फ्रांस में आंदोलन कर रहे पर्यावरण कार्यकार्ताओं को सड़क से हटाने के वीडियो को सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Communal False

इस वीडियो में मुस्लिम समुदाय से कोई संबन्ध नहीं है। जिन लोगों को रास्ते से हटाया जा रहा है वे पर्यावरण कार्यकर्ता है।

एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है। उसमें आप एक शख्स को रास्ते पर बैठे हुये कुछ लोगों को एक- एक कर उठाकर सड़क के साइड में बैठाते हुये देख सकते है। दावा किया जा रहा है कि फ्रांस में मुस्लिम आंदोलनकारियों को सड़क से उठाकर साइड में बैठाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स कह रहे है कि भारत में मुस्लिमों के साथ ऐसा करना चाहिये।

वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है, ““फ्रांस” में तथाकथित “भांड-जिहादी आंदोलनजीवियो” को “कॉलर” से पकड़ पकड़ कर घसीट कर सड़क से उठाकर फेंकते हुए स्थानीय नागरिक। यहां हिंदुस्तान की जनता को भी इसी तरह से बात बात पर आंदोलन के नाम पर सड़क जाम करके बैठ जाने वाले लोगों के साथ में यही करना चाहिए।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिये हमने फेसबुक पर कीवर्ड सर्च किया। हमें यही वीडियो 1 दिसंबर को यह वीडियो स्काई न्यूज़ अरेबिया के पेज पर शेयर किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह वीडियो फ्रांस का है। वहाँ टैक्सी ड्राइवरों ने आंदोलन कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सड़क से हटाया।

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2 दिसंबर को प्रकाशित एक्सप्रेस यू.के की रिपोर्ट में बताया गया है कि पेरिस के क्रोधित ड्राइवरों ने वहाँ स्थित लेवालोइस-पेरेट में लेवलोइस पुल पर सड़क से जलवायु कार्यकर्ताओं को खींचकर हटा दिया। प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक लिया था जिसकी वजह से गाड़ियों की यातायात बंद हो गयी थी। इसलिये वाहन चालकों ने उन्हें धक्का मारकर रास्ते से हटा दिया।  

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो मुस्लिमों के आंदोलन का नहीं है। इसमें जिन लोगों को हटाया जा रहा है वे पर्यावरण कार्यकर्ता है।

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Title:फ्रांस में आंदोलन कर रहे पर्यावरण कार्यकार्ताओं को सड़क से हटाने के वीडियो को सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Samiksha Khandelwal 

Result: False