सड़क पर मुर्गा बनने का यह वीडियो क्या वाकई आगरा से है? पढ़िए पूरी खबर
पाकिस्तान के ३ साल पुराने वीडियो को यूपी के आगरा का बताकर किया वायरल,कोरोना में गाइडलाइन्स के खिलाफ जाने वालों को ये सजादी गयी थी, दावा फ़र्ज़ी है।
अभी हालही में रमज़ान का महीना समापत हुआ था जिस से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मंचों पर साझा किये गए। खास तौर से सड़क पर नमाज़ अदा करने की खबरें खूब वायरल हुई जिनको यूज़र द्वारा जमकर प्रचारित किया गया। इसी को जोड़ते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जिस में कुछ लोगों को मुर्गा बनकर चलते हुए देखा जा सकता है। वायरल इस वीडियो में एक टाइटल है जिसमें लिखा है योगीजी का पोल्ट्रीफॉर्म। लगभग 20 सेकंड वाले वीडियो को वायरल करते हुए यह दावा किया है की उत्तर प्रदेश के आगरा में सड़क पर नमाज़ पढ़ने के चलते नमाज़ियों को 6 घंटे तक मुर्गा डांस कराया गया है। वायरल वीडियो के साथ यूज़र ने कैप्शन में लिखा है की…
‘’ उत्तर प्रदेश में आगरा के पास रोड पर नमाज पढ़ने के बाद पुलिस सजा तौर पर 6 घंटे तक मुर्गा डांस करवाया और वार्निंग देकर छोर दीया अगली बाड़ डंडे परेंग अब्दुल को याद रहे।‘’
अनुसन्धान से पता चलता है की…
सबसे पहले हमने वीडिओ को छोटे-छोटे की फ्रेम्स में कट किया उसके बाद उससे निकली तस्वीरों का गूगल इमेज रिवर्स किया। जिससे हमें इतना पता चला की ये वीडियो न तो उत्तर प्रदेश के आगरा का है और नही सड़क पर नमाज़ पढ़ने की सज़ा से जुड़ा है। ये वीडियो पाकिस्तान के मनसेहरा का है जो की तीन साल पुराना है। दरसल पड़ताल में हमें जिओटीवी की एक रिपोर्ट मिली जिसे 29 मार्च 2020 की तारीख में देखा जा सकता है। रिपोर्ट में घटना से संबंधित एक न्यूज़ वीडियो हैजिसमें एंकर इस के बारे में यह बताता है की लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले 60 लोगों को थाने में मुर्गा बनाया गया है। न्यूज़ रिपोर्ट के साथ दिए गए शीर्षक में भी यही लिखा है की “ मनसेहरा में लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले 60 लोगों को थाने में सजा के तौर पर मुर्गे की तरह खड़े रहने को कहा गया।“
ये देखने के बाद की वीडियो पकिस्तान के मनसेहरा का है और मामला पुलिस से जुड़ा है। इसलिए हमने ट्विटर पर जाकर मनसेहरा पुलिस की तरफ से किये गए ट्वीट की खोज की। परिणाम में हमें इसी वीडियो से जुड़ा एक ट्वीट मिला जिसे पाकिस्तान के प्रसिद्ध पॉलिटिशियन बाबा है दर जमान हजारा के ट्वीटर अकाउंट के हवाले से किया गया था। इस में लिखा था की “ यह तरीका बेहद निंदनीय है। पुलिस को या तो जुर्माना करना चाहिए या चालान बनाना और ऐसा पुलिस वीडियो अपलोड करना मानवीय अपमान की श्रेणी में होगा और यातना भी।“
गौरतलब है की इस ट्वीट का रिप्लाई मनसेहरा पुलिस की तरफ से किया गया है। जिसमें लिखा है की इस मामले का संज्ञान लेने के साथ ही इन्क्वारी की जा रही है। इस तरह की सज़ा आगे किसी भी थाने में नदी जाए इसकी चेतावनी दी गयी है। ये ट्ववीट 30 मार्च 2020 के डेट में देखा जा सकता है।
आगे हमने पाकिस्तानी मीडिया के पत्रकार आसिफ महमूद से इस वीडियो के बारे में मालूमात की। जिन्होंने हमें ये बताया की वीडियो साल 2020 कोरोना के समय का है जब मनसेहरा में कोरोना के वक़्त लगायी गयी पाबंदियों के खिलाफ जाते हुए लोगों को पुलिस ने थाने ले जाकर मुर्गा परेड कराया था। बादमें मामले का संज्ञान लिया गया और रिपोर्ट तलब की गयी।
निष्कर्ष-
तथ्यों के जांच के बाद ये स्पष्ट होता है की मुर्गा बनकर चल रहे कुछ लोगों का वीडियो पकिस्तान का है नाकी आगरा का। यूज़र द्वारा इस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। जिसका सड़क पर नमाज़ पढ़ने के बदले दी गयी सज़ा से कोई लेना देना नहीं है।
Title:सड़क पर मुर्गा बनने का यह वीडियो क्या वाकई आगरा से है? पढ़िए पूरी खबर
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False