वायरल वीडियो को भ्रामक दावे से फैलाया गया है , वीडियो अगस्त 2022 का है जब चोरी करने पर एक चोर को व्यापारियों ने पकड़ लिया था व उसकी पिटाई कर दी थी। घटना का जाति, धर्म और बिहार से कोई लेना-देना नहीं है।

सोशल मीडिया पर एक एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जो बेहद ही संवेदनशील है। वीडियो में 3-4 युवकों का समूह एक दुकान के अंदर एक व्यक्ति को लाठियों से पीट रहा है। वीडियो को इस दावे के साथ साझा किया गया है कि ये बिहार में हुई हाल की घटना है। जहां पर एक दलित को हिंदू समुदाय के उच्च जाति के कुछ लोगों ने पीट दिया।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने कैप्शन में लिखा है कि …
बिहार में एक दुखद घटना में एक दलित व्यक्ति के खिलाफ भयावह अपराध सामने आया है। श्री पासवान पर कथित तौर पर ऊंची जाति के हिंदू समुदाय के सदस्यों और हिंदू समाज के अन्य लोगों द्वारा क्रूर हमला किया गया था।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो से जुड़ी खबर हमें दैनिक भास्कर पेज पर मिला। जिसे एक साल पहले प्रकाशित किया गया था। इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक ये घटना राजस्थान के भरतपुर जिले की है।

बताया गया है कि भरतपुर के कामां कस्बे के नगरपालिका बाजार में एक चोर व्यापारियों के हत्थे चढ़ा। जो रेकी करने नगरपालिका बाजार में घूम रहा था। चोर इसी इलाके में 4 बार चोरियां कर चुका था। इन चोरियों के बाद व्यापारी पिछले कई दिनों से चोर की तलाश कर रहे थे। वहीं व्यापारियों ने सीसीटीवी फुटेज से चोर को पहचाना। फिर शाम को रेकी करते वक्त दुकानदारों ने उसे पहचान लिया और पीछा कर दबोच लिया।
स्थानीय व्यापारियों ने चोर को दुकान के भीतर लाकर शटर बंद कर लिया। जिसके बाद व्यापारियों ने करीब एक 1 घंटे तक उस चोर की पिटाई की। हैरान करने वाली बात ये है कि घटना वाली जगह पर पुलिस पहुंची थी मगर दुकान के बाहर तमाशबीन बन कर खड़ी रही।
पड़ताल के दौरान हमें कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं। रिपोर्ट्स के अनुसार गुस्साए व्यापारियों को चोर के अन्य समुदाय तथा जाति से होने का पूरा शक था। जिसके बाद डरे सहमे चोर ने अपना आधार कार्ड निकाल कर दिखाया और कहा कि उसका नाम राहुल कुमार (28) है, वह हिंदू है।
राहुल ने खुद को दिल्ली के संगम विहार का निवासी बताया। हालांकि उसने कबूल किया कि वह चोरी की नीयत से ही रेकी कर रहा था।
पहले भी उसने इसी इलाके से चोरियां की और सामान बेच दिया। चोर के कबूलनामे के बाद व्यापारियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

सीओ बोले-यह मॉब लिंचिंग नहीं-
वहीं दैनिक भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तब इस मामले में कामां थाने के सीओ प्रदीप यादव ने कहा था कि पहले भी कामां में दुकानों में चोरी हुई थी। दुकानदार ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोर को पहचान लिया। उन्होंने चोर को पकड़कर पूछताछ की थी और उसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। चोर के साथ अगर मारपीट हुई है तो उसका मेडिकल कराएंगे। विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे। यादव ने कहा कि यह मामला मॉब लिंचिंग का नहीं है। दुकानदारों ने चोर को पहचान लिया और पूछताछ की थी। आगे की कार्यवाही की जाएगी।
इस खबर को यहां, यहां और यहां पर भी पढ़ा जा सकता है। प्रकाशित खबरों के मुताबिक ये वायरल वीडियो बिहार का नहीं बल्कि राजस्थान का एक साल पुराना वीडियो है । जहां अगस्त 2022 में एक चोर को व्यापारियों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। और वायरल पोस्ट में कहीं पर भी दलित जाती का जिक्र नहीं किया गया है। मामला चोरी का था। खबर का जाति, धर्म और बिहार से कोई लेना-देना नहीं है।
निष्कर्ष-
तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि , बिहार में एक दलित व्यक्ति को हिंदू समुदाय के उच्च जाति द्वारा पीटे जाने का दावा पूरी तरह से गलत है । यह राजस्थान का एक साल पुराना चोर को पीटने का वीडियो है। जो बिहार का नहीं है और न ही इसका जाति, धर्म से कोई लेना-देना है।

Title:राजस्थान चोरी मामले का एक साल पुराना वीडियो बिहार में एक दलित के साथ हालिया मारपीट के फर्ज़ी दावे से वायरल…
Written By: Sarita SamalResult: False
