
१ मई २०१९ को फेसबुक के ‘Rasul Khan’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में एक विडियो दिया गया है | विडियो में दिखाई देता है की केंद्र में मंत्री तथा बीजेपी की अमेठी लोक सभा की उम्मीदवार स्मृति ईरानी अपनी गाड़ी से उतरने की कोशिश कर रही है, मगर पुलिस की वर्दी में कुछ महिलाएं उन्हें गाड़ी से उतरने नहीं दे रही है | मौके पर बहुत भीड़ भी दिखाई दे रही है | स्मृति ईरानी व उन महिलाओं में तकरार व झडप भी हो रही है | पोस्ट के विवरण में लिखा है –
अमेठी के लोग स्मृति ईरानी की इतनी बेइज्जती करने के बाद ही अमेठी में अपना प्रचार करती है बहुत बेशर्म में *** (यहाँ एक गाली है जो हम यहाँ इस्तेमाल नहीं कर सकते है |)
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि अमेठी चुनाव क्षेत्र में स्मृति ईरानी का लोगों द्वारा बहुत विरोध हो रहा है, इसके बावजूद वह प्रचार कर रही है | विडियो देखने के बाद इस बात पर शक होता है कि, लोग उनका विरोध कर रहे है, क्योंकि उन्हें गाड़ी से उतरने का विरोध करने वाली महिलाएं पुलिस की वर्दी पहने हुए है | तो आइये जानते है इस विडियो की सच्चाई |

संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले विडियो को InVid टूल का इस्तेमाल करके देखा और उसे कई टुकड़ों में विभाजित किया इन विभाजित टुकड़ों को एक एक करके रिवर्स इमेज सर्च किया, तो एक टुकड़े के सर्च परिणाम से हमें linkis.com का एक लिंक मिला | इस लिंक breakingshots नामक एक यू-ट्यूब चैनल ने १४ अक्तूबर २०१२ को एक विडियो अपलोड किया है, जो उपरोक्त विडियो जैसा ही है | विवरण में लिखा गया है कि, यह विडियो १२ अक्तूबर २०१२ की रोहतक, हरयाणा में हुई घटना का है, जब हरयाणा में हो रही बलात्कार की घटनाओं का विरोध करने के लिए आन्दोलन किया गया | स्मृति ईरानी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा के निवासस्थान का घेराव करने के लिए जाने वाली थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें उससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया | यह विडियो आप नीचे देख सकते है |
इसके साथ ही हमें इसी घटना का एक और विडियो मिला, जिसमे स्मृति ईरानी कहती है कि, उनपर लाठीचार्ज हुआ है |
हमें breakingshots द्वारा अपलोड एक और विडियो मिला, जब स्मृति ईरानी को गिरफ्तार करने के बाद गाड़ी में बिठाया गया | यह विडियो भी आप नीचे देख सकते है |
गूगल सर्च करने से हमें इस सन्दर्भ में कुछ खबरें भी मिली | द ट्रिब्यून ऑनलाइन एडिशन ने १३ अक्तूबर २०१२ को यह खबर दी है |
webindia123 वेबसाइट ने यह खबर १२ अक्तूबर २०१२ को प्रसारित की थी |
इससे यह बात साबित होती है कि, उपरोक्त पोस्ट के साथ साझा किया हुआ विडियो अमेठी की जनता द्वारा स्मृति ईरानी का विरोध किये जाने का नहीं है, बल्कि २०१२ में हरयाणा में हो रहे बलात्कार की घटनाओं का विरोध करने के लिए आयोजित आन्दोलन के समय पुलिस के साथ हुई उनकी झडप का है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा विडियो के साथ किया गया दावा कि, “अमेठी के लोग स्मृति ईरानी की इतनी बेइज्जती करने के बाद ही अमेठी में अपना प्रचार करती है बहुत बेशर्म में ***” बिलकुल गलत है | यह विडियो २०१२ का है, जब रोहतक, हरयाणा में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी |

Title:क्या अमेठी के लोगों द्वारा बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी का विरोध किया गया ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
