जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने स्पष्ट किया कि इस घटना में पुरुष और महिला दोनों एक ही जाति के हैं। घटना का दलित जाती से कोई संबंध नहीं है।

एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है जिसमें एक शख्स, रोती हुई महिला को गोद में लेकर शादी की रस्में अदा करते नजर आ रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के जैसलमेर में एक दलित लड़की को कुछ गुंडे घर से जबरदस्ती उठाकर ले गए और फिर अग्नि को साक्षी मानकर जबरदस्ती फेरे लिए। वहीं आरोपी का नाम पुष्पेंद्र सिंह बताया गया है। वीडियो को लेकर यूजर्स कांग्रेस की सरकार पर तीखी आलोचना कर रहे है कि कांग्रेस सरकार में दलितों का यह हाल है। साथ ही राजस्थान में दलितों की सुरक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं।
वायरल वीडियो के साथ यूजर्स ने लिखा है– गांव सांखला, जैसलमेर (राजस्थान) का मामला, दलित लड़की को घर से जबरदस्ती उठाकर ले गए और फिर अग्नि को साक्षी मानकर जबरदस्ती फेरे ले लिए। 1जून को पुष्पेंद्र सिंह नाम के युवक ने 15-20 लोगों के साथ अपहरण किया,लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। ध्यान रहे, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है,जो एससी एसटी के लोगों की सुरक्षा के मामले में अब तक नाकाम ही सिद्ध हुई है। सत्यवीर सिंह सत्यार्थी की वाल से धिक्कार वहां के रहने वाले दलितों पर जो इस पुष्पेंद्र सिंह को ऐसे ही छोड़ रहे हैं। मरना तो एक दिन ऐसे भी जिल्लत की जिंदगी जिए तो क्या मतलब।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्सइमेज सर्च किया। परिणाम में हमें हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक खबर मिली। प्रकाशित खबर के मुताबिक राजस्थान के जैसलमेर के मोहनगढ़ थाना क्षेत्र के सांखला गांव से 1 जून को एक युवती को पुष्पेंद्र सिंह नाम के शख्स ने अगवा किया औऱ युवती के साथ जबरन शादी की।

वहीं नव भारत टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक पुष्पेंद्र सिंह की युवती के साथ सगाई हुई थी। युवती के परिजनों ने बाद में युवक के साथ अपनी बेटी की सगाई तोड़ दी। इसके बाद युवती की किसी अन्य परिवार में सगाई तय की। 12 जून को शादी होना तय किया गया। लेकिन इसी बीच पुष्पेंद्र सिंह ने सगाई तोड़ने का बदला लेने की योजना बनाई। युवक ने लड़की का अपहरण कर लिया और जबरदस्ती फेरे भी ले लिए।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस में मामला दर्ज कराने के बाद भी युवती का अपहरण करने वाले दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस को लेकर परिजनों ने आंदोलन भी किया था। वहीं युवती के पिता चुन सिंह ने पुलिस प्रशासन को बेटी के साथ न्याय नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। पुरी खबर निम्न में देखें।
इस खबर को यहां, यहां और यहां पर भी देखा जा सकता है।
पुलिस की कार्यवाही-
वहीं जैसलमेर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर स्पष्ट किया है वायरल वीडियो में दिख रहा अपाधी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही मामले की कार्यवाही की जा रही है।
8 जून को पुलिस ने और एक ट्वीट कर अपराधियों की तस्वीर पोस्ट किया है।
पुलिस का बयान-
स्पष्टीकरण के लिए हमने जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास सांगवान से संपर्क किया। उन्होंने हमें स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह घटना 1 जून को हुई थी। पुरुष और महिला दोनों एक ही जाति के हैं और उनके परिवार उनकी शादी के लिए बातचीत कर रहे थे। हालांकि, बाद में महिला के परिवार ने शादी करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद आरोपी पुष्पेंद्र ने युवती से जबरन शादी करने की कोशिश की। आरोपी पुष्पेंद्र और उसके साथियों अभय सिंह और विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसके साथी त्रिलोक सिंह को हिरासत में लिया गया है। मामले में कार्यवाही की जा रही है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा गलत है। राजस्थान के जैसलमेर में एक लड़की को घर से उठाकर जबरदस्ती फेरे लेने के इस घटना में लड़की दलित नहीं है। घटना में दोनों आरोपी और पीड़ित महिला एक ही जाति के हैं।

Title:युवती का अपहरण कर जबरन फेरे लेने वाले इस घटना में लड़की दलित नहीं है, दावा भ्रामक…
Written By: Sarita SamalResult: False
