लंदन में हुये हिजाब- विरोधी आंदोलन के वीडियो को गलत दावे के साथ जोड़ वायरल किया जा रहा है।

Communal False

दावे में बतायी गयी जानकारी गलत है। यह वीडियो लंदन में हुये हिजाब- विरोधी आंदोलन का है। इसका मंदिर या हिंदुओं से कोई संबन्ध नहीं है।

एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। उसमें आप देख सकते है पुलिस एक शख्स को अपने साथ ले जा रही है और तभी वहाँ मौजूद लोग उस शख्स पर और पुलिस पर हमला कर रहे है। 

दावा किया जा रहा है कि इंग्लैंड के बर्मिंघम में मंदिर पर हमला करने वाले मोहम्मद रिजवान को पुलिस अदालत ले जा रही थी और तभी वहाँ मौजूद हिंदुओं ने उस पर हमला किया व उसके साथ मारपीट की।

वायरल हो रहे पोस्ट को आप नीचे देख सकते है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने इस बात की जाँच की कि क्या बर्मिंघम में ऐसी कोई घटना हुई है जिसमें मोहम्मद रिजवान नामक शख्स ने मंदिर पर हमला किया व पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इसके लिये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया परंतु हमें ऐसा कोई वेबसाइट नहीं मिला जिसमें यह घटना की जानकारी मिली हो।

फिर हमने इस वीडियो की जाँच की। हमने इनवीड वी- वैरिफाई टूल के माध्यम से इसको छोटे कीफ्रेम्स में काटकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें इस वीडियो का एक भाग डेली मेल के चैनल पर 26 सितंबर को प्रसारित किया हुआ मिला। इसमें आप वायरल वीडियो में दिखाये गये दृश्य को 3.17 मिनट से आगे तक देख सकते है।

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इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह वीडियो लंदन में ईरान एम्बेसी के सामने हो रहे हिजाब विरोधी आंदोलन का है। इसमें बताया गया है कि प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक जुलूस के सदस्यों व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी थी और इस वीडियो में वही दिखाया गया है। 

आपको बता दें कि पिछले महीने 16 सितंबर को महसा अमिनी नाम की एक 22 वर्षीय ईरानी युवती की पुलिस हिरासत में होते हुये ईरान के तेहरान में एक अस्पताल में मौत हो गयी। दरअसल महसा ने ईरानी सरकार के नियमों के मुताबिक हिजाब नहीं पहना था, जिसके कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट के मुताबिक उसका हिजाब काफी ढीला था व उसके बाल भी दिख रहे थे। पुलिस ने इस मामले में दावा किया है कि महसा को पुलिस स्टेशन में दिल का दौरा पड़ा और वह गिर गयी और कोमा में चली गयी। परंतु उसके साथ हिरासत में ली गयी अन्य लड़कियों ने बताया कि महसा को पुलिस हिरासत में बहुत बुरी तरह पीटा गया और इसलिये उसकी मृत्यू हो गयी। 

इसकी वजह से पूरे ईरान में सरकार व हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। फिर ईरान के साथ- साथ और भी देश जैसे की इंग्लैंड, अमेरिका, फ्रांस में विरोध प्रदर्शन जारी है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो लंदन में चल रहे हिजाब- विरोधी आंदोलन का है। इसका हिंदुओं व मंदिर से कोई संबन्ध नहीं है।

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Title:लंदन में हुये हिजाब- विरोधी आंदोलन के वीडियो को गलत दावे के साथ जोड़ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Samiksha Khandelwal 

Result: False