जावेद अख्तर का हिजाब मामले से जोड़कर वायरल हो रहा यह वीडियो 29 नवंबर का है, जबकि नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींचने की घटना 15 दिसंबर को हुई थी।

अभी हाल ही में 15 दिसंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र देने के दौरान एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींच दिया था। घटना के दौरान नीतीश कुमार के पीछे बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे, जिन्होंने नीतीश कुमार को रोकने की कोशिश की। लेकिन यह मामला तूल पकड़ता गया और इससे जोड़ कर सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट साझा किए जाने लगे। इसी संदर्भ में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक हिजाब पहनी महिला चेहरे को ढकने पर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर से सवाल पूछती है। इस पर जावेद अख्तर अपना पक्ष रखते हुए कहते हैं कि,आपको अपने चेहरे से शर्मिंदा होने की क्या जरूरत है ? किसी महिला को चेहरा ढंकने की क्या जरूरत है ? चेहरा दिखाना अभद्र, अश्लील या अशोभनीय कैसे हो सकता है?“उसे सही से कपड़े पहनने चाहिए और एक महिला को भी ऐसा ही करना चाहिए, पर उसे अपना चेहरा क्यों ढकना चाहिए? एक महिला के चेहरे में ऐसा क्या है जो आपत्तिजनक है? क्यों ये वजह क्या है? ये एक दबाव है। उसका ब्रेनवॉश किया गया है, अगर वो कहती है कि वो अपनी मर्जी से कर रही है। क्योंकि उसे पता है कि कुछ लोग इसकी सराहना करेंगे। अगर आप उसे छोड़ देंगे तो कोई भी आदमी अपना चेहरा कवर क्यों करेगा, उसे अपने चेहरे से नफरत है क्या?
यानी यह वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि जावेद अख्तर ने हिजाब विवाद पर नीतीश कुमार का समर्थन किया है।वायरल वीडियो को इस कैप्शन से फैलाया जा रहा है…
नीतीश कुमार ने जो किया सही किया चेहरा ढकने की क्या जरूरत :- जावेद अख्तर गीतकार और पटकथा लेखक
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो के की फ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया। परिणाम में हमें इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो ‘SOA लिटरेरी फेस्टिवल’ के यूट्यूब चैनल मिला। यहां पर वीडियो को 29 नवंबर 2025 को अपलोड किया गया था। कार्यक्रम में मौजूद महिला होस्ट जावेद अख्तर से चेहरा ढकने को लेकर सवाल पूछा था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि लोगों को सभ्य और सलीकेदार तरीके से अपने शरीर को तो ढकना चाहिए लेकिन चेहरे में आखिर ऐसा क्या आपत्तिजनक या सही नहीं है जो उसे अपने चेहरे को ढकना चाहिए। तभी कार्यक्रम में उनके परिवार की महिलाओं को लेकर एक सवाल पूछा जाता है। जिसके जवाब में जावेद अख्तर कहते हैं कि उनके परिवार की अधिकांश महिलाएं कामकाजी थीं और हैं। उन्होंने अपने परिवार की किसी महिला को कभी बुर्का पहने नहीं देखा और वे किसी चर्चा में सिर्फ बैठकर सुनती नहीं थीं बल्कि उसमें हिस्सा भी लेती थीं। उनकी परिवार की सभी महिलाएं काफी सशक्त थी और हैं। जावेद अख्तर के इसी बयान पर उक्त महिला वायरल हिस्से वाला सवाल पूछती है। यह हिस्सा 28 मिनट पर सुन सकते हैं।
आगे सर्च करने पर हमें SOA Literary Festival की वेबसाइट पर भी जावेद अख्तर के उस कार्यक्रम के पोस्टर और कई सारी तस्वीरें मिली, जिसमें वे लेखिका वाणी त्रिपाठी टिक्कू के साथ चर्चा में शामिल हुए थे। इन सभी पोस्टरों और तस्वीरों के साथ दी गई जानकारी में इसे 29 नवंबर का ही बताया गया है। साथ ही कार्यक्रम के आयोजन की जगह ओड़िशा का भुवनेश्वर बताया गया है।
इसके अतिरिक्त, हमें लेखिका वाणी त्रिपाठी टिक्कू के आधिकारिक एक्स अकाउंट से कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें 29 नवंबर 2025 को शेयर की हुई मिली।
इन सभी के अलावा अपनी जांच के दौरान हमें हिजाब मामले पर जावेद अख्तर के हालिया पोस्ट किए हुए मिले। यहां पर उन्होंने लिखा था(हिंदी में अनुवाद) “जो भी मुझे ज़रा-सा जानते हैं, वह जानतें है कि मैं पारंपरिक पर्दा प्रथा का कितना विरोध करता रहा हूं। लेकिन इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि मैं किसी भी तरह से नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के साथ किए गए व्यवहार को स्वीकार कर सकता हूं। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। नीतीश कुमार को उस महिला डॉक्टर से बिना किसी शर्त माफी मांगनी चाहिए।“
स्पष्ट होता है कि उन्होंने नीतीश कुमार का समर्थन नहीं किया था। बल्कि उनसे माफ़ी मांगने की बात कही थी। यह पोस्ट 18 दिसंबर 2025 में देख सकते हैं।
गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 दिसंबर 2025 को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र वितरण समारोह चल रहा था। इसी दौरान मंच पर मौजूद एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हटाने की घटना सामने आई थी। यह घटना कैमरों में रिकॉर्ड हो गई, जिसके बाद राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम जनता की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिलीं। कई लोगों ने इस घटना को महिला की निजता और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति असंवेदनशीलता बताया है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो भ्रामक रूप में फैलाया जा रहा है। असल में यह वीडियो 29 नवंबर का है, जब वह एक इवेंट में पहुंचे थे और एक सवाल के जवाब में चेहरा ढकने की सामाजिक धारणा पर अपनी बात कह रहे थें। जबकि यह घटना इसके बाद 15 दिसंबर को हुई थी। इसलिए स्पष्ट होता है कि हिजाब मामले में जावेद अख्तर ने नीतीश कुमार का समर्थन नहीं किया।
Title:हिजाब विवाद में जावेद अख्तर ने नीतीश कुमार का नहीं किया है समर्थन, वायरल वीडियो फर्जी दावे से किया जा रहा है शेयर…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False


