बीएसएफ द्वारा पकड़े गए लश्कर के आतंकी की पुरानी तस्वीर को भारत-पाक के हालिया तनाव से जोड़ा जा रहा है। 

False Satyameva Jayate

वायरल तस्वीर सितंबर 2016 में बीएसएफ द्वारा पकड़े गए लश्कर के आतंकी अब्दुल कयूम की है, जिसे भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव से जोड़ कर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ था। हिन्दू पर्यटकों को धर्म पूछकर गोली मारी गई थी। जिसके बाद भारत ने इस कायराना हरकत का जवाब देने के लिए, पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में हवाई हमला करते हुए ऑपरेशन सिंदूर चला कर आतंक के आकाओं को सबक सिखाया। इसी बीच एक तस्वीर को इंटरनेट पर तेज़ी से वायरल किया जा रहा है, जिसमें बीएसएफ के दो जवानों की गिरफ्त में एक आतंकी दिखाई दे रहा है। यह तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि, पकड़े गए आतंकी का कुबुलनामा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से हिन्दुओं को मारने के लिए हथियार और पैसा दिया जाता है, ताकि हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा की जा सके। यह तस्वीर इस कैप्शन के साथ शेयर हो रही है….

पकड़े गए जिंदा कश्मीरी आतंकी ने पूछताछ के दौरान कहा कि आरएसएस हमें हथियार और पैसा मुहैया कराती है और हिंदुओं को मारने के लिए कहती है ताकि हिंदुओं के दिमाग में मुसलमानों के लिए नफरत भरी जा सके…

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें इस फोटो के संदर्भ में कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इनमें न्यूज वेबसाइट DNA की 23 सितंबर 2016 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया था। बताया गया कि वह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी संगठन का कार्यकर्ता था। पकड़े गए व्यक्ति ने अपनी पहचान 32 वर्षीय अब्दुल कयूम के रूप में बताई, जो पाकिस्तान के सियालकोट जिले के पुल बाजुआन गांव का निवासी था।

हमने अपनी जांच में यह पाया कि बीएसएफ ने सीमा से लश्कर के जुड़े आतंकी अब्दुल कयूम को गिरफ्तार किया। कहीं से भी यह उल्लेखित नहीं था कि पकड़े गए आतंकी अब्दुल कयूम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आतंकी घटनाओं के लिए हथियार और पैसा मुहैया कराए जाने के संबंध में बयान दिया हो। इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस, जेके न्यूज टुडे और प्रोकेरला की सितंबर 2016 में प्रकाशित खबर को देखे जा सकते हैं। पुष्टि होती है कि बीएसएफ द्वारा सीमा से लश्कर के जुड़े आतंकी अब्दुल कयूम को भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश करने के लिए गिरफ्तार किया था। 

वहीं 25 सितम्बर 2016 को प्रकाशित पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, पूछताछ में कयूम ने बताया था कि वह लश्कर के लिए फंड जुटा रहा था।उसकी आतंकी ट्रेंनिंग पाकिस्तान के शेखुपुरा जिले के मुकरिदे में हुई थी।

ऐसे में साफ हो जाता है कि वायरल तस्वीर सितंबर 2016 में बीएसएफ द्वारा पकड़े गए लश्कर के आतंकी अब्दुल कयूम की है। जिसे भारत- पाक के हालिया तनाव से जोड़ कर शेयर किया जा रहा है। 

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि वायरल तस्वीर, साल 2016 में बीएसएफ द्वारा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी की है, जिसे अब आरएसएस और भारत-पाक के हालिया तनाव से जोड़कर फर्जी दावे से फैलाया जा रहा है। 

Avatar

Title:बीएसएफ द्वारा पकड़े गए लश्कर के आतंकी की पुरानी तस्वीर को भारत-पाक के हालिया तनाव से जोड़ा जा रहा है।

Fact Check By: Priyanka Sinha  

Result: False

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *