
१२ जनवरी २०२० से सोशल मीडिया पर कंवल की एक २०-सेकंड की क्लिप इस दावे के साथ वायरल की जा रही है, जिसमें उन्हें ये बोलते हुये सुना जा सकता है कि “वंदे मातरम” का जाप करना राष्ट्र-विरोधी है |
पिछले हफ्ते, इंडिया टुडे ने ५ जनवरी दिल्ली को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में हुई हिंसा जिसमें ३६ घायल हुए थे की जाँच के लिए कई स्टिंग ऑपरेशनों की एक सीरीज का प्रसारण किया था | इस प्रसारण की प्रस्तुती पत्रकार राहुल कंवल ने की थी |
इसके पश्चात भा.ज.पा के मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक संदेश के साथ एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमे लिखा गया है कि “तो, इंडिया टुडे के राहुल कंवल का कहना है कि “वंदे मातरम का उच्चारण करना राष्ट्र विरोधी है” | अब देखते हैं कि राहुल किस तरह से इसे आगे बढ़ाते हैं |”
फेसबुक पर भी इस वीडियो क्लिप को काफी तेजी से साझा किया जा रहा है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “राहुल कंवल के अनुसार वंदे मातरम के नारे लगाना देशद्रोही कार्य है |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात में हमें राहुल कंवल के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा ट्वीट किया गया स्पष्टीकरण मिला, जिसमे लिखा गया है कि “असल में ऐसा हुआ, @indiatoday SIT ने वकीलों को बेनकाब किया जिन्होंने कैमरे पर स्वीकार किया कि उन्होंने कन्हैया को अदालत में पीटा, जबकि पुलिस देखती रही | कन्हैया पर हमला करने वाले वकीलों ने वंदे मातरम का जाप किया | किसी पर हमला करना और वंदे मातरम कहना राष्ट्र विरोधी है, तब भी कहा था, अभी भी कहूंगा | जय हिन्द |”
हमें इन्विड टूल के मदद से वायरल वीडियो का लंबा वर्शन मिला, जिसको १७ फरवरी २०१६ को यूट्यूब पर इंडिया टुडे द्वारा अपलोड किया गया था | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर अनियंत्रित वकीलों की गुंडागर्दी |” इस वीडियो के विवरण के अनुसार अनियंत्रित वकीलों के समूहों ने फिर से पटियाला कोर्ट के बाहर गुंडागर्दी दिखाई, जे.एन.यू.एस.यू अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमला किया | क्लिप्ड वीडियो का अंश १३:५० से शुरू होता है |
इस वीडियो के अनुसार राहुल कंवल एक चर्चा का संचालन कर रहे थे जहाँ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजीव यादव चर्चा में शामिल अतिथियों में से एक थे | २०१६ में, जब सर्वोच्च न्यायालय जे.एन.यू सेडीशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, तब राजीव यादव ने न्यायालय के अंदर ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाये तद्पश्चात राजीव यादव को सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बाहर ले जाया गया और उन्हें अपनी करनी के लिए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष माफी मांगनी पड़ी |
इंडिया टुडे की टीवी डिबेट के दौरान अधिवक्ता राजीव यादव ने अपने नारे लगाने के कृत्य का बचाव किया, उनका मानना था कि जे.एन.यू.एस.यू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का बचाव करने वाले वकील एक “देशद्रोही” का प्रतिनिधित्व कर रहे थे |
इस बात पर राहुल कंवल ने जवाब दिया,
Rahul Kanwal– “lekin isike liye to judge hai na sir, judge decide karenge na kaunsa issue sahi hai ya kaunsa lawyer galat hai. Aap uske liye court mein argue kijiye, aap Prashanth Bhushan se argue kijiye court mein. Aap aise nare bazi kyon kar rhe hai, aap ekdum anti National activity aap kyon kar rhe hai, anti-legal activity aap kyon kar rhe hai? Jo aapne kiya main aarop lagata hun aappe ki jo aapne kiya wo Anti National hai. Vande Mataram ke naarein lagaye wo Anti National activity hai sir.”
Rajeev Yadav- “sir, Vande Mataram kehna koi Anti -National Activity nhi hai.”
Rahul Kanwal – “Court ke andar lagana, court ki garima ko kharab karna hai, wo ekdum galat hai. Desh ki garima ko choot pahunchati hai. Yeh kaam galat hai aapka.”
हिंदी अनुवाद-
राहुल कंवल- “लेकिन इस चीज़ के लिए से, न्यायाधीश हैं | एक जज तय करेगा कि कौन सा मुद्दा सही है, कौन सा वकील गलत है | आप अदालत में बहस करे | आप अदालत में प्रशांत भूषण से बहस कर सकते है | आप इस तरह से नारे क्यों लगा रहे हैं? आप देश विरोधी गतिविधि क्यों कर रहे हैं? आप कानून विरोधी गतिविधि क्यों कर रहे हैं? मैंने आरोप लगाया कि आपने जो किया वह राष्ट्र विरोधी है | आपने वंदे मातरम के नारे लगाए, यह देश विरोधी गतिविधि है |”
राजीव यादव- “सर, वन्दे मातरम कहना कोई देश विरोधी गतिविधि नही है |”
राहुल कंवल- “न्यायलय के अन्दर ऐसे नारे लगाना, न्यायलय की गरिमा को ख़राब करता है, यह बात एकदम गलत है | यह देश की गरिमा को चोट पहुंचती है | आपका यह काम बिलकुल गलत है |”
पूरी चर्चा से २० सेकंड का एक क्लिप निकालकर राहुल कंवल को ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाने वालों को देश विरोधी कहने के रूप में चित्रित किया गया था है | जबकि वास्तव में वह सुझाव दे रहे थे कि किसी न्यायालय के अंदर नारेबाजी अस्वीकार्य कृत्य है |
आप नीचे संदर्भ के बाहर क्लिप्ड वीडियो और मूल वीडियो की तुलना देख सकते है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पत्रकार राहुल कंवल ने ‘वंदे मातरम’ का जाप करना राष्ट्र-विरोधी है, ऐसा नही कहा | बल्कि वह यह सुझाव दे रहे थे कि कानून की अदालत में ऐसे नारा लगाना राष्ट्र-विरोधी और कानूनी-विरोधी है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप्ड है जिसे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है |

Title:क्या पत्रकार राहुल कंवल ने कहा कि “वंदे मातरम” का जाप करना राष्ट्र-विरोधी है?
Fact Check By: Aavya RayResult: False
