क्या तमिलनाडु के छात्रों ने कल दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बनाया? पुरानी खबर फिर से वायरल

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कुछ छात्रों की तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि 25 मार्च को तमिलनाडु के इन छात्रों ने दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बनाया जिसे नासा ने लॉन्च किया।

फेसबुक पोस्ट के साथ यूजर्स ने लिखा है – भारत ने कल इतिहास रच दिया जब तमिलनाडु की 18 वर्षीय विद्यार्थी रिफात फारुक द्वारा तैयार किए गए दुनिया के सबसे छोटे सैटलाइट को नासा ने लांच किया। भूतपूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब को सम्मान देते हुए इस सैटेलाइट का नाम ‘Kalamsat’ रखा गया है। इसका वजन सिर्फ 64 ग्राम है। लेकिन भारत की गोदी मीडिया ‘कश्मीर फाइल’ खेलने में व्यस्त है।

यह खबर फेसबुक पर यूजर्स तेजी से शेयर कर रहे हैं। यहां फेसबुक लिंक देखें। 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत हमने वायरल इमेज को गूगल में रिवर्स इमेज करने से की। हमें एएनआई का एक ट्वीट मिला। जिसके मुताबिक वायरल खबर हाल ही की नहीं, बल्कि 2017 का है। प्रकाशित ट्विटर में वायरल तस्वीर है।

इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित खबर के मुताबिक 2017 को 18 वर्षीय तमिलनाडु के छात्र रिफत शारूक और उनकी टीम ने दुनिया का सबसे छोटा उपग्रह बनाया था। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर उपग्रह का नाम कलामसैट रखा गया था। इसका वजन लगभग 64 ग्राम है। वॉलॉप्स आइलैंड में नासा के माध्यम से साउंडिंग रॉकेट में उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया था।

एएनआई से बात करते हुए शारूक ने कहा था कि यह एक 3-डी प्रिंटेड सैटेलाइट है। यह पहली बार है कि अंतरिक्ष में 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

23 जुन 2017 को सीजीटीएन  युट्युब चैनल ने भी यही खबर प्रकाशित की थी। नासा द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में 57 देशों से प्रस्तुत 86,000 प्रस्तावों में से शारूक और उनकी टीम द्वारा निर्मित यह उपग्रह मोडल चुना गया था।

निष्कर्ष:

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि तमिलनाडु छात्रों द्वारा दुनिया का सबसे छोटे सैटेलाइट को नासा लांच करने की खबर 2017 की है।

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Title:क्या तमिलनाडु के छात्रों ने कल दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बनाया? पुरानी खबर फिर से वायरल

Fact Check By: Saritadevi Samal 

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