
एक तस्वीर जिसमें, “सुसाइड वेस्ट” में एक व्यक्ति दिख रहा है को दिल्ली में गत दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है | तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में कुछ स्थानों पर छापा मारकर कुछ छात्रों और मौलवियों सहित १६ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया | पोस्ट के अनुसार छापे से भारी मात्रा में विस्फोटक, सुसाइड वेस्ट, टाइम बम, अलार्म घड़ी, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और नकदी बरामद हुई है | ज्ञात रहे कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हाल ही में हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर दिल्ली के कई इलाकों का दौरा किया था, इस खबर को मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर किया गया था |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर टिनऑय रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें १० नवंबर २०१० को वेबैक मशीन के आर्काइव एक उर्दू न्यूज़ रिपोर्ट प्राप्त हुई | इस रिपोर्ट के अनुसार यह आदमी एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर था, जिसे फराह प्रांत से अफगान सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था |
इसके पश्चात हमने वायरल पोस्ट द्वारा किये गये दावों के अनुसार दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में एनआईए के छापे के बारे में गूगल पर ढूँढा, जिसके परिणाम में हमें २७ दिसंबर २०१८ को बीबीसी हिंदी द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, खबर के अनुसार एनआईए ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 जगहों पर छापेमारी कर १० लोगों को गिरफ़्तार किया था | आउटलुक इंडिया ने भी इस खबर को रिपोर्ट किया था | इसमें कहा गया है कि एनआईए ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर आई.एस.आई.एस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और दिल्ली और यूपी में १७ जगहों पर छापेमारी कर १० लोगों को गिरफ्तार किया |
इस छापे के बारें में ANI ने भी २०१८ को ट्वीट किया था जिससे आप नीचे देख सकते है |
सुसाइड वेस्ट में आदमी की वायरल तस्वीर कम से कम १० साल पुरानी है और अफगानिस्तान से है | एनआईए की छापेमारी के संबंध में किये गये दावे दो साल पुरानी घटना के हैं और इनका दिल्ली में गत दिनों हुई हिंसा की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट पूरी तरह से भ्रामक है, क्योंकि इसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर और कथन पुराने हैं और दिल्ली में हिंसा की हाल की घटनाओं से इनका कोई संबंध नहीं है |

Title:दिल्ली हिंसा आरोपी के रूप में तालिबान आत्मघाती हमलावर की तस्वीर हुई वायरल |
Fact Check By: Aavya RayResult: False

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