२०१७ में हरयाणा में हुए दंगे का वीडियो वर्तमान में कश्मीर का बताकर फैलाया जा रहा है |
१८ अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘Ik tiger’ नामक फेसबुक यूजर द्वारा एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमे पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज करते दिख रही है | इस पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, "Let the world see what @narendramodi Govt is doing in #Kashmir. The #Hitler from the East rises while the world sleeps. @realDonaldTrump should consider imposing trade sanctions on India to control this monster before it’s too late! #SaveKashmirFromModi #IndianHitlerModi https://t.co/YS5kBZAmk1"
वर्तमान में सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाने को लेकर सोशल मंचों पर कई प्रकार के दावे हो रहे हैं, इस पोस्ट में कश्मीर की मौजूदा स्थिति के चलते यह दावा किया जा रहा है कि - 'वर्तमान में कश्मीर में पुलिस द्वारा मोदी सरकार के कहने पर लाठीचार्ज किया जा रहा है |' क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले InVidTool की मदद से उपरोक्त वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर यांडेक्स इमेज सर्च में ढूंढा, तो हमें १३ अक्टूबर २०१८ को lem.ru.net नामक वेबसाइट पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला | इस बात से यह तो प्रमाण होता है कि यह वीडियो वर्तमान की नहीं है |
इसके अलावा हमें ट्विटर पर मेजर सुरेन्द्र पूनिया द्वारा किया गया १९ अगस्त २०१९ का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने कहा है कि उपरोक्त दावा पाकिस्तान के समुद्री मामलों के लिए संघीय मंत्री अली हैदर ज़इदी द्वारा १८ अगस्त २०१९ को सबसे पहले ट्वीट किया गया था और यह ख़बर झूठी है | यह घटना २०१७ में हरयाणा के पंचकुला की है, जब गुरमीत राम रहीम को गिरफ़्तार किया गया था |
इस ट्वीट में एक YouTube वीडियो का लिंक भी दिया गया है | यह वीडियो २० अगस्त २०१७ को Harshi Entertainment द्वारा अपलोड किया गया था | इस वीडियो का शीर्षक ‘Ram Rahim goons in panchkula video viral’ है |
इस बात की पुष्टि के लिए हमने पंचकुला के SHO राजीव मिगलानी से यह वीडियो के बारे में पुछा, तो उन्होंने यह वीडियो देखने के बाद कहा कि, “यह वीडियो २०१७ में राम रहीम के गिरफ्तारी के वक़्त का है |”
इस घटना पर कई समाचार वेबसाइट ने ख़बर भी प्रसारित की थी | इनमे से कुछ ख़बरें आप नीचे की लिंक पर पढ़ सकते है |
HindustantimesPost | ArchivedLink | Firstpost.comPost | ArchivedLink |
इस बात से यह प्रमाणीत होता है कि यह वीडियो कश्मीर में वर्तमान का नहीं, बल्कि २५ अगस्त २०१७ को पंचकुला में राम रहीम के गिरफ्तार होने के बाद किये गए विरोध पर पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज का है |
मगर उपरोक्त दावे के आखरी हिस्से में ०१:१५ सेकंड से एक महिला अपने बच्चे को हाथ में पकड़ कर रोती हुई दिख रही है |
हमारे फैक्ट क्रिसेंडो हिंदी टीम ने २५ मई २०१९ को इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था | यह वायरल विडियो एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा अपने बीवी और सास पर अत्याचार करने की घटना का है | यह घटना लगभग एक साल पहले अगस्त २०१८ को तेलंगाना में घटी थी |
इस खोज से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में साझा वीडियो २०१७ व २०१८ में दो अलग जगह में घटी वारदातों का है और इसे मौजूदा हालात में वर्तमान कश्मीर का बताकर फैलाया जा रहा है, उपरोक्त वीडीयो का कश्मीर से कोई सम्बन्ध नहीं है | यह वीडियो गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा 'वर्तमान में कश्मीर में पुलिस ने मोदी सरकार के कहने पर लाठीचार्ज किया |’ ग़लत है |
Title:२०१७ में हरयाणा में हुए दंगे का वीडियो वर्तमान में कश्मीर का बताकर फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False