२७ जून २०१९ को फेसबुक पर ‘Bhupender Gupta’ नामक एक यूजर ने एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में एक विडियो साझा किया गया है | विडियो में एक विशाल मशीन दिखाई दे रहा है, जिसके मुख से बड़े पैमाने पर धुआं आसमान की ओर जाता हुआ दिखाई देता है | विडियो में एक एंकर भी है जो अंग्रेजी में बता रहा है कि, यह धुआं द्रव हाइड्रोजन तथा द्रव ऑक्सीजन का है | यह धुआं आसमान में जाने के कुछ पलों बाद बारिश होती है | बारिश होते देखकर एंकर ख़ुशी जाहिर करता है |

पोस्ट के विवरण में अंग्रेजी में लिखा गया है कि,

Rain clouds generator engine developed by Nasa ?? Wow... If so अर्थात ‘नासा’ द्वारा बारिश के कृत्रिम बादलों का निर्माण करने वाला इंजिन तैयार किया गया है |

इस पोस्ट व्दारा किया यह दावा किया जा रहा दावा स्पष्ट है | आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |

मूल पोस्ट यहाँ देखें – ‘Bhupender Gupta’ | ARCHIVE POST

संशोधन से पता चलता है कि...

सोशल मीडिया पर ढूंढने से हमें यही विडियो इसी दावे के साथ ट्वीटर पर भी साझा होता हुआ मिला | जयश्री विजयन नामक यूजर ने ट्वीटर पर यह विडियो २७ जून २०१९ को साझा किया है | इसके बाद सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी इस विडियो व दावे को रीट्वीट किया है | यह दोनों ट्वीट आप नीचे देख सकते है |

ARCHIVE TWEET

ARCHIVE TWEET

इसके बाद सबसे पहले हमने पोस्ट में साझा विडियो को इन्विड टूल के उपयोग से छोटे छोटे फ्रेम्स में तोडा और उन टुकड़ों को रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें बिंग परिणाम से dailymail.co.uk द्वारा २० अक्तूबर २०१७ को प्रसारित एक खबर मिली | इस खबर में उपरोक्त पोस्ट में साझा विडियो दिया गया है | साथ ही कई तस्वीरें भी दी गई है | लिखा है कि, यह RS-25 इंजिन का परिक्षण था | अमरिका के मिस्सिपिस्सी में स्थित स्टेनिस स्पेस सेंटर में यह परिक्षण किया गया | यह परिक्षण उस इंधन का था, जो RS-25 इंजिन में उपयोग में लाया जायेगा | द्रव हाइड्रोजन तथा द्रव ऑक्सीजन से बनाये जा रहे इंधन का यह परिक्षण था | यह परिक्षण सफल रहा | द्रव हाइड्रोजन तथा द्रव ऑक्सीजन का संयोग पानी ही कहलाता है | सो इस परिक्षण से जो धुआं आसमान में उठा, उससे बारिश होने लगी |

पूरी खबर यहाँ पढ़े - dailymail.co.uk | ARCHIVE MAIL

इसके बाद हम सीधे ‘नासा’ की वेबसाइट पर गए | RS-25 इंजिन टेस्ट की वर्ड्स से ढूंढने पर हमें पता चला कि, २०१५ से इस इंजिन का परिक्षण किया जा रहा है | मंगल ग्रह पर मानव यान पहुँचाने के लिए इस शक्तिशाली इंधन का यह परिक्षण है | इस वेबसाइट पर समय समय पर किये गए सभी परीक्षणों की जानकारी उपलब्ध है |

पूरी जानकारी यहाँ पढ़े - इंजिन का परिक्षण | ARCHIVE NASA

इसके अलावा गूगल सर्च परिणाम से हमें यह भी पता चला कि, इससे पहले यह विडियो गलत दावे के साथ साझा किया जाता रहा है | यह बात ध्यान में आने के बाद विशेषज्ञों ने इसका स्पष्टीकरण भी किया था | हमें गूगल से जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |

इस परिणाम से हमें ‘Forbes.com’ वेबसाइट का एक लिंक मिला | इस लिंक के विवरण में लिखा गया है कि, विडियो में दिखाया गया इंजिन कोई बादलों का निर्माण करने वाला मशीन नहीं है | बल्कि यह RS-25 नामक राकेट इंजिन है, जिसका ‘नासा’ द्वारा परिक्षण किया गया था |

पूरा लेख यहाँ पढ़े - ‘Forbes.com’ | ARCHIVE FORBES

इसके अलावा theverge.com द्वारा १० अप्रैल २०१८ को प्रसारित एक और खबर मिली, जिसमे भी इस बात को नकारा गया है कि, यह नासा द्वारा तैयार किया गया कृत्रिम बारिश के लिए बादलों के निर्माण का इंजिन है |

पूरी खबर यहाँ पढ़े - theverge.com | ARCHIVE VERGE

इस संशोधन से यह पुख्ता तौर पर स्पष्ट होता है कि, विडियो में दिखाया गया इंजिन कृत्रिम ‘नासा’ द्वारा बारिश के बादलों का निर्माण करने के लिए तैयार नहीं किया गया, बल्कि वह RS-25 नामक राकेट इंजिन के लिए उपयोग में लाये जाने वाले द्रव हाइड्रोजन व द्रव ऑक्सीजन के मिलाफ से बनने वाले इंधन के परिक्षण का है |

जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा विडियो के साथ किया गया दावा कि, ‘नासा’ द्वारा बारिश के कृत्रिम बादलों का निर्माण करने वाला इंजिन तैयार किया गया है |” सरासर गलत है | यह विडियो RS-25 नामक राकेट इंजिन के इंधन के परिक्षण का है |

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Title:क्या यह विडियो ‘नासा’ द्वारा तैयार किए गए कृत्रिम बारिश के बादलों का निर्माण करने वाले इंजिन का है ?

Fact Check By: Rajesh Pillewar

Result: False