महाराष्ट्र में मुस्लिम टीचर ने लड़कियों से जबरदस्ती नमाज़ नहीं पढ़वाई; फिल्म थिएटर में हुए विवाद को गलत सांप्रदायिक मोड़

Partly False Political

यह घटना नासिक की है जहां ‘कश्मीर फाइल्स’ देखने गई महिलाएं और थिएटर कर्मियों के बीच केसरी दुप्पटे को लेकर कहा सुनी हुई थी। इसका सांप्रदायिकता से कोई संबन्ध नहीं है।

गुस्सैल भीड़ का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में एक ईसाई स्कूल में एक मुस्लिम अध्यापक ने लड़कियों से जबरदस्ती नमाज़ पढ़वायी। इसके बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने अध्यापक के हाथों से उन लड़कियों को केसरी रंग के दुप्पटे पहनाए।

फैक्ट क्रेसैंडो की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। 

वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है, “महाराष्ट्र के ईसाई स्कूल में एक मुस्लिम टीचर ने जबरन लड़कियों को स्कूल में नमाज पढ़वाई थी। फिर राज ठाकरे की मनसेना के कार्यकर्ता ने उसी मुस्लिम के पास से केसरिया खेस पहनवाया। जय श्री राम।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। हमें 24 मार्च को आर.भारत के चैनल पर प्रसारित एक रिपोर्ट मिली। उस के मुताबिक यह वीडियो महाराष्ट्र के नासिक का है। बताया गया है कि कुछ महिलाएं सिनेमा हाल में केसरी रंग के दुप्पटे अपने गले में डालकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने जा रही थी। तो वहाँ के कर्मचरियों ने उन्हें वह दुपट्टा निकालने को कहा। इसे देख महिलाएं क्रोधित हुई। उनके समर्थन में कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और सिनेमा हॉल के कर्मचारियों से माफि मंगवायी और महिलाओं को वापस दुपट्ट पहनवाया। इस दौरान वहाँ पुलिस भी पहुंची।

23 मार्च को प्रकाशित टी.वी. 9 मराठी के मुताबिक नासिक के कॉलेज रोड़ क्षेत्र में स्थित पी.वी.आर सिनेमा में यह मामला हुआ था जहाँ महिला दिन के अवसर पर महिलाओं के लिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित की गई थी। इस घटना के बाद आपसी सहमति से विवाद को खत्म कर दिया गया था। इस प्रकरण में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी है।

फैक्ट क्रेसैंडो ने मनसे के नासिक जिला अध्यक्ष अंकुश पवार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि, “सबसे पहले इसके साथ जो दावा वायरल हो रहा है वह गलत है। यह घटना किसी स्कूल की नहीं है। दूसरी ओर, मनसे के कई युवा कार्यकर्ता है नासिक में तो यह कहना मुश्किल होगा कि वीडियो में दिख रहे लोगों में कोई से मनसे का नहीं है।“ 

नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने फैक्ट क्रेसेंडो को बताया कि “वीडियो में दिख रही घटना पी.वी.आर सिनेमा में कश्मीर फाइल्स फिल्म की स्क्रीनिंग के समय का है। यह महिलाओं के लिये एक ग्रुप स्क्रीनिंग थी और सभी भागवा स्कार्फ के साथ आये थे। सिनेमा प्रबंधन ने इसे जमा कर लिया और बाद में वापस भी कर दिया। यह घटना करीब 3 हफ्ते पहले की है।“


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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इस वीडियो का किसी भी ईसाई स्कूल या फिर मुस्लिम अध्यापक से संबन्ध नहीं है। यह नाशिक के एक सिनेमा हॉल में हुई घटना का दृष्य है।

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Title:महाराष्ट्र में मुस्लिम टीचर ने लड़कियों से जबरदस्ती नमाज़ नहीं पढ़वाई; फिल्म थिएटर में हुए विवाद को गलत सांप्रदायिक मोड़

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: Partly False