
कोरोनावायारस से लड़ने की तत्परता के मद्देनज़र विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा अपनी मुस्तैदी को परखने के लिए सामूहिक अभ्यास किये जा रहें हैं, इन अभ्यासों के वीडियों को कई सोशल यूज़र्ज़ द्वारा ग़लत विवरण के साथ सोशल मंचो पर साझा किया जा रहा है, इसी क्रम में एक वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए दावा किया गया है कि, झारखंड के धनबाद में कोरोना के पहले मरीज को सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “धनबाद के पहले कोरोना पेशेंट को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाते हुए मेडिकल स्टाफ |”
यह वीडियो फैक्ट क्रेसेंडो के WhatsApp number- ९०४९०५३७७० पर सत्यता जांचने के लिए भेजा गया था |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को ध्यान से देखने व सुनने से की, इस वीडियो में हम कई बार धनबाद मोक ड्रिल शब्दों का इस्तेमाल होते हुये सुन सकते है | साथ ही कई लोग इस घटना की रिकॉर्डिंग करते हुए भी नज़र आ रहे है, जिससे उपरोक्त दावा संदेहास्पद प्रतीत होता है, तत्पश्चात हमने गूगल पर इस घटना के संबंधित ख़बरों को ढूँढा, जिसके परिणाम में हमें १३ अप्रैल २०२० को जागरण द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | इस खबर के अनुसार दरअसल, धनबाद के सेंट्रल अस्पताल को सरकार ने कोविड १९ अस्पताल घोषित किया है | इसके तहत रविवार को पी.एम.सी.एच और सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टरों ने मॉक ड्रिल किया | मॉक ड्रिल के तहत पी.एम.सी.एच से सेंट्रल अस्पताल तक मात्र १५ मिनट में मरीज को ले जाया गया और उसका इलाज शुरू कर दिया गया | मॉक ड्रिल में मुख्य रूप से बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास, पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यूके ओझा, जिला सदर चिकित्सा प्रभारी डॉ. आलोक विश्वकर्मा, केंद्रीय अस्पताल के प्रभारी डॉ. एके गुप्ता, डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर राजन कुमार वर्णमाला आदि डॉक्टर मौजूद थे |
फैक्ट क्रेसेंडो ने पी.एम.सी.एच के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष और पी.एम.सी.एच के आइसोलेशन प्रभारी डॉक्टर उमेश कुमार ओझा से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “यह वीडियो पी.एम.सी.एच में किये गये एक मोक ड्रिल का है जिसे १२ अप्रैल २०२० को किया गया था | मैं स्वयं इस मोक ड्रिल का हिस्सा था | यह मोक ड्रिल कथित कोरोनावायारस से संक्रमित पेशेंट को सेंट्रल हॉस्पिटल शिफ्ट करने का अभ्यास था | इस वीडियो का वास्तविकता से कोई संबंध नही है |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमें उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो धनबाद में मिले पहले कोरोनावायारस पेशेंट को नही दर्शाता है बल्कि यह एक सामूहिक अभ्यास था जिसमें कथित कोरोनावायारस से संक्रमित पेशेंट को धनबाद पी.एम.सी.एच से सेंट्रल अस्पताल शिफ्ट करना था |

Title:धनबाद हॉस्पिटल का मॉक ड्रिल विडियो ग़लत दावों के साथ हुआ वाईरल |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
