१४ नवंबर २०१९ “I Support PM” नामक फेसबुक पेज ने एक तस्वीर पोस्ट कर, उसके शीर्षक में लिखा है कि “आज 10Rs.में चाय समोसा नही मिलता और..” | तस्वीर के ऊपर लिखा हुआ है कि “आज 10Rs.में चाय समोसा नही मिलता और JNU के मुफ्तखोरो को दिल्ली जैसे शहर में 10 रुपये में कमरा मिला हुआ है वो भी हमारे टैक्स के पैसों से |” इस शीर्षक के साथ एक हॉस्टल रूम की तस्वीर भी साझा की गई है | जे.एन.यू के छात्र ३ हफ्ते से हॉस्टल फीस बढ़ाने के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे है | इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जे.एन.यू के हॉस्टल के रूम की है जिसकी फीस सिर्फ १० रुपये है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट १२००० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि....

जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें Quora पर इस तस्वीर का २०१७ में किये गये एक कमेंट में उल्लेख मिला, जिसके माध्यम से हम स्टूडेंट्स इन् नामक वेबसाइट पर पहुंचे | इस वेबसाइट पर उपरोक्त तस्वीर को इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है कि यह स्टूडेंट इन हाउसिंग पर उपलब्ध रूम है | यह तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की गयी तस्वीर का एक दूसरा एंगल है |

आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने वर्तमान में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी, मयूख बिसवास से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर जे.एन.यू के हॉस्टल की नही है बल्कि इन्हें ज.एन.यू के नाम से गलत तरीके से फैलाया जा रहा है | उन्होंने हमें ज.एन.यू के हॉस्टल रूम की तस्वीरें भेजीं | इन तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर साझा की गयी तस्वीर बिलकुल भी मेल नही खाती हैं |

इसके आलावा हमने जे.एन.यू के स्टूडेंट यूनियन के पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी से बात कर सोशल मीडिया पर वायरल उपरोक्त दावों के बारे में बात की, उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर को खारिज करते हुए कहा की यह तस्वीरें जे.एन.यू के हॉस्टल के रूम की नही है | साथ ही उन्होंने हमें बताया कि जे.एन.यू के कोई भी हॉस्टल में अटैच्ड बाथरूम नही है जैसा की तस्वीरों में देखा जा सकता है | उन्होंने भी हमारे साथ हॉस्टल रूम की तस्वीर साझा कीं |

उपरोक्त सोशल मंचों के दावों को जे.एन.यू के स्टूडेंट यूनियन के नेता और वर्तमान में JNU के छात्र, अक्षत द्वारा भी नाकारा गया है और ये पुष्टि की है कि ये तस्वीर जे.एन.यू की नही है | साथ ही उन्होंने हमें कहा कि जे.एन.यू होस्टेल के सारे रूम एक ही तरह के होते है, कोई भी ज्यादा पैसा देकर इससे बेहतर रूम नही ले सकता है |

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर साझा की गयी तस्वीर जे.एन.यू के हॉस्टल रूम की नही है बल्कि एक दिल्ली में स्टूडेंट हाउसिंग की है |

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Title:आलीशान स्टूडेंट हाउसिंग पी.जी के तस्वीर को JNU हॉस्टल का बताकर वायरल किया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False