पैगंबर मोहम्मद के एक स्केच को लेकर फ्रांस में हुई एक शिक्षक की हत्या व तदनंतर फ्रांस के राष्ट्रपति की “फ्री स्पीच” की टिप्पणी के पश्चात फ्रांस के साथ साथ कई अन्य देशों में मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, इन प्रदर्शनों के चलते सोशल मीडिया पर फ्रांस से संबंधित कई गलत तस्वीरें और वीडियो फैलाये जा रहें है, इन्हीं सब के बीच कुछ मुस्लिम बहुमत वाले देशों में फ्रेंच प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की मुहिम भी चलाई जा रही है | इस मुहिम को सोशल मीडिया “बायकाट फ्रेंच प्रोडक्ट” के नाम से ट्रेंड करवाया जा रहा है | फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी इस प्रकरण से सम्बंधित कई फेक वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान कर लोगों तक सच्चाई पहुँचायी है |

बायकाट फ्रेंच प्रोडक्ट” से सम्बंधित सोशल मीडिया पर एक वीडियो वर्तमान में खूब वायरल हो रहा है जिसके माध्यम से दावा किया जा रहा है कि अरब के देश इस तरह से फ्रांस के सामान का बायकॉट/बहिष्कार कर रहे हैं |

वीडियो में एक रेगिस्तान में कुछ ट्रक खड़े दिख रहे हैं जिनमें से सफेद रंग के पैकेटों को बाहर फेंका जा रहा है | ट्रकों के पास हजारों पैकेटों के ढेर जमा हो गए हैं | दावे के अनुसार यह पैकेट फ्रांस द्वारा बनाये व बेचे गये सामान के है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

यह वीडियो फेसबुक पर काफी तेजी से फ़ैल रहा है जिसे हजारों व्यूज और शेयर मिल रहे है |

अनुसन्धान से पता चलता है कि...

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि ये वीडियो सऊदी अरब से २०१६ का है, वीडियो में ट्रकों से खराब हो चुके चिकन के पैकेटों को फेंका जा रहा है |

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल के माध्यम से रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें यह वीडियो यूट्यूब पर १६ नवंबर २०१६ को एक उर्दू चैनल द्वारा प्रसारित किया गया मिला |

इसके आलावा हमें एक और यूट्यूब वीडियो मिला जिसको नवंबर २०१६ को प्रसारित करते हुए उर्दू भाषा में लिखा गया है कि

अल-कासिम नगर पालिका ने मानव उपयोग के लिए अयोग्य मुर्गियों से लदे 25 ट्रकों को पकड़ा, जो वितरण के लिए अपने रास्ते पर थे |”

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें अरब टीवी चैनल अल अरबिया की एक रिपोर्ट मिली, जिसे नवंबर २०१६ में प्रकाशित किया गया था | ये रिपोर्ट वायरल वीडियो के बारे में है जिसके मुताबिक, ये वीडियो सऊदी अरब के अल कासिम क्षेत्र से है, जहां २५ ट्रकों में लाए गए लगभग ८०००० चिकन के पैकेटों को रेगिस्तान में डिस्पोज किया गया था | चिकन के ये पैकेट एक्सपायर हो चुके थे और लोगों के खाने लायक नहीं बचे थे | प्रशासन को खराब हो चुके चिकन के ये पैकेट एक रेड के दौरान मिले थे |

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो २०१६ का सऊदी अरब से वीडियो है | वीडियो में ट्रकों में से खराब हो चुके चिकन के पैकेटों को फेंका जा रहा है | इस वीडियो का मुस्लिम देशों द्वारा फ्रेंच प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की मुहिम से कोई संबंध नही है |

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Title:२०१६ के वीडियो को अरब में फ्रांस के सामान के बहिष्कार के नाम से किया वायरल |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False