पश्चिम बंगाल के एक असंबंधित वीडियो को मई 2024 में उत्तर प्रदेश के एक मंदिर के चेंजिंग रूम में मिले एक छिपे हुए कैमरे के मामले से गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ साधुओं के एक समूह पर हमला करती दिख रही है।वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित मंदिर परिसर में महिलाओं के चेंजिंग रूम में एक कैमरा मिलने की घटना का है।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- #गाजियाबाद..मुरादनगर गंगनहर पर मंदिर के बाहर चेंजिंग रूम है। इसमें CCTV कैमरा लगा मिला है। कैमरे की Live फीड महंत मुकेश गोस्वामी के मोबाइल पर थी।महंत के मोबाइल से पुलिस को महिलाओं के कपड़े बदलते हुए कई क्लिप मिली हैं। महंत पर FIR दर्ज, महंत हुआ फरार।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें रिपब्लिक भारत के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर दिखाई दिया। वीडियो को 13 जनवरी 2024 को शेयर किया गया था। जानकारी के मुताबिक, साधुओं को निर्वस्त्र करके पीटने का यह मामला पश्चिम बंगाल के पुरुलिया का है।
मिली जानकारी की मदद लेते हुए अधिक सर्च करने पर हमें यूपी तक की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट को 13 जनवरी 2024 को प्रकाशित किया गया था। इसके अनुसार, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में गंगासागर मेले का आयोजन चल रहा था। इसी मेले में पहुंचे यूपी के तीन साधुओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। स्थानीय लोगों ने तीनों साधुओं को अपहरण करने वाला समझ लिया था, जिसके बाद उन पर हमला कर दिया।
हमें पुरुलिया जिला पुलिस द्वारा 13 जनवरी 2024 को पोस्ट की गई एक एक्स पोस्ट भी मिली, जिसमें इस घटना का ज़िक्र था। इसमें बताया गया था कि 11 जनवरी 2024 को गंगासागर जा रहे तीन साधुओं और कुछ स्थानीय नाबालिग लड़कियों के बीच ग़लतफ़हमी हो गई थी।
इससे स्थानीय लोगों को अपहरण के प्रयास का संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने साधुओं पर हमला किया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस घटना के सिलसिले में बारह लोगों को गिरफ्तार किया गया था और पुष्टि की, कि इसमें कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था।
इसके अलावा, गाजियाबाद ग्रामीण आयुक्तालय के डीसीपी द्वारा 04 अगस्त 2025 को पोस्ट किए गए एक पोस्ट में, वायरल दावे का जवाब देते हुए, स्पष्ट किया गया कि वीडियो गाजियाबाद की घटना से संबंधित नहीं है और इस मामले में पहले ही कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है।
पोस्ट में कहा गया कि घटना पुरानी है, वीडियो का मुरादनगर गंगनहर मंदिर से कोई संबंध नहीं है, और चेतावनी दी गई कि झूठी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के एक मंदिर के चेंजिंग रूम में छिपे हुए कैमरे का मामल–
एबीपी न्यूज़ और ईटीवी की वेबसाइट पर 8 सितंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में छोटा हरिद्वार के नाम से मशहूर गंगनहर घाट पर महिलाओं के चेंजिंग रूम में सीसीटीवी मिला था। इस मामले में गंगनहर घाट पर स्थित प्राचीन शनि मंदिर के महंत के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी फरार हो गया था।”
पुलिस की जांच में सामने आया कि महंत ने गंगनहर के पास स्थित चेंजिंग रूम में कैमरे लगाकर महिलाओं के कपड़े बदलते समय वीडियो रिकॉर्ड किए थे। इस मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन आरोपी महंत फरार हो गया। चार महीने बीतने के बाद जब महंत की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। तो मुरादनगर पुलिस ने महंत की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, साधुओं की पिटाई के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा है। वीडियो एक साल पुराना है और पश्चिम बंगाल का है, जब मकर संक्रांति के मौके पर पुरुलिया जिले में गंगासागर मेले में स्नान करने आए साधुओं पर स्थानीय लोगों ने महिलाओं से छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाकर उनकी पिटाई कर दी थी।

Title:क्या संत महिलाओं के चेंजिंग रूम में गुप्त कैमरे लगाकर देख रहे थे? दावा फर्जी, मामला कुछ और है…
Fact Check By: Sarita SamalResult: Misleading
