फैक्ट-चेक: मणिपुर की मस्जिद से हथियार मिलने का दावा झूठा, वीडियो म्यांमार का है

Communal False

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और कैश दिखाई दे रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो मणिपुर की एक मस्जिद का है और वहां से इतनी भारी मात्रा में हथियार और नकदी बरामद की गई हैं। 

फैक्ट क्रेसेंडो के पाठकों ने इस दावे की सच्चाई जानने के लिए यह पोस्ट हमारी व्हाट्सऐप हेल्पलाइन (9049053770) पर शेयर किया।

जांच के दौरान हमें पता चला कि यह वीडियो न मणिपुर का है और न ही किसी भारतीय मस्जिद से इसका कोई लेना-देना है। असल में यह वीडियो म्यांमार (Myanmar) का है और इसे झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

क्या है दावा?

वायरल वीडियो में जमीन पर रखे हथियार, विस्फोटक, नकदी और अन्य सामान दिखाई देता है। 

इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में दावा किया जा रहा है – “मणिपुर की एक मस्जिद में मिला है यह सब।”

इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर हिंदू-मुस्लिम विवाद का मुद्दा बनाया जा रहा है।

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फैक्ट चेक

रिवर्स इमेज सर्च से सामने आया कि यही वीडियो कई महीनों से सोशल मीडिया पर मौजुद है। गौर करने की बात यह है कि, ज्यादा तर म्यांमार के यूजर्स ने यह शेयर किया है। 

इस क्लिप का एक लंबा और बेहतर क्वालिटी वाला वीडियो रेड़ न्यूज एजन्सी ने 15 अप्रैल 2025 को यूट्यूब और फेसबुक पर अपलोड किया था। 

इस वीडियो को ध्यान से देखने पर यह भी साफ दिखता है कि इसमें दिखाई जा रहे नोट भारतीय पैसे नहीं है।

वीडियो के बर्मी भाषा में लिखे मूल शीर्षक अनुसार, फालम शहर से यह हथियार और नकदी बरामद हुए थे। 

इस संदर्भ खोज करने पर पता चला कि फालम म्यांमार के चिन राज्य का एक शहर है। फालम में ‘चिन ब्रदरहुड’ और म्यांमार की सेना की बीच कई महीनों से संघर्ष चल रहा था।

म्यांमार की सेना द्वारा 2021 में किए गए तख्तापलट के बाद चिन राज्य के कई गुटों ने मिलकर ‘चिन ब्रदरहुड’ नाम से गठबंधन बनाया। म्यांमार सेना को चिन राज्य से खदेड़ने और अपने इलाकों पर नियंत्रण पाने के लिए यह संगठन सेना के खिलाफ लड़ रहा है। 

म्यांमार की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 अप्रैल को ‘चिन ब्रदरहुड’ ने फालम में म्यांमार सेना का एक बड़ा बेस कब्जे में ले लिया। इसके बाद वहां से बड़ी संख्या में हथियार, गोलियां और नकदी बरामद हुई थी। 

‘चिन ब्रदरहुड’ ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर इस कारवाई की जानकारी दी थी। इसमें उन्होंने फालम में म्यांमार सेना की 268वीं बटालियन से बरामद किए गए हथियारों की तस्वीरें शेयर की थीं। ये तस्वीरें वायरल वीडियो में दिख रहे हथियारों से मेल खाती हैं।

वीडियो को ध्यान से देखने पर एक सैनिक की यूनिफॉर्म पर BNRA लिखा हुआ दिखता है।

BNRA का मतलब है Burma National Revolutionary Army, जो म्यांमार में 2023 में बना एक विद्रोही सशस्त्र संगठन है। 

वीडियो में सैनिक की यूनिफॉर्म पर दिख रहा चिन्ह और BNRA का लोगो दोनों एक जैसे ही हैं।

BNRA के फेसबुक पेज पर भी यही हथियारों और गोलियों की तस्वीरें शेयर की गई हैं, जो वायरल वीडियो में दिख रही हैं। उन्होंने भी अपने आधिकारिक बयान में साफ लिखा है कि फालम पर कब्जा करने के संघर्ष में वे भी शामील थे। यह उनकी और अन्य विद्रोही संगठनों की संयुक्त कार्रवाई थी।

निष्कर्ष

वायरल वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ फैलाया जा रहा है। यह वीडियो मणिपुर का नहीं है और न ही किसी भारतीय मस्जिद से इसका कोई संबंध है। यह असल में म्यांमार के फालम शहर का वीडियो है, जहां ‘चिन ब्रदरहुड’ नामक विद्रोही संगठन ने म्यांमार सेना के ठिकाने पर कब्जा कर ये हथियार बरामद किए थे।

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Title:फैक्ट-चेक: मणिपुर की मस्जिद से हथियार मिलने का दावा झूठा, वीडियो म्यांमार का है

Fact Check By: Mayur Deokar 

Result: False

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