फ्रांस में वैश्विक सुरक्षा कानून के खिलाफ आंदोलन को इमैनुएल मैक्रॉन के खिलाफ हुए आंदोलन का बता वायरल किया जा रहा है।

False Social

पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपती इमैनुएल मैक्रॉन के एक बयान के चलते फ्रांस में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा राष्ट्रपती इमैनुएल मैक्रॉन के खिलाफ प्रदर्शन किये गए थे, सोशल मंचो पर इन प्रदर्शनों को लेकर #BoycottFranceProducts जैसी मुहिम भी चलाई गयी थी, इन्ही सब के चलते काफी अन्य प्रदर्शनों के वीडियो व तस्वीरें सोशल मंचो पर इस प्रकरण से जोड़ भ्रामक व गलत दावों के साथ वायरल किए गए थे जिनका फैक्ट क्रेंसेंडो ने अनुसंधान किया था। 

हमने इसी क्रम में सोशल मंचो पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल होता पाया है जिसमें हम पेरिस में स्थित आइफिल टावर के सामने बहुत लोगों की भीड़ को देख सकते है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि लोग फ्रांस के राष्ट्रपती इमैनुएल मैक्रॉन के खिलाफ आंदोलन कर रहे है और साथ में शीर्षक में आप #boycott_france_products देख सकते है। 

वीडियो के शीर्षक में लिखा है,

 “फ्रांस मे मुसलमानो के साथ फ्रांस के इसाईयो ने मैकरोन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकारी सतह पर हुजूर गुस्ताखी करना और मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलना मैकरोन को भारी पड़ गया। #MacronTheDevil #BoycottFranceProducts”

https://twitter.com/007MalikM/status/1330271394861604871?s=15\

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहे वीडियो का फ्रांस में पिछले दिनों पैगंबर मुहम्मद के कार्टून को लेकर हुए प्रदर्शनों से कोई संबद्ध नहीं है। 

जाँच की शुरूवात हमने वायरल हो रहे वीडियो को इनवीड-वी वैरिफाइ टूल के माध्यम से छोटे कीफ्रेम्स में काटकर गूगल रीवर्स इमेज सर्च के ज़रिये की तो परिणाम में हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें इस वीडियो को प्रसारित किया हुआ था। समाचार लेख में लिखा है कि, 

“पेरिस में ट्रोकाडेरा स्क्वेयर पर प्रदर्शनकारियों ने वैश्विक सूरक्षा कानून (ग्लोबल सेक्यूरिटी लॉ) के खिलाफ आंदोलन किया। फ्रांस की संसद ने अनुच्छेद 24 को चुनौती देने वाले “वैश्विक सुरक्षा” पर एक कानून पारित किया, जो पुलिस अधिकारियों द्वारा किये गये किसी भी कार्य की फुटेज को रिलीस करने को नियंत्रित करता है। आपको बता दें कि कानून में राइट टू इनफोर्मेशन के आधार पर संशोधन किया जा सकता है।“ 

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कनल 5 टीवी | आर्काइव लिंक

उपरोक्त समाचार लेख में जो वीडियो प्रसारित किया हुआ है वह यूट्यूब पर भी प्रसारित है। वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “वैश्विक सूरक्षा कानून के खिलाफ पेरिस में ट्रोकाडेरा में विशाल प्रदर्शन।” यह वीडियो 21 नवंबर 2020 को प्रसारित किया गया है।

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आपको बता दें कि वैश्विक सुरक्षा कानून के चलते यह कानून  उन छवियों को प्रसारित करने के लिए अवैध बनाता है जिनमें पुलिस अधिकारियों या जेंडआर्म (फ्रांस की सेना) को व्यक्तिगत रूप से पहचाना जा सकता है।

तदनंतर अधिक कीवर्ड सर्च करने पर हमें फ्रांस24 का एक समाचार लेख मिला जिसमें ट्रोकाडेरा स्क्वेयर पर हो रहे प्रदर्शन के विषय में लिखा है। समाचार लेख में एक वीडियो भी प्रसारित किया हुआ है जिसमें पेरिस में हो रहे प्रदर्शन की रिपोर्ट दिखायी गयी है।

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\France Protest against law1.png

आर्काइव लिंक

जाँच के दौरान हमें यूट्यूब पर रपट्ली द्वारा एक लाईव वीडियो प्रसारित किया हुआ मिला जिसमें ट्रोकाडेरा स्क्वेयर पर हुए विरोध प्रदर्शन को विस्तार से दिखाया गया है। वह लाइव वीडियो 5.45.38 घंटों का है। वीडियो में कुछ क्षण बाद दी आपको वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा दृश्य दिखायी देगा। यह वीडियो 21 नवंबर 2020 को प्रसारित किया हुआ है।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि वीडियो के साथ किया गया उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रहे वीडियो का फ्रांस में पिछले दिनों पैगंबर मुहम्मद के कार्टून को लेकर हुए आंदोलन से कोई संबन्ध नहीं है। वीडियो फ्रांस में बने वैश्विक सूरक्षा कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का है।

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Title:फ्रांस में वैश्विक सुरक्षा कानून के खिलाफ आंदोलन को इमैनुएल मैक्रॉन के खिलाफ हुए आंदोलन का बता वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False