क्या ‘माटी उत्सव’ में ममता बनर्जी ने सिर्फ शाहदा का पाठ किया था? जानिए सच |

False Political

२० मई २०१९ को शील जोहरी नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “जिहादी ममता को अब सऊदी या पाकिस्तान में चले जाने का समय आ गया है |” विडियो में हम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शाहदा नामक इस्लामिक प्रार्थनाओं के शब्द कहते हुए सुन सकते है | दर्शकों को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री कहती हैं, “आइए हम अल्लाह से प्रार्थना करें | इंशा अल्लाह ! अल्लाह सभी को स्वस्थ और खुश रखे,” और फिर यह बताने के लिए शाहदा प्राथना के शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि – ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मद उर रसूल अल्लाह |” इस विडियो के माध्यम से ममता बनर्जी और मुसलमानों के बीच एक संबंध स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, जिस वजह से उन्हें पाकिस्तान या सऊदी जैसे देशों में चले जाने को कहा जा रहा है | ममता बनर्जी का भाषण मुसलमानों के प्रति धार्मिक रूप से पक्षपाती होने के रूप में चित्रित किया जा रहा है | यह विडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है |

आर्काइव लिंक

हमने इस विडियो में कहे गए वाक्य के संदर्भ खोजने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुवात हमने इस विडियो को इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए इस विडियो को छोटे कीफ्रेम्स में तोडा | इन फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस द्वारा प्रसारित विडियो मिला | यह विडियो २ जनवरी २०१८ को अपलोड किया गया है | शीर्षक में लिखा गया है कि “बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बर्धमान में ‘माटी उत्सव’ का उद्घाटन किया |”

इस विडियो से हमें यह पता चला कि यह एक लंबे भाषण का हिस्सा है जिसे ममता बनर्जी ने पिछले साल जनवरी के पहले सप्ताह के दौरान पूर्वी बर्दवान में ‘माटी उत्सव’ में दिया था | उन्होंने बंगाल के प्रमुख धर्मों के लिए प्रार्थना की पेशकश करते हुए अपने २५ मिनट के लंबे भाषण का समापन किया | २१ मिनट ३५ सेकंड पर, ममता बैनर्जी को दुर्गा स्तोत्र – “सर्बा मंगला मंगलाय” का पाठ करते हुए सुना जा सकता है | उसके बाद वह अल्लाह के लिए सभी के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हुए इस्लाम के प्रार्थना की ओर बढ़ती है | वीडियो का यह भाग जिसे काटकर, एक छोटे से क्लिप के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है २२ मिनट ५ सेकंड से लिया गया है |

इसके बाद बनर्जी इसाई धर्म के प्रभु यीशु से प्रार्थना करती हैं और उनसे ‘सभी को आशीर्वाद’ देने के लिए कहती हैं और फिर खालसा प्रार्थना, “वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु दी फतेह” का जाप करती हैं | वीडियो के अंत में, वह कहती हैं, “सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा” | इस विडियो को हम नीचे देख सकते है |

‘माटी उत्सव’ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा २०१३ में शुरू किया गया था | किसानों को मुख्य रूप से इस त्योहार में सम्मानित किया जाता है, जो राज्य के कई जिलों में आयोजित किया जाता है | इस उत्सव के बारें में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए बंगाल सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करे |

आप क्लिप की गई वायरल विडियो और मूल विडियो की तुलना नीचे देख सकते है | इस तुलना से हम स्पष्ट रूप से देख सकते है कि इस भाषण में ममता बनर्जी ने बंगाल के प्रमुख धर्मों की प्रार्थना का पाठ किया है, सिर्फ शाहदा का नहीं |

निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | वायरल विडियो एक २५ मिनट लम्बे विडियो का एक क्लिप किया गया हिस्सा है | ममता बनर्जी ने इसी भाषण में दुर्गा स्तोत्र, शाहदा, इसाई प्रेयर और खालसा प्रार्थना का पाठ किया |

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Title:क्या ‘माटी उत्सव’ में ममता बनर्जी ने सिर्फ शाहदा का पाठ किया था? जानिए सच |

Fact Check By: Drabanti Ghosh 

Result: False