपुर की एक दरगाह में मुस्लिम समुदाय के दो गुटों के बीच हुई झड़प हुई थी, इस झड़प को गलत व भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

जाँच की शुरुवात फैक्ट क्रेसेंडो ने उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में स्थित जसपुर थाने के एस.एच.ओ जगदिश देउपा से वायरल हो रहे दावे की सच्चाई की जानने की कोशिश से की, उन्होंने इस दावे को गलत बताते हुए हमें पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने हमसे कहा कि, 

वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। मामला ये था कि हमारे यहाँ कालू सिद्ध नाम की मजार है जिसमें आजकल लोगों का काफी आन-जाना बढ़ गया है और इसी वजह से वहाँ काफी चढ़ावा जमा हो चुका था। इस मजार का संचालन कर रहा एक गुट व दूसरे एक गुट में चढ़ावे के पैसों को लेकर पहले कहा-सुनी हुई और फिर मामला बढ़ गया और उन लोगों में मारपीट हो गयी। दोनों गुटों ने इस मामले में दोंनो गुटों ने एक दूसरों के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की है। इस मामले का किसी भी हिंदु समुदाय के किसी शख्स से कोई संबन्ध नहीं है। यह मामला मुस्लिम समुदाय के दो गुटों के बीच का है।

जगदिश देउपा ने हमें बताया कि उधमसिंह नगर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया पर इस दावे का स्पष्टिकरण दिया है। इसके पश्चात हमने फेसबुक पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें उधमसिंह नगर पुलिस के फेसबुक पेज पर जारी किया हुआ स्पष्टिकरण का पोस्ट मिला। पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, 

जनपद उधम सिंह नगर पुलिस, अवगत कराना है कि दिनांक 29/03/2021 को कालू सिद्ध मजार पतरामपुर जसपुर उधम सिंह नगर में दो पक्षों प्रथम पक्ष अमजद अली पुत्र मो. हासम निवासी मोहल्ला छिपियान थाना जसपुर उधम सिंह नगर व द्वितीय पक्ष अब्दुल हमीद पुत्र गुरशेर निवासी भोगपुर डाम थाना जसपुर उधम सिंह नगर के मध्य दरगाह पर चन्दे व निर्माण की बात पर विवाद व मारपीट हो गयी थी। जिसके उपरान्त दोनो पक्षों की तहरीर के आधार पर कोतवाली जसपुर में मुकदमा FIR NO 69/2021 U/S 323/324/341/504/506 IPC बनाम अब्दुल हमीद आदि व मुकदमा FIR NO 70/2021 U/S 147/323/506 IPC बनाम रिजवान आदि पंजीकृत किया गया है। जबकि कुछ व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर चादर चढाने को लेकर हिन्दुओं को दौडा – दौडा कर पीटे जाने की भ्रामक एवं झूठी अफवाह फैलाई जा रही है। जबकि सत्यता यह है कि दोनो पक्ष मुस्लिम समुदाय के लोग थे दोनो पक्षों की उक्त घटना को लेकर कुछ व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर भ्रामक एवं झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है जिनको सोशल मीडिया मानिटरिंग सैल द्वारा चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।“

यह पोस्ट इस वर्ष 31 मार्च को किया गया था।

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हमें उत्तराखंड पुलिस द्वारा उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस वर्ष 31 मार्च को किया हुआ ट्वीट भी भेजा गया, ट्वीट में भी उधमसिंह नगर पुलिस द्वारा दिये गये स्पष्टिकरण को प्रकाशित किया गया है। 

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तदनंतर गूगल पर अधिक कीवर्ड सर्च करने पर हमें ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित किया गया समाचार लेख मिला जो इस वर्ष 31 मार्च 2021 को प्रकाशित किया गया था। इस समाचार लेख के मुताबिक कालू सिद्ध मजार पर दर्शन करने गये लोगों का मजार पर रह रहे लोगों से चंदे को लेकर कहासुनी हो गयी व विवाद इतना बढ़ गया कि उन लोगों के बीच मारपीट शुरु हो गयी।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है| उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में स्थित जसपुर की एक दरगाह में मुस्लिम समुदाय के दो गुटों के बीच हुई झडप को सांप्रदायिकता से जोड़कर गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

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Title:दरगाह पर एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच हुई झड़प को सांप्रदायिकता का रंग दे फैलाया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False