पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों की यूपी पुलिस ने नहीं की पिटाई, भ्रामक है वायरल दावा…

False Social

Byline- एक कांस्टेबल पर हमले के आरोप में आंध्र प्रदेश पुलिस ने बीच सड़क पर की थी इन युवकों की पिटाई, यूपी नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का है वायरल वीडियो। 

इंटरनेट पर काफी हैरान कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मी बीच सड़क पर तीन युवकों को बैठा कर उनकी पिटाई करता हुआ नज़र आता है। पुलिसकर्मी उन युवकों के पैरों के पंजे पर बारी-बारी से लाठियां बरसाता है, जिससे वे लोग चिल्लाते हुए दिखाई देते हैं। यूजर्स इस वीडियो के साथ दावा कर रहे हैं कि इन युवकों ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगाया, जिसके चलते योगी सरकार की पुलिस ने इनकी बीच सड़क पर इस तरह से पिटाई कर दी। यूज़र ने पोस्ट के साथ यह कैप्शन लिखा है…

पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वालों का इलाज ऐसे होता है यूपी पुलिस योगी आदित्यनाथ बुलडोजर बाबा अभी इनका मकान भी बुलडोजर से तोड़ा जाएगा.

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया। परिणाम में हमें कुछ तेलुगू मीडिया आउटलेट की तरफ से घटना पर प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तेनाली कस्बे की थी ,जहां एक कॉन्स्टेबल पर हमला करने के आरोप में तीन युवकों की पुलिस ने हाईवे पर पिटाई कर दी थी। पीड़ित युवकों की पहचान चेब्रोलू जॉन विक्टर (25), शेख बाबूलाल उर्फ ​​करीमुल्ला (21) और डोमा राकेश (25) के रूप में हुई थी,जो तेनाली और मंगलगिरी के निवासी थें।

इस घटना के बारे में 27 मई 2025 को टाइम्स नाउ के फेसबुक पेज पर एक वीडियो रिपोर्ट वाला वीडियो शेयर किया हुआ देख सकते हैं। इसमें बताया गया है कि, “आंध्र प्रदेश के तेनाली हाईवे का एक विचलित करने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें एक पुलिसकर्मी सड़क किनारे तीन लोगों विक्टर, बाबूलाल और राकेश को बेरहमी से पीटता हुआ दिखाई दे रहा है। वह उन्हें पैर फैलाकर बैठने के लिए मजबूर कर रहा है और डंडे से उनके पैरों पर वार कर रहा है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर नशे में एक कांस्टेबल पर हमला किया था। इस घटना से ऑनलाइन लोगों में आक्रोश फैल गया और फुटेज वायरल होने के बाद संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था।”

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27 मई 2025 को ही इस घटना के बारे में इंडिया टुडे ने भी अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें हमें वीडियो रिपोर्ट दिखाई दिए जो वायरल वीडियो की घटना से सम्बंधित थीं। वहीं खबर के अनुसार,घटना आंध्र प्रदेश के तेनाली के पास हुई थी। दिनदहाड़े पुलिस द्वारा युवकों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस की बर्बरता पर लोगों में आक्रोश देखने को मिला। घटना पर राज्य की विपक्षी पार्टी वाईएसआरसीपी ने पुलिस पर तीनों युवकों से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया और पुलिस कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की मांग की।

हमने जांच के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अंबाती रामबाबू की एक्स पर वायरल वीडियो को लेकर किया गया एक पोस्ट देखा। इसमें उनकी तरफ से घटना की निंदा की गई थी। वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा (हिंदी में अनुवाद )था, यह दृश्य तेनाली की मुख्य सड़क का है… अगर गलती भी हुई तो उन्हें पीटने का कोई अधिकार नहीं है। यह नागरिक अधिकारों के बिना “बाबू का राज” है! आगे बढ़ो… न्याय की लड़ाई के लिए!

साथ ही हमें इस वायरल वीडियो को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के एक्स हैंडल पर खंडन वाला एक पोस्ट मिला, जिसमें यह जानकारी दी गई थी कि, ‘यह वीडियो उत्तर प्रदेश से न होकर गुंटुर, आंध्र प्रदेश, मई, 2025 की घटना का है।‘

इसके अलावा हमें जांच के दौरान ऐसी कोई भी मीडिया रिपोर्ट्स या सूचना प्राप्त नहीं हुई , जिनकी तरफ से वायरल दावे की पुष्टि हो। इसलिए स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। 

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि, आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तेनाली हाईवे पर पुलिस द्वारा युवकों की पिटाई के वीडियो को पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने पर यूपी पुलिस की तरफ से युवकों की पिटाई का किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो में दिख रहे इन युवकों की पिटाई एक कॉन्स्टेबल पर हमला करने के आरोप में की गई थी। इसलिए दावा फर्जी साबित होता है। 

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Title:पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों की यूपी पुलिस ने नहीं की पिटाई, भ्रामक है वायरल दावा…

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False

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