
अस्पताल के बिस्तर पर हिंदू देवी-देवताओं को दर्शाने वाली एक तस्वीर दि सोशल मीडिया मंचो पर चर्चा का विषय बनी हुई है, सोशल पोस्टों में दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित देवताओं का इलाज करने वाले पुजारियों को दिखाती है | कहा जा रहा है कि यह एक संगरोध केंद्र है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“मुर्खो का देश | भगवान को हुआ कोरोना मुर्खता की कोई हद नहीं होती, पत्थर की मुर्तियो को भी कोरन्टाईन होना पड़ रहा हे, इन्सानो द्वारा इलाज भी हो रहा है ! आप अपना खयाल रखे.. भगवान के भरोसे ना रहे, क्योंकि भगवान खुद इन्सानो के भरोसे होस्पिटल मे पड़े हैं… ये है हमारा भारत |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर को यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें तस्वीर में दिखाया गया दृश्य एक यूट्यूब वीडियो में मिला | वाल्मीकि दास नामक एक यूट्यूब चैनल ने २६ जुलाई २०१९ को एक वीडियो अपलोड किया था जिसके शीर्षक में रुसी भाषा में लिखा गया है कि
“दर्शन ऑफ़ श्री पंचा तत्त्व ओम्स्क के वेकेशन में |”
इस यूट्यूब चैनल ने २६ अक्टूबर २०१९ को एक और वीडियो को अपलोड करते हुये उपरोक्त श्री पंचा तत्त्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी है, वीडियो के शीर्षक में लिखा है कि
“श्री श्री पंच-तत्त्व की स्थापना २७ जुलाई २०१९, ओम्स्क |” ८ मिनट १३ सेकंड में हम वायरल तस्वीर में दिखाए गये दृश्य को देख सकते है | वीडियो के विवरण के अनुसार, यह दृश्य उस दिन से हैं, “जब देवता स्थापित किये गए थे।” जब हमने ओम्स्क के बारें में ढूँढा हमें पता चला कि ओम्स्क रूस में स्थित एक शहर है |
तद्पश्चात हम वाल्मीकि दास के इन्स्टाग्राम अकाउंट पर गये जहाँ हमें सोशल मीडिया पर वायरल समान तस्वीर नज़र आई, ‘इस्कॉन‘ वेबसाइट के अनुसार, देवताओं के स्थापना समारोह में प्रारंभिक सफाई शामिल है | जिसके अंतिम चरण में, देवताओं को एक अनाज से बने बिस्तर में सोने के लिए ले जाया जाता है |
हमें इस समारोह से कुछ और तस्वीरें भी मिलीं, जो रूस में आयोजित की गई थीं जिसे आप नीचे देख सकते है |
वालमिकी एल्बम | वालमिकी फेसबुक अकाउंट
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात् हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पिछले साल रूस में हुये एक समारोह की तस्वीर को वर्तमान कोरोनावायरस महामारी से जोड़ भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित देवताओं के संगरोध केंद्र का बता फैलाया जा रहा है|

Title:पिछले साल रूस में हुये पंच-तत्त्व समारोह की तस्वीरों को वर्तमान भारत में देवी-देवताओं को संगरोध केंद्र में रखा बताया जा रहा है|
Fact Check By: Aavya RayResult: False
