तस्वीर स्वतंत्र भारत की पहली इफ्तार पार्टी की नहीं है । इस भोज का आयोजन सरदार पटेल ने ही किया था। तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

बिहार के दो जिलों में हुए दंगों पर मचे बवाल के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे। इसको लेकर बीजेपी नेता डॉ. निखिल आनंद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा। वहीं इस बीच सोशल मीडिया पर इफ़्तार की एक तस्वीर वायरल को साझा किया जा रहा है। जिसमें देश के पहले प्रधानमनंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ पहली कैबिनेट जिसमें देश के सर्वप्रथम कानून मंत्री डॉ. बीआर अंबेडकर, शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद और कृषि मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे लोग एक मेज़ पर खाना खाते नजर आ रहे हैं।
वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि 1947 में जवाहर लाल नेहरू ने अपने सर्वप्रथम मंत्रिमंडल के सहयोगी शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम को इफ्तार की पार्टी दी थी जिसका विरोध करते हुए सरदार पटेल आमंत्रित भोज में शामिल नहीं हुए थें।
यूज़र द्वारा वायरल किये गए इस पोस्ट के साथ दिए गए एक कैप्शन में लिखा गया है की…
1947 में जवाहर लाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम को इफ्तार पार्टी दी थी l तस्वीर में डॉक्टर अंबेडकर और राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी नजर आ रहे हैं दूसरे कई मंत्री हैं जिसमें वीके कृष्ण मैनन भी है lलेकिन इस तस्वीर में आपको सरदार वल्लभभाई पटेल नजर नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने यह कह कर इस सरकारी इफ्तार पार्टी का विरोध किया था कि जब कुछ ही महीने पहले हमने होली और दिवाली पर कोई हिंदुओं को पार्टी नहीं दी तो फिर यह गलत परंपरा शुरू करना देश के लिए खतरनाक है l
नेहरू के इस तुष्टीकरण को लाल बहादुर शास्त्री ने रोक दिया था लेकिन फिर से इंदिरा गांधी ने शुरू कर दिया था l उसके बाद यह बदस्तूर चलता रहा फिर नरेंद्र मोदी ने इस तुष्टीकरण को रोका l

अनुसंधान से पता चलता है कि…
जांच की शुरुआत में वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर यहीं तस्वीर हमें अलामी वेबसाइट में प्रकाशित मिली। तस्वीर के विवरण के मुताबिक सी. राजगोपालाचारी के जून 1948 में भारत के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने मंत्रिमंडल के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया था।
तस्वीर के शिर्षक में लिखा गया है – डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आज़ाद और अन्य मंत्रियों ने चक्रवर्ती राजगोपालचारी के भारत के पहले गवर्नर जनरल बनने के उपलक्ष्य में कैबिनेट में वल्लभभाई पटेल द्वारा आमंत्रित रात्रिभोज में भाग लिया।

वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक इस भोज में वल्लभभाई पटेल भी मौजूद थे। जिसका आयोजन स्वयं सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था।
हमें उसी इफ्तार पार्टी की ऐसी ही तस्वीर वाली पोस्ट एक ट्विटर अकाउंट पर मिलीं । जिसमें इस तस्वीर को लेने का श्रेय भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार होमई व्यारावाला को दिया गया था।
मिली जानकारी की मदद से हमने आगे वायरल तस्वीर से सम्बंधित अन्य तस्वीरों को ढूढने की कोशिश की। जिसके परिणाम में हमें एक वेबसाइट मिली, इसमें देश की सबसे पुरानी महिला फोटोग्राफर होमई व्यारावाला द्वारा खींची गई कुछ तस्वीरें मिली। होमई व्यारावाला देश की प्रथम भारतीय महिला फोटो पत्रकार थीं।
उन्होंने सन 1948 में सी. राजगोपालाचारी के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार पटेल द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन की एक तस्वीर खींची थी। इस तस्वीर को भी इसी कार्यक्रम के दुसरे व अलग एंगल से क्लिक किया गया था।
होमई व्यारावाला द्वारा खींची गई यह तस्वीर वायरल फोटो की तरह है लेकिन इसको अलग एंगल से लिया गया है। जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल को साफ देखा जा सकता है।

हमने वायरल तस्वीर और हमें मिली तस्वीर का विश्लेषण किया। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर में और हमें जो तस्वीर मिली है, उसमें सभी लोग एक ही क्रम में बैठे हैं। साथ ही तस्वीर में सरदार वल्लभभाई पटेल को तस्वीर के दाहिनी ओर से पांचवें नंबर पर बैठे हुए देखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार में पहुंचने पर तीखी आलोचना –
रामनवमी पर देश के अन्य राज्यों के साथ बिहार के दो बड़े जिलें सासाराम और बिहार शरीफ हिंसा की आग में झुलस गए। तो इधर पटना में सीएम नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। इस दौरान इफ्तार पार्टी के मंच के पीछे लाल किले की तस्वीरों ने कई सियासी सवाल खड़े किये। जिसका जवाब जेडीयू ने बिना लाग लपेट के दिया। जेडीयू ने लाल किले की तस्वीर का मतलब 2024 के आम चुनाव को बताया है।
निष्कर्ष-
तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि तस्वीर स्वतंत्र भारत की पहली इफ्तार पार्टी की नहीं है। इस भोज का आयोजन सरदार पटेल ने ही किया था। तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Title:सरदार पटेल द्वारा आयोजित भोज को आज़ाद भारत की पहली इफ्तार पार्टी के नाम से वायरल किया जा रहा, जिसका आयोजन नेहरु ने किया था।
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
