३० अप्रैल २०१९ को “कुछ भी” नामक एक फेसबुक पेज ने एक विडियो पोस्ट की | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि कर्णाटक मे मोदीजी का पुतला फूंकने चले थे | पाँच काग्रेसियों की लुंगी मे आग लग गई! मोदी है तो मुमकिन है |” विडियो में हम कुछ लोगों को कोई पुतला जलाते हुए देख सकते है | पुतले पर ज्वालाग्राही पदार्थ छिडककर आग लगाते ही पास में खड़े कुछ लोगों के लुंगीयां भी चपेटे में आ जाती है | इस विडियो के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह घटना कर्नाटक की है व लुंगी पहने हुए लोग कांग्रेस के कार्यकर्ता है | यह विडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है |

इस विडियो को फेसबुक पर ढूँढने पर हमें यह विडियो २०१८ में भी वायरल होते हुए मिला | इसे २८ अप्रैल २०१८ को चेतन हिन्दू द्वारा अपलोड किया गया है |

आर्काइव लिंक

क्या वास्तव में मोदी के पुतले को आग लगते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लुंगी में आग लग गयी? जानिए सच |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुआत हमने इस विडियो को इनविड में कीफ्रेम्स में तोड़ने से की | इन कीफ्रेम्स को हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो परिणाम से हमने पाया कि यह विडियो यू-ट्यूब पर ६ जनवरी २०१३ को दिल्संत्रो द्वारा प्रकाशित किया गया था | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “केरल में एक बहुत ही मज़ेदार राजनीतिक विरोध |” इसके शीर्षक के हमें यह समझमे आता है कि यह विडियो कर्नाटक की नहीं केरल की है |

इसके पश्चात हमने “Fire in lungi Kerela” इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करके यू-ट्यूब पर इस विडियो को ढूँढा | परिणाम से हमें ४ जुलाई २०१२ को एशिया नेट न्यूज़ द्वारा प्रसारित बुलेटिन मिला | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “पतानमथीटा में के.एस.यू के कार्यकर्ता किस्मत से बच गए |” विवरण में लिखा गया है कि यह विरोध एमजी महाविद्यालय के के.एस.यू के कार्यकर्ता द्वारा किया गया है | विडियो में दिखाया गया पुतला विश्वविद्यालय के कुलपति का था | बुलेटिन में कहा गया है कि यह विरोध प्रदर्शन महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति के विरुद्ध किया गया था | वह पुतला कुलपति का है जिसके ऊपर हम एक आदमी को ज्वलनशील पदार्थ छिडकते हुए देख सकते है | उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ में खड़े एक आदमी ने अतिउत्साहित होकर उसी वक्त माचिस की तीली को जलाकर ज़मीन पर पड़े पुतले पर गिरा दी | इसके बाद आग एकदम से भड़क गई और इसी वजह से लोगों के लुंगी को भी आग ने लपेटे में ले लिया |

इस विडियो से हम स्पष्ट हो सकते है कि यह विडियो ४ जुलाई २०१२ की है और यह केरल में हुए घटना की है जहाँ के.एस.यू के कार्यकर्ता (छात्र) एम् जी विश्वविद्यालय के कुलपति का विरोध करते हुए उनका पुतला जला रहे थे, जिसके चलते उनके धोती में आग लग गई और इस दुर्घटना में वह किस्मत से बच गए |

विडियो को ध्यान से देखने पर हम एक आदमी को के.एस.यू का झंडा लेकर भागते हुए देख सकते है |

हमने गूगल पर के.एस.यू सर्च करने से पाया कि इसका मतलब केरल स्टेट यूनियन है | यह संघटन केरल की नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया की शाखा है | नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा है |

इसके पश्चात हमने गूगल सर्च पर इस विडियो से संबंधित खबर ढूँढने की कोशिश की | हमें २४ जुलाई २०१२ को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित खबर मिली | खबर में लिखा गया है कि केरल स्टूडेंट्स यूनियन से जुड़े कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला जला रहे थे | छात्र कुलपति द्वारा कथित भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे |

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निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है क्योंकि यह विडियो लगभग ७ साल पुराना है | यह विडियो कर्नाटक का नहीं बल्कि केरल का है जब केरल स्टूडेंट्स यूनियन से जुड़े कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पुतला जला रहे थे | यह पुतला नरेन्द्र मोदी का नहीं है, जैसा कि दावा किया गया है |

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Title:क्या कर्नाटक में मोदी के पुतले को आग लगाते हुए कांग्रेसीयो के लुंगी में आग लग गयी?

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False